अमीर ख़ुसरो का जीवन परिचय | Amir Khusrow ka jeevan parichay | अमीर ख़ुसरो की जीवनी हिन्दी में |
अमीर ख़ुसरो का जीवन परिचय | Amir Khusrow ka jeevan parichay | अमीर ख़ुसरो की जीवनी हिन्दी में |
पूरानाम: अबुल हसन यामीन उद-दीन खुसरौ
नाम: अमीर ख़ुसरो
जन्म: 1253 ई.
स्थान: पटियाली (एटा), भारत
मृत्यु: 1325 ई.
स्थान: दिल्ली, भारत
समाधि: दरगाह निज़ामुद्दीन औलिया, नई दिल्ली,
पिता: अमीर सैफ़ उद-दीन महमूद ,
माता: हज़रत बीबी दौलत नाज़
गुरु: निज़ामुद्दीन औलिया
उपाधि: तूती-ए-हिंद
व्यवसाय: सूफी, गायक, कवि, संगीतकार, लेखक, विद्वान
विषय: ग़ज़ल, कव्वाली, रुबाई, तराना
भाषा: ब्रज भाषा, हिन्दी, फ़ारसी
रचनाएँ: मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईने-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश, नुह सिफ़िर, खुसरो की पहेलियाँ, खालिकबारी, मुकरिया, श्रृंगारी, दो सुखने, गज़ल, ख़याल, कव्वाली, रुबाई, तुग़लकनामा, बाक़िया नाक़िया, आदि है।
👉अमीर खुसरो की प्रसिद्ध रचना तुगलक नामा है?
👉निज़ामुद्दीन औलिया एक सूफ़ी संत थे। वो अमीर खुसरो के गुरु थे।
👉अमीर खुसरो का दूसरा नाम अबुल हसन यमीनुद्दीन था।
👉खड़ी बोली हिन्दी के प्रथम कवि अमीर खुसरो सूफीयाना कवि थे।
👉अमीर खुसरो को भारत का तोता (तूती-ए-हिंद) कहां जाता है।
👉अमीर खुसरो "अलाउद्दीन खिलजी" के दरबारी कवि थे।
👉अमीर ख़ुसरो को "उर्दू साहित्य के पिता", "भारत की आवाज़" या "भारत का तोता" के रूप में जाना जाता है।
👉अमीर ख़ुसरो को "कव्वाली का जनक" भी कहा जाता है। और उन्हें कव्वाली के निर्माण का श्रेय दिया जाता है।
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