संदेश

महान भारतीय वैज्ञानिक सी एन आर राव के पुरस्कार | Indian Scientist CNR Rao Award |

चित्र
महान भारतीय वैज्ञानिक, सी एन आर राव के पुरस्कार | Indian Scientist, CNR Rao Award  पूरा नाम: चिंतामणि नागेश रामचन्द्र राव नाम:  सी एन आर राव  जन्म: 30 जून, 1934 स्थान: बेंगलुरु, भारत पिता: नागेश माता: नागम्मा राव कर्मक्षेत्र: वैज्ञानिक प्रसिद्धि: रसायन वैज्ञानिक पुरस्कार: भारत रत्न (2014), पद्म विभूषण (1985), पद्म श्री (1974), मार्लो मेडल (1967), विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार  (1969), ह्यूजेस मेडल (2000), भारत विज्ञान पुरस्कार (2004), डैन डेविड पुरस्कार  (2005), लीजन ऑफ सम्मान (2005), अब्दुस सलाम मेडल (2008),रॉयल मेडल  (2009), पद्म श्री (1974), पद्म विभूषण  (1985), कर्नाटक रत्न (2001), ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप (2009), नेशनल ऑर्डर ऑफ साइंटिफिक मेरिट (2012), ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन ( 2015), वॉन हिप्पेल पुरस्कार (2017), ईएनआई पुरस्कार (2020)

भारत रत्न वैज्ञानिक, चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव का जीवन परिचय और आविष्कार | C N R KA jeevan parichay | Biography of CNR Rao

चित्र
  चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव का जीवन परिचय | chintaamani naagesh raamachandr rao ka jeevan parichay पूरा नाम: चिंतामणि नागेश रामचन्द्र राव नाम: सी॰ एन॰ आर॰ राव  जन्म: 30 जून, 1934 स्थान: बेंगलुरु, भारत पिता: नागेश माता: नागम्मा राव पत्नी: इन्दुमति राव विद्यालय: मैसूर विश्वविद्यालय ( बीएस ), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ( एमएस ), पर्ड्यू विश्वविद्यालय ( पीएचडी ), आदि कर्मक्षेत्र: वैज्ञानिक प्रसिद्धि: रसायन वैज्ञानिक पुरस्कार: ह्युजेस पदक' (2000), 'भारत विज्ञान पुरस्कार' (2004), 'अब्दुस सलाम पदक' (2008), 'डैन डेविड पुरस्कार' (2005), 'लीजन ऑफ़ ऑनर' (2005), 'पद्म श्री', 'पद्म विभूषण' एवं 'भारत रत्न' आदि  भारतीय वैज्ञानिक चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव का जीवन परिचय।  चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव जिन्हें 'सी॰ एन॰ आर॰ राव' के नाम से भी जाना जाता है। सी एन आर राव का जन्म 30 जून,1934 को  बंगलौर के एक कन्नड़ परिवार में हुआ था। वे अपने पिता 'नागेश' और माता 'नागम्मा राव' की एकमात्र संतान हैं। उन्हें शुरू से अच्छे संस्का

Indian Scientist, श्रीराम शंकर अभयंकर का जीवन परिचय | Abhyankar ka jeevan parichay

चित्र
  श्रीराम शंकर अभयंकर का जीवन परिचय|  नाम: श्रीराम शंकर अभयंकर जन्म: 22 जुलाई 1930 ई. स्थान: उज्जैन, भारत मृत्यु: 2 नवंबर 2012 ई.  स्थान: वेस्ट लाफायेट, इंडियाना, यूएसए शिक्षा: हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय, विज्ञान संस्थान  क्षेत्र: अंकशास्त्री (गणित) संस्थान: पर्ड्यू विश्वविद्यालय राष्ट्रीयता: भारतीय, अमेरिकी  पुरस्कार: चौवेनेट पुरस्कार 1978 श्रीराम शंकर अभयंकर का जीवन परिचय  श्रीराम शंकर अभयंकर बीजगणितीय ज्यामिति में उनके योगदान के लिए विख्यात  भारतीय गणितज्ञ हैं। श्रीराम शंकर अभयंकर का जन्म 22 जुलाई, 1930, में भारत के मध्य प्रदेश के  उज्जैन में एक चितपावन ब्राह्मण  परिवार में हुआ था। उन्होंने बी.एससी. की उपाधि प्राप्त की। 1951 में मुंबई विश्वविद्यालय के रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से 1952 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय  से एमए और पीएच. डी.1955 में हार्वर्ड में। ऑस्कर ज़ारिस्की के निर्देशन में लिखी गई उनकी थीसिस का शीर्षक मॉड्यूलर ग्राउंड फ़ील्ड पर बीजगणितीय सतहों पर स्थानीय एकरूपता था। पर्ड्यू जाने से पहले, वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय और जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में गणित क

भारतीय वैज्ञानिक, कैलाशनाथ कौल का जीवन परिचय | kailaash naath kaul ka jeevan parichay

चित्र
  कैलाशनाथ कौल का जीवन परिचय | kailaash naath kaul ka jeevan parichay | Biography of Kailashnath Kaul नाम: कैलाश नाथ कौल जन्म: 1905 ई., मृत्यु: 1983 ई., माता: राजपति कौल  पिता: जवाहरमुल अटल कौल  पत्नी: शीला कौल कार्यक्षेत्र: वनस्पति विज्ञान, कृषि विज्ञान,  प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, बागवानी पुरस्कार: पद्म भूषण, भारतीय नागरिक सम्मान (1977) संस्थान: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, भारतीय केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान 👉1948 में लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान की स्थापना की। कैलाशनाथ कौल का जीवन परिचय। प्रोफेसर कैलाश नाथ कौल भारत के प्रख्यात वनस्पतिशास्त्री एवं प्रकृतिविज्ञानी थे। कैलाश नाथ कौल का जन्म 1905 ईस्वी में हुआ था।और इनकी मृत्यु 1983 ईस्वी में हुआ था।इनकी माता का नाम राजपति कौल और पिता जवाहरमल अटल कौल थे। और 'कमला नेहरू', चंद बहादुर कौल और स्वरूप कठजू उनके भाई बहन थे। कैलास नाथ कौल का विवाह 'शीला कौल' से हुआ था। जो एक शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थीं। कैलास नाथ कौल ने 1930 में गांधी जी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए।

भारतीय वैज्ञानिक, प्रेम चंद पांडे का जीवन परिचय | prem chand pande ka jivan parichay | Biography of Prem Chand Pandey |

चित्र
  भारतीय वैज्ञानिक, प्रेम चंद पाण्डेय का जीवन परिचय | Biography of Dr Prem Chand Pandey नाम: प्रेम चंद पाण्डेय जन्म: 10 अगस्त 1945 ई. स्थान: रामापुर, उत्तर प्रदेश, ब्रिटिश भारत शिक्षा: इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र: वैज्ञानिक एवं अध्यापन क्षेत्र: विज्ञान, इलक्ट्रोनिक्स भौतिकी भाषा: हिन्दी, अंग्रेजी प्रसिद्धि: सुदूर संवेदन पुरस्कार: नासा सर्टिफिकेट ऑफ रिकॉग्निशन एंड कैश अवार्ड, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, विज्ञान गौरव पुरस्कार संस्थान: राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर प्रेम चंद पाण्डेय का जीवन परिचय।  प्रेम चंद पांडे एक भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक, ग्रह वैज्ञानिक और उपग्रह समुद्र विज्ञान, रिमोट सेंसिंग, वायुमंडलीय विज्ञान, अंटार्कटिक और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अकादमिक हैं। और वह राष्ट्रीय ध्रुवीय केंद्र के संस्थापक निदेशक भी हैं। प्रेम चंद पाण्डेय का जन्म 10 अगस्त, 1945 को उत्तर प्रदेश के  आजमगढ़ के रामापुर गाँव में हुआ था।

भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक, डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय | Biography of Homi Jahangir Bhabha

चित्र
  होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय | Biography of Homi Jahangir Bhabha नाम: होमी जहांगीर भाभा जन्म: 30 अक्टूबर 1909 ई. स्थान: मुंबई, भारत मृत्यु: 24 जनवरी 1966 ई. स्थान: मोंट ब्लांक, फ्रांस पिता: जहांगीर होर्मुसजी भाभा,  माता: मेहेरेन भाभा विद्यालय: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय,  एलफिंस्टन कॉलेज, कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल शिक्षा: स्नातक, बीएस, पीएचडी कर्मक्षेत्र: परमाणु वैज्ञानिक, प्राध्यापक प्रसिद्धि: भाभा स्कैटेरिंग विषय: भौतिक विज्ञान पुरस्कार: एडम्स पुरस्कार (1942), पद्म भूषण (1954), रॉयल सोसाइटी के फेलो संस्थान: भारतीय विज्ञान संस्थान, टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान, परमाणु ऊर्जा आयोग (भारत) 👉भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष 1948 से 1966 तक रहे। 👉होमी जहांगीर भाभा ने कॉस्मिक किरणों खोज की। होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय |  होमी जहाँगीर भाभा का जन्म मुम्बई के एक सम्पन्न पारसी परिवार में 30 अक्टूबर 1909 को हुआ था। उनके पिता जे एच भाभा बंबई के एक प्रतिष्ठित बैरिस्टर थे। आज भारत में लगभग दो लाख पारसी हैं। ईसा की सातवीं शताब्दी में इस्लाम ने जब ईरान पर क़ब्ज़ा कर लिया, तो अपने धर्म की

पुरावनस्पति विज्ञान के जनक | बीरबल साहनी का जीवन परिचय | beerabal saahanee ka jeevan parichay

चित्र
  पुरावनस्पति विज्ञान के जनक | बीरबल साहनी का जीवन परिचय | beerabal saahanee ka jeevan parichay | Biography of Birbal Sahni  नाम: बीरबल साहनी जन्म: 14 नवंबर 1891 ई.  स्थान: शाहपुर, पंजाब (पाकिस्तान) मृत्यु: 10 अप्रैल, 1949 ई., लखनऊ पत्नि: सवित्री सूरी शिक्षा: स्नातक, बी.एससी, डी.एससी विद्यालय: लंदन विश्वविद्यालय (1919),  इमैनुएल कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय  (1914),  पंजाब विश्वविद्यालय, गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी लाहौर (जीसीयूएल) कार्यक्षेत्र: पुरावनस्पति विज्ञान पुरस्कार: रॉयल सोसाइटी के फेलो बीरबल साहनी का जीवन परिचय । बीरबल साहनी अंतरराष्ट्रीय ख्याति के  पुरावनस्पति वैज्ञानिक थे। जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के जीवाश्मों का अध्ययन किया था। उन्होंने भूविज्ञान और पुरातत्व में भी रुचि ली। बीरबल साहनी का जन्म 14 नवंबर, 1891 को पश्चिमी पंजाब  के शाहपुर जिले के भेड़ा नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। जो अब  पाकिस्तान में है। और इनकी पत्नी का नाम 'सवित्री सूरी' था। इनके पिता 'रुचि राम साहनी' रसायन के प्राध्यापक थे। उनका परिवार वहां डेरा इस्माइल खान से स्थानांतरित हो कर बस

अनिल काकोदकर का जीवन परिचय | anil kaakodakar ka jeevan parichay

चित्र
  वैज्ञानिक अनिल काकोदकर का जीवन परिचय | anil kaakodakar ka jeevan parichay | Biography of Anil Kakodkar |  नाम: अनिल काकोदकर उपनाम: साइंसमैन जन्म: 11 नवम्बर 1943 ई. स्थान: बड़वानी जिला, मध्यप्रदेश  पिता: पुरूषोत्तम काकोडकर, माता: कमला काकोडकर, शिक्षा: स्नातक, मैकेनिकल इंजीनियर विद्यालय: मुंबई विश्वविद्यालय, नॉटिंघम विश्वविद्यालय, डीजी रूपारेल कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स, वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट वीजेटीआई कर्मक्षेत्र: परमाणु विज्ञान प्रसिद्धि: मुस्कुराते बुद्ध, पोखरण-।। भारतीय परमाणु कार्यक्रम, संस्थान: परमाणु ऊर्जा आयोग (भारत), परमाणु ऊर्जा विभाग (भारत), भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र,  पुरस्कार: पद्मश्री (1998), पद्म भूषण (1999) तथा पद्म विभूषण (26 जनवरी, 2009) पुस्तकें: फायर एंड फ्यूरी: ट्रांसफॉर्मिंग इंडियाज स्ट्रैटेजिक आइडेंटिटी कार्यालय: 2000 से 2009 तक भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष थे। अनिल काकोदकर का जीवन परिचय। अनिल काकोडकर  एक भारतीय परमाणु  भौतिक विज्ञानिक और मैकेनिकल इंजीनियर हैं। अनिल काकोडकर का जन्म 11 नवंबर 1943 में बड़वानी जिला (वर्तमान मध्य प

भारत के वैज्ञानिक, श्री जगदीश चंद्र बोस का जीवन परिचय | jagadeesh chandr basu ka jeevan parichay |

चित्र
नाईट पुरस्कार से सम्मानित, वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस ka jeevan parichay | Biography of jagadeesh chandr basu |  नाम: डॉ जगदीश चन्द्र बसु (बोस) जन्म: 30 नवम्बर 1858 ई. स्थान: मेमनसिंह गाँव बंगाल (अब बांग्लादेश) निधन: 23 नवंबर 1937 ई. स्थान: गिरिडीह, भारत पिता: भगवान चंद्र बोस  माता: बामा सुंदरी बोस पत्नि: अबला बोस शिक्षा: स्नातक, विद्यालय: कलकत्ता विश्वविद्यालय, क्राइस्ट महाविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन विश्वविद्यालय विषय: भौतिकी एवं जीव विज्ञान राष्ट्रीयता: ब्रिटिश भारतीय खोज: रेडियो, मिलीमीटर तरंगें, क्रेस्कोग्राफ़ पुरस्कार: नाइट, 'रॉयल सोसायटी लंदन' के फ़ॅलोशिप। प्रसिद्धि: मिलिमीटर तरंगें, रेडियो, क्रेस्कोग्राफ़ क्षेत्र: भौतिकी, जीवभौतिकी, वनस्पतिविज्ञान,  पुरातत्व, बांग्ला साहित्य, बांग्ला विज्ञानकथाएँ रचना: सजीव तथा निर्जीव की अभिक्रियाएँ (1902), वनस्पतियों की अभिक्रिया (1906), पौधों की प्रेरक यांत्रिकी (1926) इत्यादि। डॉ जगदीश चन्द्र बोस का जीवन परिचय।  भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर जगदीश चंद्र बसु का जन्म 30 नवंबर 1858 में बंगाल के ढाका जिले में फरीदपुर के म

maharshi kanaad ka jeevan parichay | महर्षि कणाद की जीवनी - Biography of Maharishi Kanad in hindi

चित्र
  परमाणु सिद्धांत के जनक, ऋषि कणाद ka jeevan parichay और वैशेषिकसूत्र के रचनाकार | maharshi kanaad ka jeevan parichay | नाम: महर्षि कणाद उपनाम: कनाडा, कश्यप, कणाद जन्म: छठी शताब्दी ई.पू. स्थान: प्रभास पाटण, गुजरात, भारत  क्षेत्र: भारतीय दर्शन विद्यालय: वैशेषिक उल्लेखनीय विचार: परमाणुवाद जनक: परमाणु सिद्धांत  पुस्तकें: वैशेषिक सूत्र,  रुचियाँ: तत्त्वमीमांसा, नीति, भौतिक विज्ञान महर्षि कणाद का जीवन परिचय।  प्राचीन भारतीय ऋषि, वैज्ञानिक और दार्शनिक थे। महर्षि कणाद जिन्हें कणाद के नाम से भी जाना जाता है। कणाद का जन्म अनुमान है कि ईसा पूर्व छठी या सातवीं शताब्दी में रहते थे। कणाद किस शताब्दी में रहते थे। यह स्पष्ट नहीं है। वायुपुराण  में उनका जन्म स्थान प्रभास पाटण बताया है। उन्हें पदार्थ के अपने परमाणु सिद्धांत के लिए जाना जाता है। जिसका वर्णन उन्होंने अपनी पुस्तक "वैशेषिक सूत्र" में किया है। कणाद का परमाणु सिद्धांत इस विचार पर आधारित था। कि सभी पदार्थ छोटे, अविभाज्य कणों से बने होते हैं। जिन्हें परमाणु कहा जाता है। कणाद जिसे उलूक, कश्यप, कणभक्ष, कणभुज के नाम से भी जाना जाता है।