प्रसून जोशी का जीवन परिचय | Prasoon Joshi ka jeevan parichay | प्रसून जोशी की लघु जीवनी हिन्दी में |
प्रसून जोशी का जीवन परिचय | Prasoon Joshi ka jeevan parichay | प्रसून जोशी की लघु जीवनी हिन्दी में |
नाम: प्रसून जोशी
जन्म: 16 सितम्बर 1968 ई.
स्थान: अल्मोडा, उत्तराखंड, भारत
पिता: देवेन्द्र कुमार जोशी
माता: सुषमा जोशी
पत्नी: अपर्णा जोशी
शिक्षा: एम.एससी, एम.बी.ए.
व्यवसाय: कवि, लेखक, संचार विशेषज्ञ
पुरस्कार: पद्म श्री (2015), फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार (2007, 2008, और 2014), शैलेंद्र सम्मान, आदि।
प्रसिद्धि': दिल्ली 6, तारे ज़मीन पर, रंग दे बस्ती, हम तुम, और ‘फना’ जैसी फ़िल्मों में कई सुपरहिट गाने लिखे हैं।
पुस्तक: सनशाइन लेन्स, समाधान, दर्द सो रहा है, खुद से बातचीत, मैं और वो, आदि।
कवि प्रसून जोशी का जीवन परिचय।
प्रसून जोशी हिन्दी कवि, लेखक, पटकथा लेखक और भारतीय सिनेमा के गीतकार हैं।
प्रसून जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दन्या गाँव में 16 सितम्बर 1968 को हुआ था। उनके पिता का नाम देवेन्द्र कुमार जोशी और माता का नाम सुषमा जोशी है। उनका बचपन एवं उनकी प्रारम्भिक शिक्षा टिहरी, गोपेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं
नरेन्द्रनगर में हुई। प्रसून ने भौतिकी में बीएससी और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। फिर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद से एम.बी.ए करने के लिए चुने गए। अपनी एमबीए शिक्षा के दौरान उन्होंने संस्कृति और कला के प्रति अपने प्यार और अपने संकाय को व्यावसायिक गतिशीलता के साथ जोड़ने और विज्ञापन में अपना करियर बनाने का फैसला किया।
प्रसून जोशी मैककैन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया के सीईओ और वैश्विक विपणन फर्म मैककैन एरिकसन की सहायक कंपनी एपीएसी (एशिया प्रशांत) के अध्यक्ष हैं। उन्हें 11 अगस्त 2017 को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था ।
प्रसून जोशी की पुस्तक, सनशाइन लेन्स , उनके गीतों का एक संग्रह, जनवरी 2013 में जयपुर साहित्य महोत्सव में लॉन्च किया गया था। प्रसून की नवीनतम पुस्तक 'थिंकिंग अलाउड' उभरते भारत पर निबंधों का संग्रह 2016 में प्रकाशित हुई थी। उनकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हुई है। दिल्ली 6, तारे ज़मीन पर, रंग दे बसंती, हम तुम, और फना, जैसी फ़िल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे हैं। फ़िल्म लज्जा, आंखें, क्योंकि, में संगीत दिया है। ‘ठण्डा मतलब कोका कोला’ एवं ‘बार्बर शॉप-ए जा बाल कटा ला’ जैसे प्रचलित विज्ञापनों के कारण उन्हे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता मिली।
उन्होंने 2007 में फिल्म फना के लिए " चाँद सिफ़रिश " और 2008 में तारे ज़मीन पर के लिए "माँ" के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार जीता । उन्होंने दो बार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। पहला तारे ज़मीन पर में उनके काम के लिए और दूसरा 2013 में चटगांव के लिए। उन्होंने 2014 की पुरस्कार विजेता फिल्म भाग मिल्खा भाग की पटकथा भी लिखी है। सीबीएफसी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने फिल्म निर्माताओं और सामाजिक संवेदनाओं के बीच अच्छा संतुलन बनाए रखा है। विवाद के बजाय संवाद चर्चा शुरू की है और सीबीएफसी की कार्यक्षमता को डिजिटल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
प्रसून जोशी को तीन बार 2007 और 2008 में और फिर 2014 में हिंदी फिल्म भाग मिल्खा भाग के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार मिला है। प्रसून को कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2015 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। वह आईजीएनसीए के ट्रस्टियों में से एक हैं। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी पैनल के सदस्य हैं। और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय समिति के चुनिंदा 120 सदस्यों में से एक हैं ।
इनकी पुस्तक: सनशाइन लेन्स, समाधान, दर्द सो रहा है, खुद से बातचीत, मैं और वो, आदि।
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