रवीन्द्र प्रभात का जीवन परिचय | Ravindra Prabhat ka jeevan parichay | रवीन्द्र प्रभात की लघु जीवनी हिंदी में |
रवीन्द्र प्रभात का जीवन परिचय | Ravindra Prabhat ka jeevan parichay | रवीन्द्र प्रभात की लघु जीवनी हिंदी में |
नाम: रवीन्द्र प्रभात
उपनाम: प्रभात
जन्म: 5 अप्रैल, 1969 ई.
स्थान: सीतामढी, बिहार
पत्नी: एम. प्रभात
शिक्षा: पत्रकारिता तथा जन संचार में स्नात्कोत्तर
विषय: साहित्य और ब्लॉग
पेशा: कवि, लेखक, साहित्यकार, पत्रकार
शैली: कविता, ग़ज़ल, कहानी लेखन और ब्लॉग आलोचना
प्रसिद्धि: न्यु मिडिया विशेषज्ञ के रूप में
पुरस्कार: संवाद सम्मान 2009, सृजनश्री सम्मान 2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान 2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान 2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान 2012, आदि
प्रसिद्ध रचनाएँ: हम सफर, मत रोना रमजानी चाचा, स्मृतिशेष, ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, प्रेम न हाट बिकाय, आदि।
रचनाएँ: उपन्यास:- ताकि बचा रहे लोकतंत्र 2011, प्रेम न हट बिके 2012, प्रतिश्रुति, धरती पकड़ निर्दलीय 2013, लखनऊआ कक्का 2018, कश्मीर 370 किलोमीटर, धरतीपुत्री सीता 2020
कविता संग्रह:- हम सफर 1991(प्रभात जी का पहला कविता संग्रह), मत रोना रमजानी चाचा 1999, स्मृति शेष 2002,
ग़ज़ल संग्रह:- हमसफर 1991, मत रोना रमज़ानी चाचा 1999,
पत्रिकाएँ:- परिकल्पना समय, वटवृक्ष, हमारी वाणी, साहित्यंजलि, संवाद, उर्विजा, फगुनाहट,
कवि रवीन्द्र प्रभात का जीवन परिचय ।
रवीन्द्र प्रभात भारत के एक हिंदी भाषा के उपन्यासकार, पत्रकार, कवि और लघु कथाकार हैं।
प्रभात का जन्म 5 अप्रैल 1969 को भारत के सीतामढी के महिंदवारा गांव में हुआ था । उनका पालन-पोषण और प्राथमिक शिक्षा महिन्दवाड़ा में हुई। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बेला परिहार के राजकीय प्राथमिक विद्यालय और सीतामढ़ी के ओरियंटल मध्य विद्यालय, मथुरा उच्च विद्यालय तथा राधा कृष्ण गोएनका कॉलेज में हुई। इन्होने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर से भूगोल के साथ स्नातक प्रतिष्ठा की पढ़ाई पूरी की और बाद में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर डिग्री ली। ब्राह्मण पारिवारिक संस्कृति के अनुसार, उन्होंने ग्यारह वर्ष की आयु में उपनयन दीक्षा ली। उन्होंने 18 मई 1989 को बेतिया में एम. प्रभात से शादी की । उनका एक बेटा और दो बेटियां हैं।
रवीन्द्र प्रभात भारत के हिन्दी कवि, व्यंग्यकार, स्तंभकार, सम्पादक और ब्लॉग विश्लेषक हैं। रवीन्द्र प्रभात की पहली कविता 1987 में 'किसलय' में प्रकाशित हुई। उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य और गज़ल में उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। 1991 में प्रकाशित अपने पहले गज़ल संग्रह "हमसफर" से पहली बार वे चर्चा में आये। लखनऊ से प्रकाशित हिन्दी दैनिक 'जनसंदेश टाईम्स' और 'डेली न्यूज एक्टिविस्ट' के वे नियमित स्तंभकार रह चुके हैं। उनके व्यंग्य स्तंभ पर आधारित उपन्यास धरती पकड़ निर्दलीय प्रकाशित हुआ। प्रभात हिन्दी चिट्ठाजगत में न्यु मिडिया विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं।और हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास लिखने वाले वे पहले इतिहासकार बने हैं।
वे ब्लॉग साहित्यिक पुरस्कार परिकल्पना सम्मान के संस्थापक हैं। यह सम्मान प्रत्येक वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन में देश-विदेश से आए चिरपरिचित ब्लॉगर्स की उपस्थिति में प्रदान किया जाता है। अबतक यह सम्मान समारोह नई दिल्ली, लखनऊ तथा काठमांडू, में आयोजित हो चुके हैं। इसे परिकल्पना समय पत्रिका और गैर-सरकारी संगठन परिकल्पना द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। पहला परिकल्पना पुरस्कार 30 अप्रैल 2011 को प्रदान किया गया था।
रवीन्द्र प्रभात की रचनाएँ: हम सफर, मत रोना रमजानी चाचा, स्मृतिशेष, ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, प्रेम न हाट बिकाय, हिन्दी ब्लॉगिंग अभिव्यक्ति की नयी क्रान्ति, हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास, कश्मीर 370 किलोमीटर, धरती पकड़ निर्दलीय, प्रेम न हट बिके, आदि।
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