J.R.D TATA of Biography | जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा या जे.आर.डी टाटा की जीवन परिचय |

 

J.R.D TATA of Biography | जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा या जे.आर.डी टाटा की जीवनी | 

नाम: जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा

जन्म: 29 जुलाई, 1904 ई.

स्थान: पेरिस, फ़्राँस

मृत्यु: 29 नवम्बर 1993 ई.

स्थान: जिनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड

पिता: रतनजी दादाभाई टाटा,

माता: सुजैन ब्रियर

पत्नि: थेल्मा विकाजी टाटा,

शिक्षा: इंजीनियरिंग, 

विद्यालय: कैंब्रिज विश्वविद्यालय

सिटिज़नशिप: फ्रांस (1904-1928), भारत (1929-1993)

प्रसिद्धि: उद्योगपति, पेशा: व्यवसायी

स्थापित संगठन: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (1968), टाटा मोटर्स (1945), टाइटन इंडस्ट्रीज (1984), वोल्टास (1954) और एअर इंडिया (1932) के संस्थापक।

पुरस्कार: पद्म विभूषण (1957), भारत रत्न (1992), 'गुगेनहीम मेडल फॉर एवियेशन' (1988), 'लीजन ऑफ द ऑनर (1954)



जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा का जीवन परिचय। 

जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा एक भारतीय  विमान चालक, उद्योगपति, उद्यमी और टाटा समूह के अध्यक्ष थे।

जे आर डी टाटा का जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस, फ्रांस में एक भारतीय पारसी परिवार में हुआ था। वह व्यवसायी रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रांसीसी पत्नी, सुज़ैन "सूनी" ब्रियरे की दूसरी संतान थे। उनके पिता भारत के अग्रणी उद्योगपति जमशेदजी टाटा के चचेरे भाई थे। उनकी एक बड़ी बहन सिल्ला, एक छोटी बहन रोडाबेह और दो छोटे भाई दारब और जमशेद टाटा थे। टाटा की शिक्षा लंदन, जापान, फ्रांस और भारत में हुई। उन्होंने कैथेडरल और जॉन कोनोन स्कूल मुंबई में अपनी पढ़ाई पूरी की। जे. आर. डी. ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई 'कैंब्रिज विश्वविद्यालय' से की थी।

जे. आर. डी. टाटा भारत के पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट थे। 10 फ़रवरी, 1929 को जे. आर. डी. टाटा को पायलट का लाइसेंस दिया गया था। यह पहला मौका था, जब भारत में किसी व्यक्ति को पायलट का लाइसेंस जारी किया गया। 1932 ई. में जे. आर. डी. टाटा ने भारत की पहली विमानन सेवा 'टाटा एयरलाइंस' की आधार शिला रखी। यही एयरलाइंस 1946 में 'एयर इंडिया' के रूप में भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा बनी।

सन् 1945 में उन्होंने टाटा मोटर्स की स्थापना की। जेआरडी टाटा ने सन् 1948 में भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन के रूप में एयर इंडिया इंटरनेशनल का शुभारंभ किया। 

1987 में उन्होंने टाइटन इंडस्ट्रीज की स्थापना की। टाटा स्टील द्वारा पेश की गई जीवन की गुणवत्ता, स्वच्छता की स्थिति, सड़कों और कल्याण के कारण जमशेदपुर को संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट सिटी के रूप में भी चुना गया था। जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा या जे आर डी टाटा भारत के वायुयान उद्योग और अन्य उद्योगो के अग्रणी थे। वे रतनजी दादाभाई टाटा और उनकी फ्रांसीसी पत्नी सुज़ेन्न ब्रीरे के पांच संतानो मे से दुसरे थे। वे दशको तक टाटा ग्रुप के निर्देशक रहे और इस्पात, इंजीनीयरींग, होट्ल, वायुयान और अन्य उद्योगो का भारत मे विकास किया। 1932 में उन्होंने टाटा एयरलाइंस शुरू की। भारत के लिए महान इंजीनियरिंग कंपनी खोलने के सपने के साथ उन्होंने 1945 में टेल्को की शूरूआत की जो मूलतः इंजीनियरिंग और लोकोमोटिव के लिए थी। उन्हे वर्ष 1957 मे पद्म विभूषण और 1992 में भारत रत्न से सम्मनित किया गया।

जे. आर. डी. टाटा के योगदानों के कारण उन्हें दुनिया भर के तमाम पुरस्‍कारों से नवाजा गया। 1954 में फ़्राँस ने उन्हें अपने सर्वोच्‍च नागरिकता पुरस्कार 'लीजन ऑफ द ऑनर' से नवाजा। 1988 में उन्हें 'गुगेन‌हीम मेडल फॉर एवियेशन' प्रदान किया गया। 

आर. डी. टाटा का 89 वर्ष की आयु में वर्ष 29 नवम्बर, 1993 में जिनेवा (स्विट्ज़रलैण्ड) में निधन हो गया। उन‌की मृत्यु पर संसद ने अपनी कार्रवाई स्थगित कर दी थी। यह एक ऐसा सम्मान था। जो आमतौर पर केवल सांसदों को ही नसीब होता है। मरणोपरांत उन्हें पेरिस में ही दफ़नाया गया।


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