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भारत के विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह का जीवन परिचय

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 सरदार स्वर्ण सिंह का जीवन परिचय। सरदार स्वर्ण सिंह एक भारतीय राजनेता थे। वे सबसे अधिक समय तक भारत के केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री रहे। स्वर्ण सिंह पुरेवाल का जन्म 19 अगस्त 1907 ईस्वी को पंजाब के जालंधर जिले के शंकर (गाँव) में हुआ था। इनका जन्म जाट सिख परिवार में हुआ था।  और इनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1994 ईस्वी को नई दिल्ली, में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम चरण कौर था।  इन्होंने अपनी इंटरमीडिएट (हाई स्कूल)  कपूरथला के रणधीर कॉलेज से पूरी की । इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर में प्रवेश लिया। और सम्मान के साथ भौतिकी में डिग्री पूरी की। इसके बाद इन्होंने लायलपुर खालसा कॉलेज में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में काम किया। यह नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने लाहौर के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की और 1932 में एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। 1930 के दशक में वह अकाली दल राजनीतिक दल में शामिल हो गए और 1940 के दशक के मध्य तक वह एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने 1940 के दशक की शुरुआत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और अकाली दल के बीच समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 15 अगस्त 1947 को। भारतीय स्वतंत

भारत की पहली महिला विदेश मंत्री | और दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री | सुषमा स्वराज का जीवन परिचय

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  सुषमा स्वराज का जीवन परिचय। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 ईस्वी को अंबाला छावनी  हरियाणा में हुआ था। एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में। हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ था। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी थे। जो अब  पाकिस्तान में है। अम्बाला छावनी में जन्मी सुषमा स्वराज ने एस॰डी॰ कालेज अम्बाला छावनी से बी॰ए॰ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं। वर्ष 2014 में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 13 जुलाई 1975 को उनका विवाह  स्वराज कौशल के साथ हुआ। जो सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। कौशल बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे। और इसके अतिरिक्त वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल  भी रह चुके हैं। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है। बांसुरी, जो लंदन के इन

संत अच्युतानंद कौन थे?संत अच्युतानंद का जीवन परिचय | एवं #रचनाएं |

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 संत अच्युतानंद कौन थे? अच्युतानन्द का जीवन परिचय।  अच्युतानन्द दास 16वीं सदी के कवि, द्रष्टा और उड़ीसा, के वैष्णव संत थे। कहते हैं कि उन्हें भूत, वर्तमान एवं भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त थी। वे महान लेखक थे। वे उन पाँच व्यक्तियों में से थे जिन्होने संस्कृत ग्रन्थों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके पूर्वी भारत में आध्यात्मिक क्रान्ति ला दी। उनका ओड़िया भाषा में रचित ग्रन्थ "शून्यसंहिता" प्रसिद्ध है। रामदास के प्रश्न सुनकर अत्युतनन्द ने जो उपदेश दिया वे ही शून्यसंहिता में हैं। महापुरुष अच्युतानन्द ने 36 संहिता, 78 गीता, 27 हरिबंशादि चरित,12 उपबंश चरित, 100 पुराण या माळिका की रचना की। इनके अतिरिक्त उन्होने अनेक भजन चौपदी भी लिखे हैं। संत अच्युतानंद की रचनाएं साहित्यिक कृतियाँ :- हरिबंश, आगत-भविष्य माळिका, भविष्य माळिका, गुरुभक्ति गीता, गरुड़ गीता, शून्य गीता, ज्ञानोदय कोइलि, शून्य संहिता, ब्रह्म संहिता, बीज संहिता, ज्योति संहिता, छाया संहिता, कल्प टीका,  चन्द्रकल्प टीका,अष्ट गुजरी, बर्ण टीका, परम राहास, राधा रास, शून्य राहास, आदि इनकी रचनाएं हैं। संत अच्युतानंद

एस. जयशंकर का जीवन परिचय

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  एस. जयशंकर का जीवन परिचय। सुब्रह्मण्यम जयशंकर एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं । एस. जयशंकर का जन्म 9 जनवरी सन् 1957 ईस्वी को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। इनके पिता का नाम के. सुब्रह्मणयम और माता का नाम सुलोचना है। यह इतिहासकार संजय सुब्रह्मण्यम और भारत के पूर्व ग्रामीण विकास सचिव सुब्रह्मण्यम विजय कुमार के भाई हैं। इनकी पहली पत्नी शोभा की कैंसर से मौत के बाद एस. जयशंकर ने जापानी मूल की क्योको से शादी की और अभी उनके दो बेटे और एक बेटी है। अब वें भारत के विदेश मंत्री भी है।यह प्रमुख भारतीय सामरिक मामलों के विश्लेषक, टिप्पणीकार और प्रशासनिक अधिकारी हैं। एस. जयशंकर की प्रारंभिक शिक्षा, दिल्ली के श्रीनिवासपुरी स्थित कैंब्रिज स्कूल में हुई। स्कूली पढाई पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफ़न्स कॉलेज से बीए किया। इसके बाद इन्होंने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से राजनीतिशास्त्र में एमए किया। जेएनयू से ही इन्होंने, अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एमफिल और पीएचडी भी की। जहां उन्होंने परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता हासिल की। जयशंकर एक बहुभाषी हैं और अंग्रेजी बोलते हैं ,तमिल. और हि

आचार्य चाणक्य 40 नियम | चाणक्य नीति हिंदी में

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  चाणक्य की कूटनीति तथा राजनीति विचार 1 उच्च विचार करने वाले तथा बात सुनने वाले मनुष्य को ही राजा अपना मंत्री बनाए । 2 समस्त प्रकार से गोपनीय विचारों / सलाहों की रक्षा की जानी चाहिए। 3 योजना-रूपी सम्पदा से राज्य की वृद्धि होती हैं। 4 उचित सलाह रूपी नेत्रो से राजा शत्रु की कमजोरियों को देखता है। 5 स्वराष्ट्रनीति व विदेश नीति व्यवस्था का अंग है। 6 जनपद के लिए गांव का त्याग कर देना चाहिए। 7 गांव के लिए परिवार का त्याग कर देना चाहिए। 8 पड़ोसी देश के गुप्तचर पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए। 9 निर्बल राजा बलवाल राजा का आश्रय लें। 10 जिस प्रकार अग्नि का आश्रय लिया जाता है,वैसे ही राजा का भी आश्रय ले। 11 राजा के विपरित आचरण कदापि न करें । 12 इंद्रियों के वशीभूत रहने वाला राजा चतुरंगिनी सेना होने पर भी जल्द ही नष्ट हो जाता है। 13 कठोर सजा देने वाले राजा से प्रजा नफरत करती है। 14 सभा के मध्य जो दूसरे का दोष दिखाता है; वह अपने ही दोषों को प्रकट करता है। 15 राजा के लिए आरोप भरे शब्द नही कहने चाहिए। 16 राजा अपनी वीरता से धनी होते है। 17 राज्य की समृद्धि धन से सम्भव है। 18 इंद्रियों पर विजय हासिल करने से

भगत सिंह का जीवन परिचय एवं रचनाएं

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  भगत सिंह का जीवन परिचय पूरा नाम: बलिदान-ए-आज़म अमर बलिदानी सरदार भगतसिंह,  अन्य नाम: भागां वाला, जन्म: 28 सितंबर,1907 ई. स्थान: बंगा,लायलपुर, पंजाब मृत्यु: 23 मार्च,1931 ई.लाहौर सेंट्रल जेल, स्थान: लाहौर,पंजाब,  मृत्यु का कारण: फांसी (सजा-ए-मौत पिता: सरदार किशन सिंह,  माता: वैद्यवती कौर धर्म: सिख, विद्यालय: डी.ए.वी. स्कूल, नेशनल कॉलेज, लाहौर, शिक्षा: बारहवीं,  व्यवसाय: स्वतंत्रता सेनानी विचारधारा: समाजवाद, राष्ट्रवाद प्रमुख संगठन: 'नौजवान भारत सभा', 'कीर्ति किसान पार्टी' एवं 'हिन्दुस्तान समाजवादी गणतंत्र संघ' रचनाएं: युवक, मैं नास्तिक क्यों हूँ, अछूत समस्या, विद्यार्थी और राजनीति, सत्याग्रह और हड़तालें, बम का दर्शन, भारतीय क्रांति का आदर्श,आदि है। भगत सिंह का जीवन परिचय भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर सन् 1907 ईस्वी को लायलपुर जिले के ग्राम बंगा में हुआ था। जो पाकिस्तान में स्थित एक सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम  विद्यावती कौर था। यह एक किसान परिवार से थे।  भगत सिंह जी का दाखिला दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल में कराया था। बाद

महात्मा गांधी का जीवन परिचय।

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  महात्मा गांधी का जीवन परिचय। भारतीय वकील मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 ईस्वी में पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर  नामक स्थान पर हुआ था। और उनकी मृत्यु 30 जनवरी सन् 1948 ईस्वी में गांधी की उस समय नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 फरवरी वर्ष 1948 में महात्मा गांधी के अस्थि कलश जिन्हें 12 तटों पर विसर्जित किए गए थे। इनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था। और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था। महात्मा गांधी का विवाह 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था। विवाह के दो साल बाद गांधी जी के पिता का निधन हो गया। और पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद उनकी पहली संतान हुई। लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ समय बाद ही उसकी मृत्यु हो गई। गांधी ने 1887 मैट्रिक की परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी से पुरी की और इसके आगे की परीक्षा के लिए भी  भावनगर के शामलदास स्कूल में गए।  सितंबर 1818 ईस्वी को गांधी जी बारिस्टर पढ़ाई के लिए लंदन गए जहां पर उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में दाखिला लिया। गांधीजी शुरू से ही शाकाहारी थे और उन्होंने लंदन में भी अपन

हिंदी के सभी कवियों का शॉर्ट जीवन परिचय इमेज

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  मिश्र बंधु आचार्य शिवपूजन सहाय पांडेय बेचन शर्मा उग्र उपेन्द्र नाथ अश्क सुमित्रानंदन ब्रजभाषा कवि मतिराम दुष्यंत कुमार राम विलास शर्मा  आचार्य किशोरीदास वाजपेयी डॉ. नागेन्द्र नंददुलारे वाजपेयी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल वियोगी हरि विद्यानिवास मिश्र शरतचंद्र चट्टोपाध्याय राजेंद्र बाला घोष "बंग महिला" चन्द्रधर शर्मा "गुलेरी"  फणीश्वरनाथ रेणू चंडी प्रसाद भट्ट विश्वंभर नाथ शर्मा रामेश्वर शुक्ल "अंचल" वृंदावन लाल वर्मा मुंशी प्रेमचंद कुमार विकल सुदामा पाण्डेय धूमिल शमशेर बहादुर सिंह नलिन विलोचन शर्मा सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' हरिवंश राय बच्चन गोपाल सिंह "नेपाली" गोपाल शरण सिंह शिव मंगल सिंह "सुमन" बालकृष्ण शर्मा रामधारी सिंह "दिनकर" त्र्यंबक वीर राघवाचार्य वैद्यनाथ मिश्र "नागार्जुन" जनार्दन प्रसाद झा "द्विज" मोहन लाल महतो वियोगी माखन लाल चतुर्वेदी महादेवी वर्मा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जयशंकर प्रसाद सत्य नारायण कविरत्न लाला भगवानदीन बालमुकुन्द गुप्त मैथिलीशरण गुप्त गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही