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रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Biography of Raghunandan Bhattacharya |

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  रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Biography of Raghunandan Bhattacharya | नाम: रघुनन्दन  उपनाम: रघुनंदन भट्टाचार्य जन्म्: 16वीं शताब्दी ई.पू,  स्नथान: नवद्वीप पिता: हरिहर,  गुरू: श्रीनाथ आचार्य चूड़ामणि  पेशा: संस्कृत लेखक रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय । रघुनन्दन बंगाल क्षेत्र के एक भारतीय  संस्कृत विद्वान थे। रघुनंदन का जन्म लगभग 15वीं से 16वीं शती नवद्वीप में हुआ था। पिता का नाम हरिहर भट्टाचार्य था। बंगाल के प्रख्यात निबन्धकार थे। रघुनन्दन भट्टाचार्य श्रीनाथ आचार्य चूड़ामणि के शिष्य थे। उनके लेखन में 'रायमुकुता '1431 ईसापूर्व का उल्लेख है। और मित्रमिश्र के  'वीरमित्रोदय '17वीं शताब्दी के प्रारंभ द्वारा भी इसका उल्लेख किया गया है। इस प्रकार, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि रघुनंदन 16वीं शताब्दी ईसापूर्व के आसपास रहते थे। रघुनंदन ने नागरिक कानून और अनुष्ठानों पर 28 स्मृति ग्रंथ लिखे। जिन्हें सामूहिक रूप से अस्तविम्सति-तत्व के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी विद्वानों ने रघुनंदन के डाइजेस्ट की तुलना कॉमिन्स डाइजेस्ट से की और उन्हें " कॉमिन्स ऑफ इंडिया" कहा

प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय | Biography of Keshav Sitaram Thackeray |

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  प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय | Biography of Keshav Sitaram Thackeray |   नाम: केशव सीताराम ठाकरे पूरा नाम: केशव सीताराम पनवेलकर  जन्म: 17 सितंबर,1885 ई. पनवेल, भारत निधन: 20 नवंबर,1973 ई. मुंबई, भारत पत्नी: रमाबाई ठाकरे विद्यालय: कलकत्ता विश्वविद्यालय आंदोलन: संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन व्यवसाय: लेखक, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता रचनाएँ: खरा ब्राह्मण, जुन्या आठवणी, दगलबाज, रंगो बापूजी, संगीत सीताशुद्धी, आदि है। केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय । प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे एक सत्यशोधक आंदोलन के चोटी के समाज सुधारक और प्रभावी लेखक थे। इनका जन्म 17 सितंबर 1885 को पनवेल में एक मराठी हिंदू चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु परिवार में हुआ था। उनके पूर्वजों में से एक मराठा शासन के दौरान धोडप किले के किलेदार थे। केशव के पिता सीताराम का जन्म सीताराम रामचन्द्र धोडापकर के रूप में हुआ था, लेकिन बड़े होने के बाद उन्होंने परंपरा के अनुसार "पनवेलकर" उपनाम अपनाया, लेकिन अपने बेटे को स्कूल में प्रवेश दिलाते समय उन्होंने उसे "ठाकरे" उपनाम दिया। केशव ठाकरे की पत्नी रमाबाई ठ

जयानन्द भारती का जीवन परिचय | jayanand bharati ka jivan parichay

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  जयानन्द भारती का जीवन परिचय | jayanand bharati ka jivan parichay नाम: जयानन्द भारती अन्यनाम: जयानन्द आर्य "पथिक" जन्म: 17 अक्टूबर,1881ई. जन्मस्थान: ग्राम अरकंडाई,पौड़ी  मृत्यु: सितम्बर,1952 ई. पिता: छविलाल, योगदान एवं कार्य: डोला-पालकी आन्दोलन, ऐतिहासिक पौड़ी कांड, आर्य समाज: 1911 में जुड़ें। जयानन्द भारती का जीवन परिचय।  स्वाधीनता संग्रामी, डोला-पालकी और आर्यसमाज आन्दोलन के अग्रणी ‘जयानंद भारती’ का जन्म 17 अक्टूबर,1881 ईस्वी में ग्राम अरकंडाई, पौड़ी जनपद में हुआ था। पिता छविलाल और माता रैबली देवी का परिवार कृषि और पशुपालन के अलावा जागरी के काम से जुड़ा था। जयानन्द भी किशोरावस्था तक इन्हीं पैतृक कार्यों को किया करते थे। बाद में बेहतर रोजगार के लिए नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार और देहरादून में रहने लगे। बचपन से ही अंधविश्वासों के प्रति संशय रखने वाले जयानंद सन् 1911 में आर्य समाज विचारधारा से जुडकर उसके प्रचारक बन गए। जयानन्द भारती भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सामाजिक चेतना के अग्रदूत थे। उन्होने डोला-पालकी आन्दोलन  चलाया। यह वह आन्दोलन था जिसमें शिल्पकारों के दूल्हे-दु

सर सैयद अहमद खाँ की जीवनी | Syed Ahmad Khan Biography Hindi

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सर सैयद अहमद खान की जीवनी | Syed Ahmad Khan shorts Biography in Hindi नाम: सर सैयद अहमद ख़ाँ जन्म:17 अक्टूबर 1817 ई. स्थान: दिल्ली,भारत  मृत्यु: 27 मार्च,1898 ई. स्थान: अलीगढ़, उत्तर प्रदेश पिता: मीर मोहम्मद मुत्तकी माता: अजिस-उन-निसा शिक्षा: ईस्ट इंडिया कंपनी कॉलेज,  पुरस्कार: स्टार ऑफ इंडिया पेशा: शिक्षक, राजनीतिज्ञ, लेखक,  युग: 19 वीं सदी,  प्रसिद्धि: ऐंग्लो-मोहमडन ओरिएंटल कॉलेज के संस्थापक स्थापित संगठन: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ आंदोलन, एमएओ कॉलेज, साइंटिफिक सोसायटी ऑफ अलीगढ, प्रमुख विचार: अलीगढ़ आंदोलन, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दो राष्ट्र सिद्धांत कथन: हिन्दू और मुसलमान भारत माता की दो आँखें हैं। कृतियां: भारतीय विद्रोह के कारण, भारत के वफादार, असबाब-ए-बग़ावत-ए-हिन्द,  स्थापना: मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) सैयद अहमद ख़ान का जीवन परिचय।  सर सैयद अहमद खाँ का जन्म 17 अक्तूबर 1817 में दिल्ली में सैयद घराने में हुआ। इनके पिता का नाम मीर मोहम्मद मुत्तकी  और इनकी माता का नाम अजिस-उन-निसा था। उनके पिता सैयद मुतक्की मुहम्मद शाह अकबर सानी के सल

गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय | Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi |

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  गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय | Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi |  नाम: गोपाल गणेश आगरकर जन्म: 14 जुलाई, 1856 ई. स्थान: तेम्भू, सतारा, महाराष्ट्र  मृत्यु: 17 जून,1895 ई. स्थान: पुणे, भारत पिता: गणेशराव आगरकर, माता: सरस्वती अग्रकर पत्नी: यशोदाबाई अगरकर शिक्षा: बी.ए(1878), एम.ए(1880),  विद्यालय: डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट व्यवसाय: समाज सुधारक, शिक्षाविद्, लेखक, संपादक, प्रसिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार 👉डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक। 👉1892 से 1895 तक ये फर्ग्युसन कॉलेज के प्राचार्य रहे गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय।  लोकमान्य बालगंगाधर के सहपाठी और सहयोगी गोपाल गणेश आगरकर जी का जन्म 14 जुलाई,1956 ईस्वी को महाराष्ट्र  में सतारा ज़िले के 'तेम्भू' नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम 'गणेशराव आगरकर' तथा माता का नाम 'सरस्वती आगरकर' था। उनकी शादी 'यशोदा' नाम की कन्या के साथ 1877 में हुई थी।उन्होंने पुणे के 'दक्कन कॉलेज' में उच्च शिक्षा कराड में प्राप्त की थी। और बाद में उन्होंने वहां एक अदालत में

कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय | तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक | kandukuri veeresalingam biography in hindi

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  कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय | तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक | kandukuri veeresalingam biography in hindi नाम: कंदुकूरि वीरेशलिंगम्, जन्म: 16 अप्रैल 1848 ई. स्थान: राजमुंदरी,आन्ध्र प्रदेश निधन: 27 मई,1919 ई. स्थान: चेन्नई, भारत माता: पूर्णम्मा,  पिता: सुब्बारायुडु पत्नि: कंदुकुरी राज्यलक्ष्मी  शिक्षा: मैट्रिक,  पेशा: समाज सुधारक, साहित्यकार पुरस्कार: राव बहादुर,  पुस्तकें: आंध्र कावुला चरित्रमु  👉तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक "कंदुकूरि वीरेशलिंगम्" 👉1880 'राजशेखर चरित्र' तेलुगु में पहला उपन्यास 👉1878 में राजमुंदरी सोशल रिफॉर्म एसोसिएशन की स्थापना की।   कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय।   तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक माने जाने वाले कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जन्म 16 अप्रैल 1848 ईस्वी में राजमुंदरी,  मद्रास प्रेसीडेंसी में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में सुब्बारायुडु और पूर्णम्मा के घर हुआ था। जब वह छह महीने के थे तो उन्हें चेचक नामक खतरनाक बीमारी हो गई और जब वह चार साल के हुए तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। उन्हें उनके चाचा वेंकटरत्नम ने गोद लिया था। 

गोपाल हरि देशमुख की जीवन परिचय | 19वीं शताब्दी के महान समाज सुधारक लोकहितवादी | Gopal Hari Deshmukh Biography in Hindi

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  Gopal Hari Deshmukh shorts Biography in Hindi नाम: गोपाल हरि देशमुख अन्यनाम: लोकहितवादी, राव बहादुर जन्म: 18 फरवरी 1823 ई. पुणे मृत्यु: 9 अक्टूबर 1892 ई. स्थान: पुणे, भारत युग: उन्नीसवीं सदी का दर्शन मुख्य रुचियाँ: नैतिकता, धर्म, मानवतावाद गोपाल हरि देशमुख का जीवन परिचय। गोपाल हरि देशमुख का जन्म 18 फ़रवरी  1823 में महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों के एक  चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। और इनकी मृत्यु 9 अक्टूबर 1892 में हुआ था। वह देशमुख विश्वनाथपंत सिधाय के वंशज हैं। जिनके पास कई गांवों का वतन था। 'देशमुख' उपनाम अपनाने और पुणे में बसने से पहले उनके परिवार का नाम 'सिधाये' था। और वे कोंकण के मूल निवासी थे। इनके पिता तीसरे आंग्ल मराठा युद्ध के दौरान बाजीराव द्वितीय के सेनापति, बापू गोखले के कोषाध्यक्ष थे । देशमुख ने पूना इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़ाई की।  देशमुख ने ब्रिटिश राज के तहत सरकार के लिए एक अनुवादक के रूप में अपना करियर शुरू किया । 1867 में सरकार ने उन्हें अहमदाबाद, गुजरात में लघु वाद न्यायाधीश नियुक्त किया । उन्होंने रतलाम राज्य में दीवान के रूप में भी कार्य किया। ज

स्वामी प्रभुपाद संछिप्त परिचय | Swami Prabhupada shorts Biography Hindi

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  स्वामी प्रभुपाद संछिप्त परिचय | Swami Prabhupada shorts Biography Hindi | अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जीवनी | Biography of A. C. Bhaktivedanta Swami in Hindi Jivani पूरानाम: अभयचरणविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद अन्यनाम: श्रील प्रभुपाद, भक्तिवेदांत स्वामी, स्वामी प्रभुपाद जन्म: 1 सितम्बर,1896 ई. स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल मृत्यु: 14 नवम्बर,1977 ई. स्थान: वृन्दावन, उत्तर प्रदेश पिता: गौर मोहन डे माता: रजनी  पत्नी: राधारानी देवी  शैक्षिक योग्यता: स्नातक  विद्यालय: स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय गुरु: श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी भाषा:अंग्रेजी,बंगाली,संस्कृत, हिंदी समाधि: श्रील प्रभुपाद का समाधि मंदिर, इस्कॉन वृन्दावन प्रसिद्धि: कृष्ण भक्त, कर्मभूमि: भारत व अमेरिका पद: गुरु, सन्यासी, संस्थापकाचार्य धार्मिक कार्यकाल: 1966 से 1977 तक संस्थापक: गौड़ीय मठ, इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन "इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस"(ISKCON ) की स्थापना वर्ष 1966 में वेबसाइट: prabhupada.krishna.com

प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक | विट्ठल रामजी शिन्दे जीवन परिचय | Biography of Vitthal Ramji Shind

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  प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक | विट्ठल रामजी शिन्दे जीवन परिचय | Biography of Vitthal Ramji Shind नाम: विट्ठल रामजी शिंदे पुरानाम: महर्षी विठ्ठल रामजी शिंदे  जन्म: 23 अप्रैल,1873 ई. स्थान: जामखंडी, कर्नाटक मृत्यु: 2 जनवरी,1944 ई. पिता: रामजी शिंदे,  माता: यमुनाबाई पत्नि: रुक्मिणी शिक्षा: मैट्रिक, बी.ए., एल.एल.बी  विद्यालय: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, फर्ग्यूसन कॉलेज,  व्यवसाय: सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सुधारक पुस्तकें: भारतीय अस्पृष्यतेचा प्रश्न 1898 : प्रार्थना समाज में शामिल हुए। और अनुयायी बन गए। 1905 : अछूतों के बच्चों के लिए एक रात्रि विद्यालय की स्थापना की (मीथगंजपेठ पुणे ) 1906: बंबई में दलित वर्ग मिशन की स्थापना की।  1907: सोमवंशीय मित्र समाज की स्थापना की। 1910 में 'प्रार्थना समाज' को पूरी तरह छोड़ दिया। 1917 : को अखिल भारतीय निराश्रित अस्पृश्यता निवारक संघ की स्थापना की। 1933: "भारतीय अस्पृश्यतेचा प्रश्न" पुस्तक प्रकाशित हुई। विट्ठल रामजी शिंदे का जीवन परिचय।  महर्षि विट्ठल रामजी शिन्दे महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाजसुधारकों में से थे। उनका सबसे बड़ा योगदान अस्पृश

Bharat के महान संत | रामानंद का जीवन परिचय, और रचनाएं | Biography of Ramanand |

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 Bharat के महान संत | रामानंद का जीवन परिचय, और रचनाएं | Biography of Ramanand |  नाम: स्वामी रामानंद जन्म: प्रयागराज पिता: पुण्य सदन माता: सुशीला देवी मृत्यु: वाराणसी, शिक्षा: श्रीमठ काशी गुरु: राघवनंद आराध्यदेव: भगवान राम सम्प्रदाय: रामावत सम्प्रदाय (रामानन्दी सम्प्रदाय) शिष्य: 12 प्रसिद्ध शिष्य (अनंतानंद, भावानंद, नाभा दास, नरहर्यानंद, पीपा, सेन नाई, धन्ना, सुखानंद, कबीर, रैदास, सुरसरी, पदमावती), इत्यादि। रचना: वैष्णवमताब्जा भास्कर, श्रीरामार्चनपद्धति, उपनिषद आनन्दभाष्य, श्रीमद्भगवदगीता आनंदभाष्य, संस्कृत में है।