कुंवर चैन सिंह का जीवन परिचय | Kunwar Chain Singh ka jeevan parichay | कुंवर चैन सिंह की लघु जीवनी हिंदी में |
कुंवर चैन सिंह का जीवन परिचय | Kunwar Chain Singh ka jeevan parichay | कुंवर चैन सिंह की लघु जीवनी हिंदी में |
नाम: कुंवर चैन सिंह
जन्म: 1801 ई.
मृत्यु: 24 जुलाई 1824 ई
स्थान: सीहोर, मध्यप्रदेश
पिता: रावत सौभाग सिंह
पत्नी: कुवारी राजवत
सम्मान: गार्ड ऑफ ऑनर
👉मध्य प्रदेश के प्रथम स्वाधीनता संग्राम।
👉नरसिंहगढ़ रियासत के नरेश
👉इनको मध्य प्रदेश के मंगल पांडे को माना जाता है।
कुंवर चैन सिंह का जीवन परिचय |
कुंवर चैन सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे।
इनका जन्म सन् 1801 में हुआ था।
कुंवर चैन सिंह मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट स्थित नरसिंहगढ़ रियासत के राजकुमार थे। जो 24 जुलाई 1824 को अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। 1857 के सशस्त्र स्वाधीनता संग्राम से भी लगभग 33 वर्ष पूर्व की यह घटना कुंवर चैन सिंह को इस अंचल के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में प्रतिष्ठित करती है। मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2015 से सीहोर स्थित कुंवर चैन सिंह की छतरी पर 'गार्ड ऑफ ऑनर' प्रारम्भ किया है। सन 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भोपाल के तत्कालीन नवाब से समझौता करके सीहोर में एक हजार सैनिकों की छावनी स्थापित की। कंपनी द्वारा नियुक्त पॉलिटिकल एजेंट मैडॉक को इन फौजियों का प्रभारी बनाया गया। इस फौजी टुकड़ी का वेतन भोपाल रियासत के शाही खजाने से दिया जाता था। समझौते के तहत पॉलिटिकल एजेंट मैडॉक को भोपाल सहित नजदीकी नरसिंहगढ़, खिलचीपुर और राजगढ़ रियासत से संबंधित राजनीतिक अधिकार भी सौंप दिए गए। बाकी तो चुप रहे। लेकिन इस फैसले को नरसिंहगढ़ रियासत के युवराज कुंवर चैन सिंह ने गुलामी की निशानी मानते हुए स्वीकार नहीं किया।
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