संत अच्युतानंद कौन थे?संत अच्युतानंद का जीवन परिचय | एवं #रचनाएं |
संत अच्युतानंद कौन थे?
अच्युतानन्द का जीवन परिचय।
अच्युतानन्द दास 16वीं सदी के कवि, द्रष्टा और उड़ीसा, के वैष्णव संत थे। कहते हैं कि उन्हें भूत, वर्तमान एवं भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त थी। वे महान लेखक थे। वे उन पाँच व्यक्तियों में से थे जिन्होने संस्कृत ग्रन्थों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके पूर्वी भारत में आध्यात्मिक क्रान्ति ला दी। उनका ओड़िया भाषा में रचित ग्रन्थ "शून्यसंहिता" प्रसिद्ध है।
रामदास के प्रश्न सुनकर अत्युतनन्द ने जो उपदेश दिया वे ही शून्यसंहिता में हैं।
महापुरुष अच्युतानन्द ने 36 संहिता, 78 गीता, 27 हरिबंशादि चरित,12 उपबंश चरित, 100 पुराण या माळिका की रचना की। इनके अतिरिक्त उन्होने अनेक भजन चौपदी भी लिखे हैं।
संत अच्युतानंद की रचनाएं
साहित्यिक कृतियाँ :- हरिबंश, आगत-भविष्य माळिका, भविष्य माळिका, गुरुभक्ति गीता, गरुड़ गीता, शून्य गीता, ज्ञानोदय कोइलि, शून्य संहिता, ब्रह्म संहिता, बीज संहिता, ज्योति संहिता, छाया संहिता, कल्प टीका, चन्द्रकल्प टीका,अष्ट गुजरी, बर्ण टीका, परम राहास, राधा रास, शून्य राहास, आदि इनकी रचनाएं हैं।
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संत अच्युतानंद |
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