केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय | Kedarnath Singh ka jeevan parichay | केदारनाथ सिंह की लघु जीवनी हिंदी में |


केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय | Kedarnath Singh ka jeevan parichay | केदारनाथ सिंह की लघु जीवनी हिंदी में | 

नाम: केदारनाथ सिंह 

जन्म: 7 जुलाई 1934 ई.

स्थान: चकिया,(उ०प्र०), भारत

मृत्यु: 19 मार्च 2018 ई.

स्थान: नई दिल्ली, भारत

पिता: डोमन सिंह 

माता: लालझरी देवी 

शिक्षा: एम.ए. (हिंदी), पीएचडी,

विद्यालय: काशी हिंदू विश्वविद्यालय 

पेशा: कवि, लेखक

भाषा: साहित्यिक खड़ीबोली।

शैली: मुक्तक।

लेखन विधा: कविता, निबन्ध, कहानी।

पुरस्कार: साहित्य अकादमी पुरस्कार (1989), ज्ञानपीठ पुरस्कार (2013), व्यास पुरस्कार, 

साहित्य में स्थान: काव्य-साहित्य के आधुनिक कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान।

रचनाएँ: कविता संग्रह:- अभी बिल्कुल अभी 1960, जमीन पक रही है 1980, यहाँ से देखो 1983, बाघ 1996, अकाल में सारस 1988, उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ 1995, तालस्ताय और साइकिल 2005, सृष्टि पर पहरा 2014, आलोचना:- कल्पना और छायावाद, आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान, मेरे साक्षात्कार, संपादन:- ताना-बाना, समकालीन रूसी कविताएँ, कविता दशक, साखी, निबंध और कहानियाँ:- मेरे समय के शब्द, कल्पना और छायावाद, हिंदी कविता में बिंब विधान, कब्रिस्तान में पंचायत, आदि।

केदारनाथ सिंह का जीवन परिचय।

केदारनाथ सिंह हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार का जन्म 7 जुलाई 1934 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में एक गौतम क्षत्रिय राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी से पूरी की। उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से 1956 में एम.ए. पास किया। और 1964 में पीएचडी की। एक ही विश्वविद्यालय से गोरखपुर में। उन्होंने हिंदी शिक्षक के रूप में कुछ समय बिताया। और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चले गए। जहां उन्होंने प्रोफेसर और भारतीय भाषा केंद्र में हिंदी भाषा विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया। और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वह नई दिल्ली में रहते थे। 19 मार्च 2018 को दिल्ली में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

केदारनाथ सिंह की प्रमुख काव्य कृतियां जमीन पक रही है, यहां से देखो, उत्तर कबीर, टालस्टॉय और साइकिल और ‘बाघ’ हैं। उनकी प्रमुख गद्य कृतियां ‘कल्पना और छायावाद’, ‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान’ और ‘मेरे समय के शब्द’ आदि हैं।

केदारनाथ सिंह को 2013 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार,1989 में उनकी कृति ‘अकाल में सारस’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा उन्हें व्यास सम्मान, मध्य प्रदेश का मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, उत्तर प्रदेश का भारत-भारती सम्मान, बिहार का दिनकर सम्मान तथा केरल का कुमार आशान सम्मान मिला था। वर्ष 2013 में उन्हें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वह हिन्दी के दसवें साहित्यकार थे।

केदारनाथ सिंह एक भारतीय कवि थे जिन्होंने हिंदी में लिखा था।  वह एक प्रख्यात आलोचक और निबंधकार भी थे। भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी 10 नवंबर, 2014 को नई दिल्ली में एक समारोह में श्री केदारनाथ सिंह को 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया। 


टिप्पणियाँ

Read more

महान भारतीय वैज्ञानिक सी एन आर राव के पुरस्कार | Indian Scientist CNR Rao Award |

कवि बालकृष्ण राव का जीवन परिचय | Balakrishna Rao ka jeevan parichay | बालकृष्ण राव की जीवनी हिंदी में |

कुंभाराम आर्य का जीवन परिचय | Kumbha Ram Arya ka jeevan parichay | कुंभाराम आर्य की लघु जीवनी हिंदी में |

कुंवर सिंह का जीवन परिचय |  Kunwar Singh ka jeevan parichay | कुंवर सिंह  की लघु जीवनी हिंदी में |