सोहन लाल द्विवेदी का जीवन परिचय | Sohan Lal Dwivedi ka jeevan parichay | सोहन लाल द्विवेदी की लघु जीवनी हिंदी में |
सोहन लाल द्विवेदी का जीवन परिचय | Sohan Lal Dwivedi ka jeevan parichay | सोहन लाल द्विवेदी की लघु जीवनी हिंदी में |
नाम: सोहन लाल द्विवेदी
जन्म: 22 फरवरी 1906 ई.
स्थान: बिंदकी,उ.प्र.,भारत
मृत्यु: 1 मार्च 1988 ई.
स्थान: कानपुर, भारत
पिता: वृन्दावनप्रसाद द्विवेदी
माता: सार्वित द्विवेदी
शिक्षा: एम.ए.
भाषा: खड़ी बोली का प्रयोग
लेखन विधा: काव्य, बाल-साहित्य
प्रथम रचना: भैरवी 1941
काल: आधुनिक काल
सम्पादन: अधिकार, बालसखा
शैली: प्रबन्ध एवं मुक्तक दोनों शैली का प्रयोग
व्यवसाय: कवि, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी
पुरस्कार: पद्मश्री 1969,
प्रमुख रचनाएँ : भैरवी, पूजागीत, जय गांधी, सेवाग्राम, प्रभाती, युगाधार, कुणाल, चेतना, गान्ध्ययन, अंधेरी राठ, विषपान, हम बलवीर, बाँसुरी, तथा बच्चों के लिए दूधबतासा, आदि।
सोहन लाल द्विवेदी का जीवन परिचय।
कवि सोहन लाल द्विवेदी गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी और एक भारतीय कवि थे। सोहन लाल द्विवेदी का जन्म 22 फरवरी सन् 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले की तहसील बिन्दकी ग्राम सिजौली नामक स्थान में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री वृन्दावनप्रसाद द्विवेदी और माता का नाम सार्वित द्विवेदी था। सोहन लाल द्विवेदी की शिक्षा हिंदी में मास्टर डिग्री (एम.ए) हासिल की। और संस्कृत में उच्च अध्ययन किया।
कवि सोहन लाल द्विवेदी हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। ऊर्जा और चेतना से भरपूर रचनाओं के इस रचयिता को राष्ट्रकवि की उपाधि से अलंकृत किया गया। अपनी देशभक्ति कविताओं जैसे:- तुम्हें नमन, महात्मा गांधी पर एक कविता, अली रचो चांद, गिरिराज, मातृभूमि, प्रकृति संदेश, जय राष्ट्र निशान, रे मन, वंदना और हिमालय, आदि। वे महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे। और निम्नलिखित पंक्तियों में उन्होंने गांधीजी की लोकप्रियता का वर्णन किया है। द्विवेदी जी ने बालोपयोगी रचनाएँ भी लिखीं। जो हिन्दी जगत में अत्यन्त लोकप्रिय हुई हैं। इन्होंने गांधीवाद के भावतत्व को वाणी देने का सार्थक प्रयास किया है। और सफल ढंग से काव्य बनाकर 'जन साहित्य' बनाने के लिए उसे मर्मस्पर्शी और मनोरम बना दिया है।
सन् 1941 में देश प्रेम से लबरेज भैरवी, सोहन लाल द्विवेदी की प्रथम प्रकाशित रचना थी।
सोहन लाल द्विवेदी 1 मार्च 1988 को द्विवेदी का कानपुर में निधन हो गया। एक राष्ट्रीय कवि के रूप में माने जाने वाले कवि है। उन्हें 1969 में भारत सरकार द्वारा चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
सोहन लाल द्विवेदी की रचनाएँ : भैरवी, पूजागीत सेवाग्राम, प्रभाती, युगाधार, कुणाल, चेतना, अंधेरी राठ, हम बलवीर, बाँसुरी, तथा बच्चों के लिए दूधबतासा, और उनकी अन्य उल्लेखनीय कृतियाँ हैं।
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