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दिनशा वाचा का जीवन परिचय | Dinsha Edulji Wacha ka jeevan parichay | दिनशा एडुल्जी वाचा की लघु जीवनी हिंदी में |

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दिनशा वाचा का जीवन परिचय | दिनशा एडुल्जी वाचा का जीवन परिचय | दिनशा एडुल्जी वाचा की लघु जीवनी हिंदी में |  पूरा नाम: दिनशो एडुल्जी वाचा नाम: दिनशा वाचा  जन्मः 1844 ई. स्थान: मुंबई, भारत मृत्यु : 1936 ई. शिक्षा: एल्फिंस्टन कॉलेज पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्थापित संगठन: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दिनशा वाचा का जीवन परिचय |  सर दिनशॉ एडुल्जी वाचा जिन्हें दिनशा वाचा के नाम से भी जाना जाता है। बम्बई (मुंबई) के एक पारसी शख्स थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्य से एक थे। वाचा 1901 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। दिनशा इडल्जी वाचा का जन्म 1844 में हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में प्रमुख योगदान देने वाले मुंबई के तीन प्रमुख पारसी नेता में से एक थे। शुरुआत से ही कांग्रेस से जुड़े हुए। दिनशा 13 वर्ष तक यह संगठन विद्यमान रहा। और 1901 में कोलकाता कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। अपने अन्य दोनों साथी पारसी नेताओं, फ़िरोज़शाह मेहता और दादा भाई नौरोजी के सहयोग से सर दिनशा वाचा ने भारत की ग़रीबी और ग़रीब जनता से सरकारी करों के रूप में वसूल किए गए। धन के प्रयोग के विरुद्

वीणा दास का जीवन परिचय | Veena Das ka jeevan parichay | वीणा दास की लघु जीवनी हिंदी में |

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वीणा दास का जीवन परिचय | Veena Das ka jeevan parichay | वीणा दास की लघु जीवनी हिंदी में | नाम: वीणा दास जन्म: 24 अगस्त 1911ई. स्थान: कृष्णनगर, भारत मृत्यु: 26 दिसम्बर 1986 ई. स्थान: ऋषिकेश, उत्तराखंड पिता: बेनी माधव दास माता: सरला दास शिक्षा: बेथ्यून कॉलेज, सेंट जॉन्स डायोसेसन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी पुस्तकें: बीना दास: एक संस्मरण पुरस्कार: पद्म श्री पुरस्कार जेल यात्रा:'भारत छोड़ो आन्दोलन' के समय बीना दास को तीन वर्ष के लिये नज़रबन्द कर लिया गया था। 👉1946 से 1951 तक बीना दास बंगाल विधान सभा की सदस्य रही थीं। 👉बीना दास ने पुण्याश्रम संस्था' की स्थापना की। वीणा दास का जीवन परिचय |  वीणा दास बंगाल की भारतीय क्रान्तिकारी और राष्ट्रवादी महिला थीं। 6 फरवरी 1932 को उन्होने कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक दीक्षान्त समारोह में अंग्रेज़ क्रिकेट कप्तान और बंगाली गर्वनर स्टनली जैक्शन की हत्या का प्रयास किया था। क्रान्तिकारी बीना दास का जन्म 24 अगस्त, 1911 को ब्रिटिश कालीन बंगाल के कृष्णानगर में हुआ था। उनके पिता बेनी माधव दास बहुत प्रसिद्ध अध्यापक थे। और

दादा वासवानी का जीवन परिचय | Dada Vaswani ka jeevan parichay | जशन पहलाज राय वासवानी की लघु जीवनी हिंदी में |

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दादा वासवानी का जीवन परिचय | Dada Vaswani ka jeevan parichay | जशन पहलाज राय वासवानी की लघु जीवनी हिंदी में | पूरानाम: जशन पहलाजराय वासवानी नाम: दादा वासवानी जन्म: 2 अगस्त 1918 ई. स्थान: सिंध, ब्रिटिश भारत मृत्यु: 12 जुलाई 2018 ई. स्थान: पुणे महाराष्ट्र, भारत पिता: पहलाज राय  माता: कृष्णा देवी  गुरु: साधु वासवानी सम्मान: यू थांट शांति पुरस्कार दादा वासवानी का जीवन परिचय |  जशन पहलाजराय वासवानी जिन्हें दादा वासवानी के नाम से जाना जाता है। एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थे। उन्होंने  शाकाहार और पशु अधिकारों को बढ़ावा दिया। और अपने गुरु, साधु वासवानी द्वारा स्थापित साधु वासवानी मिशन में आध्यात्मिक प्रमुख थे।  मिशन, एक गैर-लाभकारी संगठन है। जिसका मुख्यालय भारत के पुणे में है। जिसके दुनिया भर में केंद्र हैं। वासवानी ने सिंधी और अंग्रेजी में लगभग 150 स्व-सहायता पुस्तकें लिखी हैं। दादा वासवानी का जन्म 2 अगस्त 1918 को हैदराबाद, सिंध में कृष्णादेवी और पहलाजराय वासवानी के घर हुआ था। उनके पिता पहलाजराय ने हैदराबाद ट्रेनिंग कॉलेज फॉर टीचर्स में काम किया। जो कराची के सभी प्राथमिक विद्यालयों के पर्यवेक्ष

दादाभाई नौरोजी का जीवन परिचय | Dadabhai Naoroji ka jeevan parichay | दादाभाई नौरोजी की लघु जीवनी हिंदी में |

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दादाभाई नौरोजी का जीवन परिचय | Dadabhai Naoroji ka jeevan parichay | दादाभाई नौरोजी की लघु जीवनी हिंदी में |   नाम: दादाभाई नौरोजी जन्म: 4 सितम्बर 1825 ई. स्थान:  नवसारी, भारत मृत्यु: 30 जून 1917 ई. स्थान: मुंबई, भारत पिता: नौरोजी पालंजी डोरडी माता: मानेकबाई नौरोजी पत्नी: गुलबाई शिक्षा: एल्फिंस्टन कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय पेशा: भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षक, लेखक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रसिद्ध: भारत के ग्रैंड ओल्ड मैन नारा: स्वराज्य स्थापित संगठन: ईस्ट इंडिया एसोसिएशन, पाकिस्तान नेशनल कांग्रेस, लंदन इंडियन सोसाइटी, जोरास्ट्रियन ट्रस्ट फंड्स ऑफ यूरोप पूर्व पद: यूनाइटेड किंगडम के संसद सदस्य 1892 से 1895 तक। 👉भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सह-संस्थापक और दूसरे, नौवें और 22वें अध्यक्ष 1886 से 1887 तक। दादाभाई नौरोजी का जीवन परिचय | दादाभाई नौरोजी जिन्हें "भारत के महापुरुष" और "भारत के अनौपचारिक राजदूत" के नाम से भी जाना जाता है। एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिक नेता, व्यापारी, विद्वान और लेखक थे। जिन्होंने 1886 से 1887,

दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय |Dada Dharmadhikari ka jeevan parichay | शंकर त्रिम्बक धर्माधिकारी की लघु जीवनी हिंदी में |

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  दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय |Dada Dharmadhikari ka jeevan parichay | शंकर त्रिम्बक धर्माधिकारी की लघु जीवनी हिंदी में |   नाम: दादा धर्माधिकारी जन्म: 18 जून 1899 ई. स्थान: बैतूल ज़िला, मध्य प्रदेश मृत्यु: 1 दिसंबर, 1985 ई. स्थान: सेवाग्राम, भारत भाषा: हिन्दी, संस्कृत, बंगला, अंग्रेज़ी  प्रसिद्धि: स्वतन्त्रता सेनानी तथा लेखक रचनाएँ:- अहिंसक क्रांति की प्रक्रिया, क्रांतिशोधक, गांधीजी की दृष्टी अगला कदम, युवा और क्रांति, समग्र सर्वोदय दर्शन, नये युग की नारी, प्रिय मुली, तरुणाई, आदि। जेल यात्रा: 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के दौरान इन्हें गिरफ़्तार किया गया था। 👉दादा धर्माधिकारी 'गांधी सेवा संघ' के सक्रिय कार्यकर्ता थे। 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की गिरफ्तारी से छूटने पर वे मध्य प्रदेश असेम्बली के सदस्य और संविधान परिषद के सदस्य चुने गए थे। दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय | शंकर त्र्यंबक धर्माधिकारी जिन्हें दादा धर्माधिकारी के नाम से जाना जाता है। एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलनों के नेता और प्रसिद्ध लेखक थे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों के प