घनश्याम सिंह गुप्त का जीवन परिचय | Ghanshyam Singh Gupta ka jeevan parichay | घनश्याम सिंह गुप्त की लघु जीवनी हिंदी में |
घनश्याम सिंह गुप्त का जीवन परिचय | Ghanshyam Singh Gupta ka jeevan parichay | घनश्याम सिंह गुप्त की लघु जीवनी हिंदी में |
नाम: घनश्याम सिंह गुप्त
जन्म: 22 दिसंबर 1885 ई
मृत्यु: 13 जून 1976 ई.
स्थान: दुर्ग छत्तीसगढ़
पिता: श्री गैंदसिंह,
माता: श्रीमती भानुमति
शिक्षा: बी.एससी, वकालत
विद्यालय: इलाहाबाद विश्वविद्यालय
पेशा: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता
घनश्याम सिंह गुप्त का जीवन परिचय।
घनश्याम सिंह गुप्त का जन्म 22 दिसंबर, 1885 को दुर्ग में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री गैंदसिंह एवं माता का नाम श्रीमती भानुमति था। इनकी शिक्षा जबलपुर के राबर्टसन कॉलेज से बी.एससी गोल्ड मेडल के साथ 1906 में, की और सन् 1908 मेंरायपुर जबलपुर एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई की।
घनश्याम सिंह गुप्त को देश प्रमुख नेता मदनमोहन मालवीय जी के संपर्क में आए। जिससे आपको देश की राजनीति के प्रति रुचि जागृत हुई तथा बंगाल विभाजन के विरोध में महाविद्यालय में हड़ताल कराई थी।
घनश्याम सिंह गुप्त वरिष्ठ कांग्रेसी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, 1915 में मध्य प्रांत एवं बरार के प्रांतीय परिषद के सदस्य चुने गए। 1923 से 1926 सेंट्रल प्रोविंस एंड बरार विधानसभा के निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए। 1927 से 1930 के कार्यकाल में भी आप निर्वाचित हुए। और प्रदेश विधान सभा के कांग्रेस दल के नेता चुने गए। इस बीच आप सन् 1926 में दुर्ग नगर निगम के भी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। सन् 1930 में दिल्ली के सेंट्रल असेंबली सदस्य के लिए हुए चुनाव में आप सदस्य निर्वाचित हुए। जहां सन् वे 1937 तक सदस्य रहे। 31 अप्रेल 1937 से 1952 तक सीपी और बेरार के विधान-सभा अध्यक्ष रहे। सन् 1939 से 1950 में संविधान सभा में संविधान के हिन्दी ड्राफ्ट कमेंटी के अध्यक्ष रहे। उन्होंने आर्य समाज के माध्यम समाज सुधार एवं शिक्षा के विकास के लिए कार्य किया था। वे स्वतंत्र भारत के संविधान के हिंदी रूपांतरण समिति के सदस्य थे। घनश्याम सिंह गुप्त का 13 जून 1976 को निधन हो गया।
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