संदेश

शैल चतुर्वेदी का जीवन परिचय | Shail Chaturvedi ka jeevan parichay | शैल चतुर्वेदी की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
शैल चतुर्वेदी का जीवन परिचय | Shail Chaturvedi ka jeevan parichay | शैल चतुर्वेदी की लघु जीवनी हिंदी में | नाम: शैल चतुर्वेदी  जन्म: 29 जून 1936 ई. स्थान: अमरावती, महाराष्ट्र मृत्यु: 29 अक्टूबर 2007 ई. स्थान: मलाड, मुंबई, भारत पत्नी: दया  पेशा: कवि, व्यंग्यकार, गीतकार,  अभिनेता शैली: हास्य रचनाएँ: चल गई 1988, बाजार का ये हाल है, लेन देन, तुम वाकई गधे हो, सौदागर ईमान के, कब मर रहें हैं, भीख माँगते शर्म नहीं आती, आँख और लड़की, पेट का सवाल है, हे वोटर महाराज, मूल अधिकार, दफ़्तरीय कविताएं, देश के लिये नेता, पुराना पेटीकोट, औरत पालने को कलेजा चाहिये, उल्लू बनाती हो, तू-तू मैं-मैं, एक से एक बढ़ के, अप्रेल फूल, यहाँ कौन सुखी है, गांधी की गीता, मजनूं का बाप, शायरी का इंक़लाब, दागो - भागो, फ़िल्मी निर्माताओं से, आदि। शैल चतुर्वेदी का जीवन परिचय।  कवि शैल चतुर्वेदी का जन्म 29 जून 1936 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था।  उन्होंने अपना करियर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक व्याख्याता के रूप में शुरू किया, जल्द ही विभिन्न कवि सम्मेलनों में भाग लेना शुरू कर दिया। और अपनी तीखी राजनीतिक टिप्पणियों के सा

शिवदीन राम जोशी का जीवन परिचय | Shivdin Ram Joshi ka jeevan parichay | शिवदीन राम जोशी की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
  शिवदीन राम जोशी का जीवन परिचय | Shivdin Ram Joshi ka jeevan parichay | शिवदीन राम जोशी की लघु जीवनी हिंदी में | नाम: शिवदीन राम जोशी  जन्म: 10 जून 1921 ई. निधन: 27 जुलाई 2006 ई. स्थान: खंडेला, सीकर, राजस्थान पिता: सूरजभान,  माता: लक्ष्मी भाषा: राजस्थानी, ब्रज मिश्रित खड़ी बोली प्रसिद्धि: कवि और साहित्यकार रचनाएँ: छंद तरंग, छन्द प्रवाह, अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, शिवनन्दिनी, आदि। शिवदीन राम जोशी का जीवन परिचय।  कवि शिवदीन राम जोशी का जन्म 10 जून, 1921को राजस्थान के सीकर ज़िले में खंडेला नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम सूरजभान तथा माता  का नाम लक्ष्मी था। शिवदीन राम जोशी ने अपनी अल्प अवस्था दस वर्ष की उम्र से ही लेखन कार्य शुरू कर दिया था। उनका यह लेखन कार्य जीवन पर्यंत चलता ही रहा। शिवदीन राम जोशी एक भारतीय कवि थे। उनके साहित्य में सवैया, मनहर, मतगयंद, कुंडली छंद ओर कवित्त का प्रयोग तथा धमाल, भजन ओर गजलों का समावेश है। पद्यात्मक रचनाओं का विषय ज्ञान, वैराग्य, प्रेम, प्रकृति चित्रण, प्रार्थना और उपदेश के साथ-साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंड, भ्रष्टाचार एवं काल चिंतन उन

शंकरलाल द्विवेदी का जीवन परिचय | Shankarlal Dwivedi ka jeevan parichay | शंकरलाल द्विवेदी की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
शंकरलाल द्विवेदी का जीवन परिचय | Shankarlal Dwivedi ka jeevan parichay | शंकरलाल द्विवेदी की लघु जीवनी हिंदी में |  नाम: शंकरलाल द्विवेदी  उपनाम: 'शंकर' द्विवेदी जन्म: 21 जुलाई 1941 ई. स्थान: बारौली, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश मृत्यु: 27 जुलाई 1981 ई. स्थान: मथुरा, उत्तर प्रदेश पिता: श्री चम्पाराम शर्मा माता: श्रीमती भौती देवी पत्नी: श्रीमती कृष्णा द्विवेदी शिक्षा: आगरा कॉलेज,(स्नातकोत्तर हिंदी में) पेशा: कवि, लेखक, शिक्षाविद आंदोलन: राष्ट्रवाद, प्रगतिवाद काल: आधुनिक काल विधा: पद्य और गद्य विषय: कविता, गीत, गीतिका, मुक्तक,  समीक्षा, रचनाएँ: इस तिरंगे को कभी झुकने न दोगे 1965, युद्ध केवल युद्ध 1966, काश्मीर के लिए न शम्सीरें तानो 1964, शीष कटते हैं कभी झुकते नहीं 1965, मुर्दा श्वाँस जिया करतीं हैं 1962, शिव-शंकर तुझे पुकारे 1963, प्राणों से प्रिय जिन्हें वतन 1965, धुआँ ही धुआँ है, धुआँ भर गया चन्दन-वन में 1967, युवक तू सोया हुआ है, खोजने होंगे हमें सत्वर, जय जन्मभूमि बोली, टीका करो, लो रक्त का, माथे की बिंदी है हिंदी, सत्य की हत्या, निठुर घन से, प्यार पनघटों को दे दूँगा, ताजमहल, गाँधी

वृन्द का जीवन परिचय। Vrind ka jeevan parichay | वृन्द की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
  वृन्द का जीवन परिचय | Vrind ka jeevan parichay | वृन्द की लघु जीवनी हिंदी में |  पूरानाम: वृन्दावनदास उपनाम: वृन्द जन्म: सन् 1643 ई. मृत्यु: सन् 1723 ई. स्थान: मेड़ता, जोधपुर, राजस्थान पिता: रुप जी माता: कौशल्या पत्नी: नवरंगदे काल: रीतिकालीन कवि पेशा: हिंदी साहित्य के कवि प्रसिद्ध रचनाएँ: नीतित्साई 1704, वृन्द सतसई, श्रृंगार शिक्षा 1691,भव पंचासिका, रूपक चयनिका, अलंकार सतसई, हितोपदेश नाटक, आदि। रचनाएँ: शिखर छंद, भाव पंचाशिका, शृंगार शिक्षा, पवन पचीसी, हितोपदेश सन्धि, वृन्द सतसई, वचनिका, सत्य स्वरूप, यमक सतसई, हितोपदेशाष्टक, भारत कथा, 👉वृन्द ने मुगल सम्राट औरंगजेब के यहाँ ये दरबारी कवि रहे। कवि वृन्द का जीवन परिचय।  वृन्द हिन्दी के कवि थे। रीतिकालीन परम्परा के अन्तर्गत वृन्द का नाम आदर के साथ लिया जाता है। इनके नीति के दोहे  बहुत प्रसिद्ध हैं। वह हिंदी साहित्य के रीतिकाल के एक महत्वपूर्ण कवि थे। प्राचीन कवियों की भाँति वृन्द का जीवन परिचय भी प्रमाणिक नहीं है। पं॰ रामनरेश त्रिपाठी इनका जन्म सन् 1643 में मथुरा उत्तर प्रदेश क्षेत्र के किसी गाँव का बताते हैं। इनका पूरा नाम वृन्दावनदास था

लक्ष्मी शंकर बाजपेई का जीवन परिचय | laxmi shankar Bajpai ka jivan parichay | लक्ष्मी शंकर बाजपेई की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
  लक्ष्मी शंकर बाजपेई का जीवन परिचय | laxmi shankar Bajpai ka jivan parichay | लक्ष्मी शंकर बाजपेई की लघु जीवनी हिंदी में |  नाम: लक्ष्मी शंकर बाजपेई जन्म: 10 जनवरी 1955 ई. स्थान: कानपुर, उत्तर प्रदेश पेशा: हिन्दी कवि, आकाशवाणी के उपनिदेशक पत्नी: ममता किरण शिक्षा: एम. एससी.(भौतिक विज्ञान) पुरस्कार: बाल साहित्य पुरस्कार, राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान, भारतेंदु सम्मान आदि पुस्तकें: मच्छर मम समझ गय हुन, खुशबू तो बच्चा ली जाये, बेजुबान दर्द, ख़ुशबू तो बचा ली जाए (ग़ज़ल संग्रह),आदि। लक्ष्मी शंकर बाजपेई का जीवन परिचय । लक्ष्मी शंकर बाजपेयी एक कवि, गज़लकार और संचारक हैं। लक्ष्मी शंकर बाजपेई का जन्म 10 जनवरी 1955 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। लक्ष्मी शंकर बाजपेयी भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर किया है। उन्होंने आकाशवाणी ग्वालियर से PEX के रूप में अपना करियर शुरू किया और बीकानेर, अल्मोडा, कठुआ, राष्ट्रीय चैनल आदि जैसे विभिन्न स्टेशनों पर सेवा की। उन्होंने हिंदी कमेंट्री को नए आयाम दिए हैं। और आंखो देखा हाल को जनता के सामने लाया है। लक्ष्मी शंकर बाजपेयी वेनेज़ुएला में आयोजित 2013 विश्व कविता महोत

लछिराम का जीवन परिचय | lachiram ka jeevan parichay | लछिराम की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
लछिराम का जीवन परिचय | lachiram ka jeevan parichay | लछिराम की लघु जीवनी हिंदी में |  नाम: लछिराम जन्म: संवत् 1898  मृत्यु: संवत् 1961 स्थान: बस्ती, उत्तर प्रदेश पिता: पलटन ब्रह्मभट्ट रचनाएँ: मुनीश्वर कल्पतरु, महेंद्र प्रतापरस भूषण, रघुबीर विलास, लक्ष्मीश्वर रत्नाकर, प्रतापरत्नाकर, रामचंद्रभूषण, हनुमंतशतक, सरयूलहरी, कमलानंद कल्पतरु, मानसिंह जंगाष्टक और सियाराम चरण चंद्रिका, आदि है। कवि लछिराम का जीवन परिचय।  हिंदी में लछिराम नाम के सात कवियों का उल्लेख मिलता है। जिनमें बहुज्ञात और प्रख्यात हैं।19 वीं शती के अमोढ़ा या अयोध्यावाले लछिराम का जन्म संवत् 1898 में पौष शुक्ल 10 को शेखपुरा जिला बस्ती में हुआ था। पिता पलटन ब्रह्मभट्ट ब्राह्मण थे। राजा अमोढ़ा इनके पूर्वजों को अयोध्या से अमोढ़ा लाए थे। ये कुछ दिन अयोध्या नरेश महाराज मानसिंह के यहाँ रहे। इस कुल में कवियों की परंपरा विद्यमान थी। संवत् 1904 में लछिराम लामाचकनुनरा ग्रामवासी जिला सुल्तानपुर साहित्यशास्त्री कवि "ईश" के पास अध्ययनार्थ गए। 5 वर्ष वहाँ अध्ययन करने के बाद घर चले आए। फिर इनकी भेंट अयेध्याधिपति राजा मानसिंह 'द्

रामरतन भटनागर का जीवन परिचय | Ram Ratan Bhatnagar ka jeevan parichay | डॉ. राम रतन भटनागर की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
रामरतन भटनागर का जीवन परिचय | Ram Ratan Bhatnagar ka jeevan parichay | डॉ. राम रतन भटनागर की लघु जीवनी हिंदी में |  नाम: रामरतन भटनागर जन्म: 14 जनवरी 1914 ई. स्थान: रामपुर, भारत मृत्यु: 13 अप्रैल 1992 ई. स्थान: सागर, मध्य प्रदेश  पिता: मुंशी गोविन्द राम पेशा: कवि, प्रोफेसर, विद्वान, उपन्यासकार रचनाएँ: उपन्यास:- आकाश की कथा, जय वासुदेव, अम्बपाली,  कविता संग्रह:- ताण्डव 1942, निराला 1962, प्रकाश जहाँ भी है 1982, तुलसीदास 1983, वेणुगीत 1984, गीतों के अमलतास 1985, जागरण 1991, संकलन:- निबन्ध निलय 1975, रूपायन 1975, परम्परा 1977, निकष 1980, अंतरंग 1980, कालान्तर 1970, सात एकांकी 1970, संचयन 1970, सप्तरंग 1968, उत्तरा 1968, रूपरंग 1958, गद्यायन 1962, नव जातक 1970, समवेत, आधुनिक कहानियाँ,  निबंध और आलोचना:- निबन्ध प्रबोध, रहस्यवाद 1948 -1951,हिंदी कविता 1948, हिन्दी गढ़्य 1948, हिंदी भक्ति काव्य 1948, साहित्य समीक्षा, हिंदी सागर 1948, प्रबंध परिचय 1950, नये निबन्ध 1950, साहित्य निबन्ध 1950, अपथित गाध्या 1950, प्रबंध प्रदीप 1951, हिंदी कवि परंपरा 1952, निराला 1952, सुर समीक्षा 1952, प्रबंध प्रभ

रवीन्द्र प्रभात का जीवन परिचय | Ravindra Prabhat ka jeevan parichay | रवीन्द्र प्रभात की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
रवीन्द्र प्रभात का जीवन परिचय | Ravindra Prabhat ka jeevan parichay | रवीन्द्र प्रभात की लघु जीवनी हिंदी में |  नाम: रवीन्द्र प्रभात  उपनाम: प्रभात जन्म: 5 अप्रैल, 1969 ई.  स्थान: सीतामढी, बिहार पत्नी: एम. प्रभात शिक्षा: पत्रकारिता तथा जन संचार में स्नात्कोत्तर विषय: साहित्य और ब्लॉग  पेशा: कवि, लेखक, साहित्यकार, पत्रकार शैली: कविता, ग़ज़ल, कहानी लेखन और ब्लॉग आलोचना प्रसिद्धि: न्यु मिडिया विशेषज्ञ के रूप में पुरस्कार: संवाद सम्मान 2009, सृजनश्री सम्मान 2011, हिन्दी साहित्यश्री सम्मान 2011, बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान 2012, प्रबलेस चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान 2012, आदि प्रसिद्ध रचनाएँ: हम सफर, मत रोना रमजानी चाचा, स्मृतिशेष, ताकि बचा रहे लोकतन्त्र, प्रेम न हाट बिकाय, आदि। रचनाएँ: उपन्यास:-  ताकि बचा रहे लोकतंत्र 2011, प्रेम न हट बिके 2012, प्रतिश्रुति, धरती पकड़ निर्दलीय 2013, लखनऊआ कक्का 2018, कश्मीर 370 किलोमीटर, धरतीपुत्री सीता 2020 कविता संग्रह:- हम सफर 1991(प्रभात जी का पहला कविता संग्रह), मत रोना रमजानी चाचा 1999, स्मृति शेष 2002, ग़ज़ल संग्रह:- हमसफर 1991, मत रोना रमज़ानी चाच

मोहन राणा का जीवन परिचय | Mohan Rana ka jeevan parichay | मोहन राणा की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
मोहन राणा का जीवन परिचय | Mohan Rana ka jeevan parichay | मोहन राणा की लघु जीवनी हिंदी में | नाम: मोहन राणा जन्म: 9 मार्च, 1964 ई.  स्थान: दिल्ली, भारत शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय (स्नातक) पेशा: कवि, लेखक पुरस्कार: पद्मानंद साहित्य सम्मान 2008, पुस्तकें: रेत का पुल, आँखें बंद करके,  मानचित्रकार, कविताएँ,  रचनाएँ: कविता संग्रह:- जगह 1994, जैसे जनम कोई दरवाजा 1997, सुबह की डाक 2002, इस छोर पर 2003, पत्थर हो जाएगी नदी 2007, धूप के अँधेरे में 2008, द्विभाषी संग्रह विद आइज़ क्लोज़्ड 2008, द्विभाषी कविता संग्रह ‘पोयम्स’ 2011, रेत का पुल 2012, शेष अनेक 2016, नवीनतम द्विभाषी कविता संग्रह ‘द कार्टोग्राफ़र’ 2020, कविताएँ:- तीसरा पहर, घर, नक़्शानवीस, पनकौआ, पानी का रंग, आएगा संदीपन यहाँ, चचरी पुल, तब नाव नहीं थी, धोबी, कुछ कहना, चकमक, इस जगह का नाम, अपनी कही बात, भरोसा, यह जगह काफ़ी है, होगा एक और शब्द, साधारण क़मीज़, अधिक मास, कि कहने के लिए,  कवि मोहन राणा का जीवन परिचय।   मोहन राणा भारत के एक हिन्दी भाषा के कवि हैं । उनके हिंदी में दस कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कविताओं का अनुवाद

मीराबाई का जीवन परिचय | Mirabai ka jeevan parichay | मीराबाई की लघु जीवनी हिंदी में |

चित्र
  मीराबाई का जीवन परिचय | Mirabai ka jeevan parichay | मीराबाई की लघु जीवनी हिंदी में |  पूरानाम: जशोदा राव रतन सिंह राठौड़ नाम: मीराबाई उपनाम: मीरा, मीरा बाई, जशोदा जन्म्: सन 1498 ई. स्थान: कुड़की, राजस्थान  मृत्यु: सन 1547 ई. स्थान: द्वारका, गुजरात दादा: राव दूदा माता: वीर कुमारी पिता: रतन सिंह पति: भोजराज  गुरु: संत रैदास या (रविदास) जयंती: शरद पूर्णिमा विषय: कृष्णभक्ति  भाषा: ब्रजभाषा शैली: पदशैली साहित्य काल: भक्तिकाल व्यवसाय: कृष्ण भक्त, संत, कवित्री, गायिका, उपाधि: मरुस्थल की मंदाकिनी प्रसिद्धि: कविताएँ, कृष्ण की भक्ति मुख्य रचनाएँ: नरसी जी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद, रचनाएँ: ग्रन्थ:- बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, गोविंद टीका, राग सोरठ, मीरा की मल्हार, मीरा पदावली, नरसी जी का मायरा, राग सोरठ के पद, फ़ुटकर पद, चरित, रुक्मणी मंगल, आदि। कविताएं:- सुन लीजो रोटीती मोरी, कृष्ण मंदिरमों मिराबाई नाचे, मीरा की होली, हरि तुम हरो जन की भीर, मेरो दरद न जाणै कोय, प्रभु कब रे मिलोगे, पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो, पग घूँघरू बाँध मीरा नाची रे, पपैया