गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय | Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi |

 

गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय |Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi | 


नाम: गोपाल गणेश आगरकर

जन्म: 14 जुलाई, 1856 ई.

स्थान: तेम्भू, सतारा, महाराष्ट्र 

मृत्यु: 17 जून,1895 ई.

स्थान: पुणे, भारत

पिता: गणेशराव आगरकर,

माता: सरस्वती अग्रकर

पत्नी: यशोदाबाई अगरकर

शिक्षा: बी.ए(1878), एम.ए(1880), 

विद्यालय: डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट

व्यवसाय: समाज सुधारक, शिक्षाविद्, लेखक, संपादक,

प्रसिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार

👉डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक।

👉1892 से 1895 तक ये फर्ग्युसन कॉलेज के प्राचार्य रहे

गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय। 

लोकमान्य बालगंगाधर के सहपाठी और सहयोगी गोपाल गणेश आगरकर जी का जन्म 14 जुलाई,1956 ईस्वी को महाराष्ट्र  में सतारा ज़िले के 'तेम्भू' नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम 'गणेशराव आगरकर' तथा माता का नाम 'सरस्वती आगरकर' था। उनकी शादी 'यशोदा' नाम की कन्या के साथ 1877 में हुई थी।उन्होंने पुणे के 'दक्कन कॉलेज' में उच्च शिक्षा कराड में प्राप्त की थी। और बाद में उन्होंने वहां एक अदालत में क्लर्क के रूप में काम किया। 1878 में, उन्होंने अपनी बी.ए की डिग्री प्राप्त की, और 1880 में उन्हें एम.ए से सम्मानित किया। गया। बाल गंगाधर तिलक के करीबी सहयोगी रहे। उन्होंने तिलक, विष्णुशास्त्री चिपलूनकर, महादेव बल्लाल नामजोशी, वीएस आप्टे, वीबी केलकर, एमएस गोले के साथ न्यू इंग्लिश स्कूल, डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी और फर्ग्यूसन कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थानों की सह-स्थापना की। और एनके धरप। वह साप्ताहिक केसरी अखबार के पहले संपादक और पत्रिका सुधारक के संस्थापक और संपादक थे। वह 1880 से 1881 में लोकमान्य तिलक द्वारा स्थापित एक प्रमुख मराठी भाषा के साप्ताहिक समाचार पत्र केसरी के पहले संपादक थे। तिलक के साथ वैचारिक मतभेद के कारण बाद में उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी। वे राजनीतिक सुधार बनाम सामाजिक सुधार की प्रधानता पर असहमत थे। अगरकर का मानना ​​था कि सामाजिक सुधार की आवश्यकता अधिक तत्काल थी। उन्होंने अपना खुद का पत्रिका सुधारक शुरू किया। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया। 1892 से 1895 तक वह फर्ग्यूसन कॉलेज के प्रिंसिपल रहे। गोपाल गणेश आगरकर भारत के महाराष्ट्र  प्रदेश के समाज सुधारक एवं पत्रकार थे। वे मराठी के प्रसिद्ध समाचार पत्र केसरी के प्रथम सम्पादक थे। किन्तु बाल गंगाधर तिलक से वैचारिक मतभेद के कारण उन्होने केसरी का सम्पादकत्व छोड़कर सुधारक नामक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया। आगरकर, विष्णु कृष्ण चिपलूणकर तथा तिलक "डेकन एजुकेशन सोसायटी" के संस्थापक सदस्य थे। वह फर्ग्युसन कोलेज के सह-संस्थापक थे। तथा फर्ग्युसन कोलेज के प्रथम प्रधानाचार्य थे ।

गोपाल गणेश अगरकर जीवन भर गंभीर अस्थमा से पीड़ित रहे और 17 जून 1895 को उनकी मृत्यु हो गई। अंधेरी, मुंबई में एक इलाके का नाम उनके नाम पर अगरकर चौक रखा गया है।

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