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नरिमन प्रिंटर्स का जीवन परिचय | Nariman Printers ka jeevan parichay

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  नरीमान प्रिन्टर का जीवन परिचय | Nariman Printers ka jeevan parichay  नरिमन प्रिंटर्स का जीवन परिचय। नरीमन अदरबाद प्रिंटर  एक भारतीय शौकिया रेडियो ऑपरेटर थे। जिन्हें कांग्रेस रेडियो की स्थापना के लिए जाना जाता है । 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने के साथ ही अंग्रेजों ने नए लाइसेंस जारी करना बंद कर दिया। सभी शौकिया रेडियो संचालकों को लिखित आदेश भेजकर अपने प्रसारण उपकरण पुलिस को सौंपने के लिए कहा गया ताकि युद्ध में इनका इस्तेमाल संभव हो सके और साथ ही धुरी राष्ट्रों के सहयोगियों और जासूसों द्वारा स्टेशनों का चोरी-छिपे इस्तेमाल होने से भी रोका जा सके। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के जोर पकड़ने के साथ ही, 1940 में प्रिंटर ने गांधीवादी विरोध संगीत और बिना सेंसर की आर्थिक खबरें प्रसारित करने के लिए आज़ाद हिंद रेडियो की स्थापना की । उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और उनके उपकरण जब्त कर लिए गए। अगस्त 1942 में, महात्मा गांधी द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के बाद , अंग्रेजों ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर...

नरहरि परीख का जीवन परिचय ।narahari pareekh ka jeevan parichay

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नरहरि परीख का जीवन परिचय ।narahari pareekh ka jeevan parichay |  नाम: नरहरि परीख जन्म: 17 अक्टूबर 1891 ई. स्थान: अहमदाबाद, गुजरात मृत्यु: 15 जुलाई 1957 ई. पत्नी: मनिबेन, बच्चे: वनमाला, मोहन  स्थान: स्वराज आश्रम बारदोली पेशा: लेखक, कार्यकर्ता एवं समाज सुधारक भाषा: गुजराती, राष्ट्रीयता: भारतीय शिक्षा: स्नातक तथा क़ानून की डिग्री प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी जेल यात्रा: घरसाना के 'नमक सत्याग्रह' में सम्मिलित होने पर नरहरि पारिख को लाठियों से पीटा गया और तीन वर्ष की कैद की सज़ा हुई। नरहरि परीख का जीवन परिचय। नरहरि द्वारकादास परीख भारत के एक लेखक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसुधारक थे। नरहरि परीख का जन्म 7 अक्टूबर, 1891 ईस्वी को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। उनका परिवार कथलाल, खेड़ा जिले से था। उन्होंने अहमदाबाद में अध्ययन किया और 1906 में मैट्रिक उतीर्ण किया। 1911 में उन्होंने 'गुजरात कॉलेज' से इतिहास और अर्थशास्त्र में बी ए किया। तथा कला स्नातक और फिर मुम्बई से क़ानून की डिग्री प्राप्त की। 1913 में उन्होंने अपने मित्र...

नरहर विष्णु गाडगील का जीवन परिचय | Narhar Vishnu Gadgil ka jeevan parichay

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  Narhar Vishnu Gadgil ka jivan parichay | नरहर विष्णु गाडगील का जीवन परिचय  जन्म: 10 जनवरी, 1896, ई. स्थान: मल्हारगढ़, महाराष्ट्र भारत मृत्यु: 12 जनवरी, 1966 ई. शिक्षा: फर्ग्यूसन कॉलेज पूर्व पद: पंजाब के राज्यपाल (1958-1962), भारत के ऊर्जा मंत्री (1947-1950) बच्चे: विट्ठलराव गाडगिल पुस्तकें: समग्र काका: अंदर से सरकार , समग्र काका: मृत्यु कर्तव्यों में अध्ययन पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रसिद्धि: स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, लेखक पद: राज्यपाल, पंजाब - 15 सितम्बर, 1958 से 1 अक्टूबर, 1962 ऊर्जा मंत्री, नेहरू मंत्रिमंडल - 15 अगस्त, 1947 से 12 दिसम्बर, 1950 नरहर विष्णु गाडगील का जीवन परिचय । नरहर विष्णु गाडगिल भारत के एक राजनेता,  अर्थशास्त्री, लेखक व भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी और भारतीय संविधान सभा के सदस्य थे। उन्होंने स्वतन्त्र भारत के प्रथम नेहरू मन्त्रिमण्डल में ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्य किया। नरहर विष्णु गाडगिल का जन्म 10 ज...

नरसिंह चिंतामण केलकर का जीवन परिचय | narasimha chintaman kelkar ka jivan parichay |

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  नरसिंह चिंतामण केलकर या तात्यासाहेब केलकर का जीवन परिचय | Tatyasaheb Ketkar ka jeevan parichay |  नाम: नरसिंह चिंतामण केलकर  उपनाम: साहित्यसम्राट तात्यासाहेब केळकर जन्म: 24 अगस्त 1872 ई.मिराज,महाराष्ट्र  मृत्यु: 14 अक्टूबर 1947 ई. पुणे,भारत शिक्षा: डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, राजाराम कॉलेज व्यवसाय: राजनीतिज्ञ, वकील, संपादक, उपन्यासकार, इतिहासकार राजनीतिक दल: हिंदू महासभा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन साहित्यिक रचनाएं:- खेल: सरोजिनी  1901, चंद्रगुप्त 1913, टोटायाचे बैंड 1913, कृष्णार्जुन यद्ध  1915, संत भानुदास 1919, उपन्यास: अंधर्वद  1928, बलिदान 1937, कोकांचा पोर  1942, लघु कथाएँ: कुशा विशी अनी इतर गोष्ठी 1950, कविता: काव्योपहार 1927, पद्यगुच्छा 1936, इतिहास: मराठे वा इंग्रज 1918, इतिहास विहार 1926, फ्रांसीसी राज्यक्रांति 1937, दर्शन: गवरन गीता  1944, ज्ञानेश्वरी सर्वस्व 1946, राजनीतिक लेखन: भारतीय स्वशासन का मामला ...

ननिबाला देवी का जीवन परिचय | nanibaala devee ka jeevan parichay

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  ननिबाला देवी का जीवन परिचय | nanibaala devee ka jeevan parichay  ननिबाला देवी का जीवन परिचय। ननिबाला देवी एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी थी। प्रसिद्ध क्रांतिकारी ननिबाला देवी का जन्म 1888 ई. में हावड़ा में हुआ था। साधारण शिक्षा घर में हुई और 11 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया। किन्तु विवाह के 5 वर्ष के बाद ही वे विधवा हो गईं। अब उन्होंने अपना ध्यान अध्ययन की ओर लगाया और ईसाई मिशन के स्कूल में अंग्रेजी की शिक्षा प्राप्त की। परंतु विचार संबंधी मतभेदों के कारण उन्हें मिशन छोड़ देना पड़ा। इसके बाद वे अपने दूर के भतीजे अमरेन्द्र नाथ चट्टोपाध्याय के संपर्क में आईं। अमरेन्द्र प्रसिद्ध क्रांतिकारी संगठन युगांतर पार्टी के प्रमुख नेता थे। इसके बाद ननिबाला देवी क्रांतिकारी संगठन में सम्मलित हो गईं। प्रथम विश्वयुद्ध के दिनों में वे भूमिगत क्रांतिकारियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करती रहीं। बीसवीं सदी के दूसरे दशक में ननिबाला देवी कलकत्ता, चन्द्रनगर व चटगाँव आदि नगरों में क्रांतिकारियों को आश्रय देने, उनके अस्त्र-शस्त्र रखने एवं गुप्तचर पुलिस को चकमा देने के कारण प्रसि...

नगेन्द्र बाला का जीवन परिचय | Nagendra Bala ka jeevan parichay

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  नगेन्द्र बाला का जीवन परिचय | Nagendra Bala ka jeevan parichay |  नगेन्द्र बाला का जीवन परिचय  नगेन्द्र बाला भारत की प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे देश में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला थीं। नगेन्द्र बाला का जन्म 13 सितंबर , 1926 को हुआ था। वे प्रसिद्ध क्रान्तिकारी केसरी सिंह बारहठ की पौत्री और प्रताप सिंह बारहठ की भतीजी थीं।  वे दो बार विधायक के पद पर भी रहीं। उन्होंने 1941 से 1945 तक किसान आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। नगेन्द्र बाला राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र की पहली महिला थीं, जिन्होंने महिलाओं में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार किया। वह सदैव महिला कल्याण कार्यों से जुड़ी रहीं। उनकी शुरू से ही जनसेवा, राजनीति और महिला उत्थान जैसे कार्यों में विशेष रुचि रही थी स्वाधीनता संग्राम में सहभागिता वर्ष 1942 के स्वाधीनता आंदोलन में नगेन्द्र बाला ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के निधन पर वे दिल्ली से अस्थि कलश लेकर कोटा आईं और चम्बल नदी में उनकी अस्थियां विसर्जित की। कार्य पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद नगेन्द्र बाला वर्ष 1960 में को...

धर्मनाथ अग्रहरि का जीवन परिचय | dharmanaath agrahari ka jeevan parichay |

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 धर्मनाथ अग्रहरि का जीवन परिचय | dharmanaath agrahari ka jeevan parichay |  धर्मनाथ अग्रहरि का जीवन परिचय  धर्मनाथ अग्रहरि बिहार राज्य से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थें। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान तत्कालीन छपरा जिलें के ब्रिटिश दुश्मनो के छक्के छुड़ाने वाले भारतीय रणबांकुरो मे से आप एक थें। धर्मनाथ अग्रहरी को 1942 में महात्मा गाँधी के भारत छोड़ो आंदोलन मे सक्रिय सहभागिता हेतु जाना गया। आपके पिता का नाम स्वर्गीय सरयू प्रसाद था तथा आप बिहार प्रांत के सिवान मे चैनपुर, महावीर चौक के निवासी थें। दिनाँक 3 अक्टूबर 2008 को भारत माँ के वीर सपूत स्वतंत्रता सेनानी धर्मनाथ अग्रहरि का देहांत चैनपुर के ही एक निजी नर्सिंग होम मे हुआ। उनका अंतिम संस्कार सरयू नदी के तट पर किया गया।