कवि बालकृष्ण राव का जीवन परिचय | Balakrishna Rao ka jeevan parichay | बालकृष्ण राव की जीवनी हिंदी में |
कवि बालकृष्ण राव का जीवन परिचय | Balakrishna Rao ka jeevan parichay | बालकृष्ण राव की जीवनी हिंदी में |
नाम: बालकृष्ण राव
मृत्यु: सन् 1913 ई.
स्थान: प्रयाग, उत्तर प्रदेश
स्थान: सन् 1975 -76 ई.
बालकृष्ण राव का जीवन परिचय।
बालकृष्ण राव का जन्म इलाहबाद में सन् 1913 में प्रसिद्ध नेता सर सी वाई. चिंतामणि के घर हुआ। इन्होने सन 1937 में आई सी एस. की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसके पश्चात ये इंग्लैंड गए और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में कुछ समय तक शिक्षा प्राप्त की।
श्री राव बचपन से ही काव्य प्रेमी थे। इन्होने छायावादी भावधारा की पहली कविता सन 1931 में लिखी जो की माधुरी में प्रकाशित हुई। बाद में ये नयी कविता के साथ जुड़ गए। ये जीवन भर साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े रहे। हिंदी साहित्य संघ लखनऊ, तथा केन्द्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा के अध्यक्ष भी रहे। ये हिंदी साहित्य सम्मलेन प्रमुख समिति के सदस्य रहे। इन्होने माध्यम नामक पत्रिका का संपादन भी किया। ये गोरखपुर तथा आगरा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भी रहे। सन 1976 में इनकी मृत्यु हो गयी।
बालकृष्ण राव हिन्दी के कवि एवं संपादक थें। ये हिंदी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद की माध्यम पत्रिका के पहले सम्पादक बने।कादम्बिनी पत्रिका का संपादन किया। एवं भारत सरकार के आकाशवाणी विभाग में रहकर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए। इनकी अनेक आलोचनाएँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। 1953 में कवि भारती के सह सम्पादक रहे।
बालकृष्ण राव की भाषा शैली ब्रज भाषा और खड़ी बोली में लिखी इनकी रचनाएं अत्यंत मनोहर बन पड़ी है। इनकी भाषा साफ़ सुथरी, सधी और कसी हुई है। आपकी शैली प्रवाहमयी चित्रात्मक एवं प्रभावशाली है जिसमें इनकी असाधारण प्रतिभा के दर्शन होते हैं।
बालकृष्ण राव की रचनाएँ: अर्धशती, कौमुदी, आभास, कवि और छवि, राहबीती, हमारी राह, विक्रांत सैम्प्सन, कौन जाने, आज ही होगा, इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ व काव्य ग्रन्थ है।
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