दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय |Dada Dharmadhikari ka jeevan parichay | शंकर त्रिम्बक धर्माधिकारी की लघु जीवनी हिंदी में |

 


दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय |Dada Dharmadhikari ka jeevan parichay | शंकर त्रिम्बक धर्माधिकारी की लघु जीवनी हिंदी में | 

नाम: दादा धर्माधिकारी

जन्म: 18 जून 1899 ई.

स्थान: बैतूल ज़िला, मध्य प्रदेश

मृत्यु: 1 दिसंबर, 1985 ई.

स्थान: सेवाग्राम, भारत

भाषा: हिन्दी, संस्कृत, बंगला, अंग्रेज़ी 

प्रसिद्धि: स्वतन्त्रता सेनानी तथा लेखक

रचनाएँ:- अहिंसक क्रांति की प्रक्रिया, क्रांतिशोधक, गांधीजी की दृष्टी अगला कदम, युवा और क्रांति, समग्र सर्वोदय दर्शन, नये युग की नारी, प्रिय मुली, तरुणाई, आदि।

जेल यात्रा: 'भारत छोड़ो आन्दोलन' के दौरान इन्हें गिरफ़्तार किया गया था।

👉दादा धर्माधिकारी 'गांधी सेवा संघ' के सक्रिय कार्यकर्ता थे। 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की गिरफ्तारी से छूटने पर वे मध्य प्रदेश असेम्बली के सदस्य और संविधान परिषद के सदस्य चुने गए थे।


दादा धर्माधिकारी का जीवन परिचय |

शंकर त्र्यंबक धर्माधिकारी जिन्हें दादा धर्माधिकारी के नाम से जाना जाता है।

एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलनों के नेता और प्रसिद्ध लेखक थे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों के प्रबल अनुयायी थे।

दादा धर्माधिकारी का जन्म 18 जून,1899 को मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले में हुआ था।

उन्होंने इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज और उसके बाद नागपुर के मॉरिस कॉलेज में पढ़ाई की। उन्होंने करीब एक साल तक आदि शंकराचार्य के वेदान्तिक कार्यों का भी अध्ययन किया। वे नागपुर में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। कि महात्मा गाँधी जी ने उसी समय असहयोग आन्दोलन आरम्भ कर दिया। और दादा धर्माधिकारी ने 1920 में विद्यालय छोड़ दिया। उन्होंने औपचारिक शिक्षा की कोई डिग्री नहीं ली। किन्तु स्वाध्याय में अपने समय के विचारको में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया। दादा धर्माधिकारी ने हिंदी, मराठी, गुजराती,  बांग्ला, संस्कृत और अंग्रेजी भाषाओ के अच्छे ज्ञाता थे। दादा धर्माधिकारी ने तिलक विद्यालय, नागपुर में शिक्षक के रूप में कार्य आरम्भ किया। स्वतन्त्रता संग्राम में भी भाग लेते रहे। 1935 में वे वधा में आकर रहने लगे। वे 'गाँधी सेवा संघ' के सक्रिय कार्यकर्ता थे। दादा धर्माधिकारी का प्रमुख नेताओं से निकट का संपर्क था। 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की गिरफ्तारी से छूटने पर वे मध्य प्रदेश असेम्बली के सदस्य और संविधान परिषद के सदस्य चुने गए थे।आचार्य विनोबा भावे के 'भूदान आन्दोलन' में भी उन्होंने आगे बढ़कर भाग लिया।

दादा धर्माधिकारी ने अपने जीवन का लंबा समय दलितों और महिलाओं के उत्थान में लगाया। दादा वैचारिक क्रांति के पक्षधर थे। उनकी मान्यता थी कि समाज में परिवर्तन के लिए लोगों के विचारों में परिवर्तन आवश्यक है। दादा धर्माधिकारी का निधन 1 दिसम्बर, 1985 को हुआ।

दादा धर्माधिकारी की रचनाएँ:- अहिंसक क्रांति की प्रक्रिया, क्रांतिशोधक, गांधीजी की दृष्टी अगला कदम, युवा और क्रांति, समग्र सर्वोदय दर्शन, नये युग की नारी, प्रिय मुली, तरुणाई, मैत्री, आदि है।



टिप्पणियाँ

Read more

महान भारतीय वैज्ञानिक सी एन आर राव के पुरस्कार | Indian Scientist CNR Rao Award |

कवि बालकृष्ण राव का जीवन परिचय | Balakrishna Rao ka jeevan parichay | बालकृष्ण राव की जीवनी हिंदी में |

कुंभाराम आर्य का जीवन परिचय | Kumbha Ram Arya ka jeevan parichay | कुंभाराम आर्य की लघु जीवनी हिंदी में |

कुंवर सिंह का जीवन परिचय |  Kunwar Singh ka jeevan parichay | कुंवर सिंह  की लघु जीवनी हिंदी में |