सोम ठाकुर का जीवन परिचय | Som Thakur ka jeevan parichay | सोम प्रकाश ठाकुर की लघु जीवनी हिंदी में |


सोम ठाकुर का जीवन परिचय | Som Thakur ka jeevan parichay | सोम प्रकाश ठाकुर की लघु जीवनी हिंदी में | 

पुरानाम: सोम प्रकाश ठाकुर

नाम: सोम ठाकुर

जन्म: 5 मार्च 1934 ई. 

स्थान: आगरा, उत्तर प्रदेश

पिता: दीपचन्द ठाकुर 

माता: श्यामदेवी

पत्नी: सुमन लता

विद्यालय: आगरा कॉलेज, आगरा 

शिक्षा: बी.ए, एम.ए.

प्रसिद्धि: ब्रजभाषा के छंद और लोक गीतों के रचनाकार।

पुरस्कार: भारतीय आत्मा पुरस्कार, ब्रजभाषा पुरस्कार, महीयसी महादेवी वर्मा पुरस्कार, 

रचनाएँ: अभियान, एक ऋचा पाटल को, चंदन और अबीर, लोकप्रिया, ब्रज-छन्दिमा, आदि।

👉1959 से 1963 तक आपने 'आगरा कॉलेज' में अध्यापन कर्य किया और फिर 1963 से 1969 तक 'सेन्ट जोन्स कॉलेज', आगरा में पढ़ाया। उसके बाद में इस्तीफा देकर मैनपुरी चले गए।


सोम ठाकुर का जीवन परिचय।

सोम ठाकुर हिन्दी के कवि एवं नवगीतकार  हैं। कवि सोम ठाकुर का जन्म 5 मार्च, 1934 को अहीर पाड़ा, राजामंडी, आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम दीपचन्द ठाकुर तथा माता श्रीमति श्यामदेवी थीं। माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण इनका पालन-पोषण बड़े प्यार से हुआ। इनका बाल्यकाल का नाम सोम प्रकाश ठाकुर रखा गया था, किंतु कविता लिखने के पश्चात् इनके नाम से 'प्रकाश' हट गया और प्रसिद्ध कवि तथा गीतकार प्रो. जगत प्रकाश चतुर्वेदी के कहने पर इनका नाम सिर्फ़ सोम ठाकुर रह गया। जन्म के गणित के अनुसार इनका नाम निरंजन सिंह था। सोम ठाकुर को दस वर्ष तक घर पर ही अंग्रेज़ी, गणित तथा हिन्दी की पढ़ाई मास्टर पंडित रामप्रसाद तथा पंडित सेवाराम द्वारा करवाई। 5वीं कक्षा से 10वीं कक्षा तक की शिक्षा इन्होंने 'गवर्नमेंट हाईस्कूल', आगरा से प्राप्त की। हाईस्कूल के बाद इन्होंने 'आगरा कॉलेज' से जीव विज्ञान के साथ इण्टर किया और फिर बी.एस.सी. की पढ़ाई करने लगे। लेकिन इसी बीच सोम ठाकुर की रुचि साहित्य  और हिन्दी कविता की ओर हो गई। अत: उन्होंने बी.एस.सी. छोड़ दी। अब सोम ठाकुर ने अंग्रेज़ी साहित्य और  हिन्दी साहित्य के साथ बी.ए. किया और फिर हिन्दी से एम.ए. किया।

सोम ठाकुर का विवाह सुमन लता से 5 मई, 1954 को संपन्न हुआ। इनकी पत्नी सुमन लता ने पग-पग पर जीवन संघर्ष में इनका साथ दिया। 

सोम ठाकुर बड़े ही सहज, सरल व संवेदनशील व्यक्तित्व के कवि हैं। अपने कुशल व्यवहार तथा मधुर कंठ के कारण 21 जून, 1955 में आकाशवाणी,  दिल्ली से भी सोम ठाकुर को कवितायें पढ़ने का अवसर प्राप्त होने लगा। सन  1961 से ब्रजभाषा में सोम ठाकुर ने अपनी वाणी में कविता लिखना प्रारंभ कर दिया था।

सोम ठाकुर  मुक्तक, ब्रजभाषा के छंद और बेमिसाल लोक गीतों के वरिष्ठ एवं लोकप्रिय रचनाकार हैं। वे बड़े ही सहज, सरल व संवेदनशील व्यक्तित्व के कवि है। इन्होंने 1959 से 1963 तक 'आगरा क़ोलेज', उत्तर प्रदेश में अध्यापन कार्य भी कराया। वर्ष 1984 में सोम ठाकुर पहले कनाडा, फिर हिन्दी के प्रसार के लिए मॉरिसस भेजे गए। बाद में ये अमेरिका चले गए। वापस लौटने पर इन्हें 'उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान' का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया। इनके उल्लेखनीय योगदान के लिए इन्हें 2006 में 'यशभारती सम्मान' और वर्ष 2009 में दुष्यंत कुमार अलंकरण प्रदान किया गया।

सोम प्रकाश ठाकुर की रचनाएँ: अभियान, एक ऋचा पाटल को, चंदन और अबीर, लोकप्रिया, ब्रज-छन्दिमा, आदि।

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