हास्य कवि, काका हाथरसी का जीवन परिचय |काका हाथरसी की सभी रचनाएँ | Kaka Hathrasi ka jeevan parichay | प्रभुलाल गर्ग की जीवनी हिन्दी में |
हास्य कवि, काका हाथरसी का जीवन परिचय |काका हाथरसी की सभी रचनाएँ | Kaka Hathrasi ka jeevan parichay | प्रभुलाल गर्ग की जीवनी हिन्दी में |
पूरानाम: प्रभुलाल गर्ग उर्फ़ काका हाथरसी
असली नाम: प्रभुलाल गर्ग
उपनाम: काका हाथरसी
जन्म: 18 सितम्बर 1906 ई.
स्थान: हाथरस, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु: 18 सितम्बर 1995 ई.
पिता: शिवलाल गर्ग
माता: बरफी देवी
पत्नी: रतन देवी
पेशा: व्यंग्यकार, हास्य कवि-लेखक
प्रसिद्धि: हास्य कवि
फिल्म: जमुना किनारे
पुरस्कार: कला रत्न (1966), पद्मश्री (1985), आनरेरी सिटीजन (1989),
रचनाएँ: काका के चुटकुले, काका की फुलझड़ियाँ, खिलखिलाहट, काका तरंग, यार सप्तक, काका के व्यंग्य बाण काका, जय बोलो बेईमान की, काका के प्रहसन, कूटनीति मंथन करि, काका के कारतूस, काकादूत, हंसगुल्ले, काका के कहकहे, भ्रष्टाचार, दहेज की बारात, सफल नेता, सफल लेखक, शिक्षा-पद्धति, मँहगाई, काका की चौपाल, हास्य के गुब्बारे, आदि।
👉काका हाथरसी के नाम से चलाया गया। 'काका हाथरसी पुरस्कार' प्रतिवर्ष एक सर्वश्रेष्ठ हास्य कवि को प्रदान किया जाता है।
👉1989 में काका को अमेरिका के वाल्टीमौर ने 'आनरेरी सिटीजन' के सम्मान से सम्मानित किया था।
👉1932 में काका ने हाथरस में संगीत की उन्नति के लिये 'गर्ग ऐंड कम्पनी' की स्थापना की, जिसका नाम बाद में 'संगीत कार्यालय हाथरस' हुआ।
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