ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जीवन परिचय |Thakur Pyarelal Singh ka jeevan parichay | ठाकुर प्यारेलाल की लघु जीवनी हिंदी में |


ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जीवन परिचय |Thakur Pyarelal Singh ka jeevan parichay | ठाकुर प्यारेलाल की लघु जीवनी हिंदी में |

नाम: ठाकुर प्यारेलाल सिंह

जन्म: 21 दिसम्बर 1891 ई.

मृत्यु: 20 अक्टूबर 1954 ई.

स्थान: राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़

पिता: दीनदयाल सिंह 

माता: नर्मदा देवी

शिक्षा: बी.ए. तथा विधि स्नातक

पार्टी: किसान मजदूर प्रजा पार्टी 

प्रसिद्धि: राष्ट्रीय नेता तथा श्रमिक आन्दोलन के सूत्रधार

आंदोलन: आपके नेतृत्व में राजनांदगांव में श्रमिक आन्दोलन, 'छात्र आन्दोलन', 'स्वदेशी आन्दोलन' तथा 'अत्याचारी दीवान हटाओ आन्दोलन' चलते रहे।

👉ठाकुर प्यारेलाल सिंह के नेतृत्व में 1919 में मज़दूरों ने देश की सबसे पहली और लम्बी हड़ताल की थी।

👉1936 से 1947 तक ठाकुर साहब रायपुर नगरपालिका के लगातार तीन बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। जो स्वयंमेव एक रिकार्ड है। वे 'छत्तीसगढ़ एजूकेशनल सोसाइटी' के संस्थापक अध्यक्ष थे।

ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जीवन परिचय |

ठाकुर प्यारेलाल सिंह ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और छत्तीसगढ़ में मजदूर आंदोलनों के संस्थापक थे। उन्होंने 1919 से 1920 और 1924 से 1937 में राजनांदगांव रियासत में तीन मजदूर आंदोलनों का नेतृत्व किया। इन्हें "त्यागमूर्ति" की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया। जिसका अर्थ है। "बलिदान का प्रतीक"।

ठाकुर प्यारेलाल सिंह का जन्म 21 दिसम्बर 1891 को राजनांदगांव जिले के दैहान ग्राम में हुआ। पिता का नाम दीनदयाल सिंह तथा माता का नाम नर्मदा देवी था। इनकी शिक्षा राजनांदगांव तथा रायपुर में हुई। 1909 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। और उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए रायपुर आऐ। 1913 में उन्होंने नागपुर से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और अनेक पुरस्कार और सम्मान जीते। 1916 में उन्होंने लॉ स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वकालत शुरू की। बाल्यकाल से ही ठाकुर प्यारेलाल मेधावी तथा राष्ट्रीय विचारधारा से ओत-प्रोत थे। उन्हें गिल्लीडंडा, शतरंज, हॉकी और तैराकी जैसे खेलों में भी गहरी रुचि थी। उनके पूरे परिवार ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया।

1906 में बंगाल के क्रांतिकारियों के संपर्क में आकर क्रांतिकारी साहित्य के प्रचार आरंभ किया। और विद्यार्थियों को संगठित कर जुलूस के समय वन्देमातरम् का नारा लगवाते थे। 1909 में सरस्वती पुस्तकालय की स्थापना की। ठाकुर प्यारेलाल 1920 में पहली बार महात्मा गाँधी के संपर्क में आए थे। असहयोग आन्दोलन एवं सत्याग्रह आन्दोलन में उन्होंने सक्रिय भाग लिया।तथा गिरफ़्तार होकर जेल भी गए। ठाकुर प्यारेलाल सिंह ने राजनांदगांव में मिल-मालिकों के शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई, जिसमें मजदूरों की जीत हुई। अपने स्थानीय आंदोलनों और राष्ट्रीय आंदोलन के लिए जन-सामान्य को जागृत किया। 1925 से आप रायपुर में निवास करने लगे। ठाकुर प्यारेलाल ने छत्तीसगढ़ में शराब की दुकानों में पिकेटिंग, हिन्दू-मुस्लिम एकता, नमक कानून तोड़ना, दलित उत्थान जैसे अनेक कार्यो का संचालन किया। देश सेवा करते हुए। ठाकुर प्यारेलाल अनेक बार जेल गए। राजनैतिक झंझावातों के बीच 1937 में रायपुर नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 

ठाकुर प्यारेलाल सिंह 1937, 1940 और 1944 में रायपुर नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए। उनकी अध्यक्षता में राज्य ने कई नए प्राथमिक स्कूलों, अस्पतालों और सड़कों के निर्माण सहित कई प्रगति देखी। 1944 में ठाकुर प्यारेलाल ने महासमुंद में किसान चावल सहकारी कारखाने की स्थापना में प्रोत्साहित किया। 1945 में छत्तीसगढ़ के बुनकरों को संगठित करने के लिए। उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बुनकर सहकारी संघ की स्थापना हुई। प्रवासी छत्तीसगढ़ियों को शोषण एवं अत्याचार से मुक्त कराने की दिशा में भी सक्रिय रहे।

वैचारिक मतभेदों के कारण सत्ता पक्ष को छोड़कर आप आचार्य कृपलानी की किसान मजदूर प्रजा पार्टी में शामिल हुए। 1952 में रायपुर से विधानसभा के लिए चुने गए तथा विरोधी दल के नेता बने। विनोबा भावे के भूदान एवं सर्वोदय आंदोलन को अपने छत्तीसगढ़ में विस्तारित किया। 20 अक्टूबर 1954 को भूदान यात्रा के समय अस्वस्थ हो जाने से इनका निधन हो गया। छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान' स्थापित किया है।

 

टिप्पणियाँ

Read more

सुधांशु त्रिवेदी का जीवन परिचय | sudhanshu trivedi ka jeevan parichay | सुधांशु त्रिवेदी की जीवनी हिन्दी में

राष्ट्रकवि प्रदीप का जीवन परिचय | kavi pradeep ka jeevan parichay | कवि प्रदीप की लघु जीवनी हिंदी में |

श्याम नारायण पाण्डेय का जीवन परिचय | Shyam Narayan Pandey ka jeevan parichay | श्याम नारायण पाण्डेय की लघु जीवनी हिंदी में |

भवानी प्रसाद मिश्र का जीवन परिचय | Bhavani Prasad Mishra ka jeevan parichay | भवानी प्रसाद मिश्र की लघु जीवनी हिंदी में |