अम्बिका चक्रवर्ती का जीवन परिचय | Ambika Chakraborty ka jeevan parichay | अम्बिका चक्रवर्ती की जीवनी हिन्दी में |


अम्बिका चक्रवर्ती का जीवन परिचय | Ambika Chakraborty ka jeevan parichay | अम्बिका चक्रवर्ती की जीवनी हिन्दी में | 

नाम: अम्बिका चक्रवर्ती 

जन्म : जनवरी 1892 ई.

स्थान: चटगांव, ब्रिटिश भारत

निधन: 6 मार्च, 1962 ई.

स्थान: कोलकाता, भारत

पिता: नंद कुमार चक्रवर्ती

पार्टी: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

कार्य: दो दलों का किया गठन, अंग्रेजों के खिलाफ जंग

👉 1924 और 1949 में जेल गए 'कम्युनिस्ट पार्टी' के सदस्य बने।

👍1952 में पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य चुने गए।

अम्बिका चक्रवर्ती का जीवन परिचय।

अम्बिका चक्रवर्ती भारत के प्रसिद्ध क्रान्तिकारी वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्य थे।

चटगाँव (बंगाल) शस्त्रागार केस के प्रसिद्ध क्रान्तिकारी और कम्युनिस्ट नेता अंबिका चक्रवर्ती का जन्म 1892 ई. में म्यांमार में हुआ था। बाद में उनका परिवार चटगाँव में आकर रहने लगा। अंबिका के ऊपर उस समय के क्रान्तिकारियों और स्वामी विवेकानन्द के विचारों का बड़ा प्रभाव पड़ा। उनके विचार और कार्य क्रान्तिकारी थे। पर प्रकट रूप से उन्होंने कांग्रेस संगठन से भी निकट का सम्बन्ध रखा। शीघ्र ही वे क्रान्तिकारियों के चटगाँव समूह के नेता बन गए। 1924 में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और 1928 तक वे जेल में रहे।अंबिका चक्रवर्ती के पिता का नाम नंद कुमार चक्रवर्ती था। वह चटगांव जुगंतार पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने सूर्य सेन के नेतृत्व में चटगांव शस्त्रागार छापे में भाग लिया।18 अप्रैल 1930 को, उन्होंने क्रांतिकारियों के एक समूह का नेतृत्व किया। जिन्होंने चटगांव में पूरी संचार प्रणाली को नष्ट कर दिया। 22 अप्रैल 1930 को जलालाबाद में ब्रिटिश सेना के साथ गोलीबारी में वे गंभीर रूप से घायल हो गये। लेकिन वह भागने में सफल रहा। कुछ महीनों के बाद, उन्हें पुलिस ने उनके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। और मौत की सजा सुनाई। हालाँकि, बाद में सजा को पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में आजीवन कारावास में बदल दिया गया। और सज़ा देकर उनको अंडमान भेज दिया गया। 1946 में सेल्युलर जेल से रिहा होने के बाद चक्रवर्ती भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गये। कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में भी उन्होंने 1949 से 1951 तक जेल की सज़ा काटी। 1952 में, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में टॉलीगंज निर्वाचन क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए चुने गए। उसी वर्ष वह बंगाल प्रांतीय विधान सभा के लिए चुने गए।

अम्बिका चक्रवर्ती जैसे वीर और साहसी देशभक्त का 6 मार्च 1962 को एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया।

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