महात्मा गांधी का जीवन परिचय।
भारतीय वकील मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 ईस्वी में पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। और उनकी मृत्यु 30 जनवरी सन् 1948 ईस्वी में गांधी की उस समय नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई।
12 फरवरी वर्ष 1948 में महात्मा गांधी के अस्थि कलश जिन्हें 12 तटों पर विसर्जित किए गए थे। इनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था। और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था। महात्मा गांधी का विवाह 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था। विवाह के दो साल बाद गांधी जी के पिता का निधन हो गया। और पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद उनकी पहली संतान हुई। लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ समय बाद ही उसकी मृत्यु हो गई। गांधी ने 1887 मैट्रिक की परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी से पुरी की और इसके आगे की परीक्षा के लिए भी भावनगर के शामलदास स्कूल में गए।
सितंबर 1818 ईस्वी को गांधी जी बारिस्टर पढ़ाई के लिए लंदन गए जहां पर उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में दाखिला लिया। गांधीजी शुरू से ही शाकाहारी थे और उन्होंने लंदन में भी अपने इस नियम को बनाए रखा। गांधीजी के व्यक्तित्व ने उसकी लंदन में एक अलग ही छवि प्रदान की। गांधीजी ने लंदन में थियोसोफिकल नामक सोसाइटी के मुख्य सदस्यों से मिले। सोसायटी की स्थापना विश्व बंधुत्व के लिए 1875 में हुई थी। और तो और इसमें बौद्ध धर्म सनातन धर्म के ग्रंथों का संकलन भी था। गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन 1920, और दलित आंदोलन 1932, स्वराज और नमक सत्याग्रह, डंडी यात्रा 1930, आदि आंदोलन किए गए।
मोहनदास करमचंद गांधी एक भारतीय वकील उपनिवेशवाद विरोधी राष्ट्रवादी और राजनीतिक नैतिकतावादी थे। जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के लिए सफल अभियान का नेतृत्व करने के लिए अहिंसक प्रतिरोध को अपनाया। उन्होंने दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया।
इनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी। जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें संसार में साधारण जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। इन्हें गुजराती भाषा में बापू अर्थात् पिता के नाम से भी स्मरण किया जाता है। एक मत के अनुसार गांधीजी को बापू सम्बोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति उनके साबरमती आश्रम के शिष्य थे ।सुभाष चन्द्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए। आज़ाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को इनका जन्म दिन भारत में गांधी जयन्ती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सन् 1942 में गाँधीजी ने 'भारत छोड़ो' का नारा दिया जो भारत में ब्रिटिश शासन के अंत का संकेत था।
Short Biography of Mahatma Gandhi
नाम: मोहनदास करमचंद गांधी
उपनाम: महात्मा गांधी, बापू
जन्म: 2 अक्तूबर 1869 ई. ई.स्थान: पोरबंदर, गुजरात
मृत्यु: 30 जनवरी,1948 ई. नई दिल्ली
पिता: करमचंद गांधी, माता: पुतलीबाई
पत्नी: कस्तूरबा, बच्चे: हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, देवदास गांधी, रामदास गांधी,
विद्यालय: बंबई यूनिवर्सिटी, सामलदास कॉलेज,यूनिवर्सिटी कॉलेज, लन्दन
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
व्यवसाय: वकील, उपनिवेशवाद, विरोधी, राजनीतिक, नैतिकतावादी
पुरस्कार: टाइम पर्सन ऑफ द ईयर 1930,
विशेष योगदान: भारत की स्वतन्त्रता, अहिंसक आन्दोलन, सत्याग्रह,
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महात्मा गांधी की लघु जीवनी छवि |
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