गुरु घासीदास की जीवनी | Biography of Guru Ghasidas in Hindi |
गुरु घासीदास का जीवन परिचय। गुरु घासीदास 19वीं सदी की शुरुआत में सतनामपंथ के गुरु थे। यह गुरु घासीदास थे जिन्होंने छत्तीसगढ़ के घने जंगलों वाले हिस्से में उपदेश देना शुरू किया था। गुरु घासीदास का जन्म 1756 ईस्वी में छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले में गिरौदपुरी नामक ग्राम में चमार परिवार में हुआ था। और लगभग इनकी मृत्यु 1850 ईस्वी मैं हुई। इनकी माता का नाम 'अमरौतिन' तथा पिता का नाम 'मंहगूदास' था। युवावस्था में घासीदास का विवाह सिरपुर की 'सफुरा' से हुआ। भंडापुरी आकर घासीदास सतनाम का उपदेश निरंतर देते थे। गुरु घासीदास बाबा जी के शिक्षा दीक्षा के संबंध में जितने भी जानकारियां दी जाती है। वे सब भ्रामक है उन्होंने किसी से भी शिक्षा प्राप्त नहीं किया और न ही उनके कोई गुरु थे बाबा घासीदास स्वयं महाज्ञानी थे। घासीदास ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए सतनाम का प्रचार किया । गुरु घासीदास के बाद उनकी शिक्षाओं को इनके पुत्र गुरु बालकदास ने आगे बढ़ाया । गुरु घासीदास सतनामियों के संस्थापक थे। छत्तीसगढ़ में समुदाय इनके जीवन काल में भारत का राजनीतिक माहौल शोषण का था। घासीद