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गुरु घासीदास की जीवनी | Biography of Guru Ghasidas in Hindi |

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 गुरु घासीदास का जीवन परिचय।  गुरु घासीदास 19वीं सदी की शुरुआत में सतनामपंथ के गुरु थे। यह गुरु घासीदास थे जिन्होंने छत्तीसगढ़ के घने जंगलों वाले हिस्से में उपदेश देना शुरू किया था।  गुरु घासीदास का जन्म 1756 ईस्वी में छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले में गिरौदपुरी नामक ग्राम में चमार परिवार में हुआ था। और लगभग इनकी मृत्यु 1850 ईस्वी मैं हुई। इनकी माता का नाम 'अमरौतिन' तथा पिता का नाम 'मंहगूदास' था। युवावस्था में घासीदास का विवाह सिरपुर की 'सफुरा' से हुआ। भंडापुरी आकर घासीदास सतनाम का उपदेश निरंतर देते थे। गुरु घासीदास बाबा जी के शिक्षा दीक्षा के संबंध में जितने भी जानकारियां दी जाती है। वे सब भ्रामक है उन्होंने किसी से भी शिक्षा प्राप्त नहीं किया और न ही उनके कोई गुरु थे बाबा घासीदास स्वयं महाज्ञानी थे। घासीदास ने विशेष रूप से छत्तीसगढ़  के लोगों के लिए सतनाम का प्रचार किया । गुरु घासीदास के बाद उनकी शिक्षाओं को इनके पुत्र गुरु बालकदास ने आगे बढ़ाया । गुरु घासीदास सतनामियों के संस्थापक थे। छत्तीसगढ़ में समुदाय इनके जीवन काल में भारत का राजनीतिक माहौल शोषण का था। घासीद

गुरु बालकदास | Raja guru | ka jivan Parichay | Biography of Guru Balakdas |

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 गुरु बालक दास का जीवन परिचय । गुरु बालक दास महान क्रांतिकारी, समाज सुधारक , युग पुरुष और मानवाधिकार के लिए सतनामी आंदोलन के प्रणेता व सतनाम धर्म के संस्थापक गुरु घासीदास जी के द्वितीय पुत्र तथा उत्तराधिकारी थे।  गुरु बालकदास जी का जन्म 18 अगस्त सन् 1805 ईंस्वी को दक्षिण एशिया मे भारत के मध्यप्रांत के छत्तीसगढ मे स्थित सोनाखान रियासत के गिरौद गांव मे गुरु घासीदास जी और सफूरा माता के पुत्र के रूप मे हुआ। अपनी कम उम्र मे ही इन्होने सन 1820 ईस्वी से चले सतनामी आंदोलन मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए और नेत्रृत्वकारी भूमिका निभाई। इनका सोनाखान के राजा रामराय के पुत्र वीर नारायण सिंह और आदिवासियों से मित्रतापुर्ण संबंध था। गुरु बालकदास जी का विवाह ढारा नवलपुर (बेमेतरा) के निवासी सुनहरदास चतुर्वेदी की सुपुत्री नीरा माता के साथ हुआ  सन 1820 ईस्वी मे सतनामी आंदोलन प्रारंभ हुआ, तो बालकदास जी ने उसमे बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया। उनके महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण गुरु घासीदास जी के बाद सन 1850 मे सतनामियों का प्रमुख गुरु बनाया गया। गुरु बालकदास जी ने नेतृत्व संभालने के बाद आंदोलन को पूर्व की भांति पुरे गति

क्रांतिकारी 🇮🇳चंद्रशेखर आजाद | jivan Parichay | Biography of Chandrashekhar Azad

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 चन्द्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय।  चन्द्र शेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को अलीराजपुर रियासत के भाभरा गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में चन्द्र शेखर तिवारी के रूप में हुआ था । उनके पूर्वज उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के  बदरका गांव के रहने वाले थे। उनकी मां जगरानी देवी, सीताराम तिवारी की तीसरी पत्नी थीं। जिनकी पिछली पत्नियां कम उम्र में ही मर गईं थीं। बदरका में अपने पहले बेटे सुखदेव के जन्म के बाद, परिवार  अलीराजपुर राज्य में चला गया।  उनकी माँ चाहती थीं कि उनका बेटा एक महान संस्कृत विद्वान बने। और उन्होंने अपने पिता को उसे पढ़ने के लिए बनारस  के काशी विद्यापीठ में भेजने के लिए राजी किया। 1921 में, जब असहयोग आंदोलन अपने चरम पर था। तब 15 वर्षीय छात्र चन्द्रशेखर भी इसमें शामिल हुए। परिणामस्वरूप, उन्हें 20 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। एक सप्ताह बाद पारसी जिला मजिस्ट्रेट जस्टिस एमपी खरेघाट के सामने पेश होने पर उन्होंने अपना नाम "आजाद" , अपने पिता का नाम "स्वतंत्रता" और अपना निवास स्थान "जेल" बताया। क्रोधित मजिस्ट्रेट ने उसे 15 कोड़ों की सजा दी।  चन्द्रशेखर 

संविधान के जनक | डॉ.भीमराव अंबेडकर | जीवन परिचय | Biography of Dr. Bhimrao Ambedkar

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  भीमराव आम्बेडकर का जीवन परिचय । भीमराव रामजी आम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर सैन्य छावनी में हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई की 14 वीं व अंतिम संतान थे। उनका परिवार कबीर पंथ को माननेवाला मराठी  मूूल का था और वो वर्तमान महाराष्ट्र के  रत्नागिरी जिले में आंबडवे गाँव के निवासी थे । वे हिंदू महार कुम्हार जाति से संबंध रखते थे। जो तब अछूत कही जाती थी और इस कारण उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहन करना पड़ता था। भीमराव आम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत रहे थे और उनके पिता रामजी सकपाल,भारतीय सेना की महू  छावनी में सेवारत थे तथा यहां काम करते हुये वे सूबेदार के पद तक पहुँचे थे। उन्होंने  मराठी और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। अप्रैल 1906 में, जब भीमराव लगभग 15 वर्ष आयु के थे। तो नौ साल की लड़की  रमाबाई से उनकी शादी कराई गई थी। तब वे पाँचवी अंग्रेजी कक्षा पढ़ रहे थे। उन दिनों भारत में बाल विवाह का प्रचलन था। आम्बेडकर ने सातारा नगर में राजवाड़

भारत के विदेश मंत्री | सलमान खुर्शीद की जीवनी | Salman Khurshid Biography in Hindi

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सलमान खुर्शीद का जीवन परिचय। सलमान खुर्शीद का जन्म 1 जनवरी 1953 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक प्रतिष्ठित खान  परिवार में जन्मे। वह भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री खुर्शीद आलम खान के बेटे और भारत के तीसरे  राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के पोते हैं। वह अपने परिवार के पैतृक और मातृ दोनों पक्षों से पश्तून वंश का है। वह अपने वंश को अफगानिस्तान के अफरीदी और  खेशगी जनजातियों से जोड़ता है। खुर्शीद और इनकी पत्नी लुईस शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट चलाते हैं। खुर्शीद ने सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, पटना। दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड से पढ़ाई की। इन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज  से बीए (अंग्रेजी और न्यायशास्त्र) की उपाधि प्राप्त की और बाद में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय  के सेंट एडमंड हॉल से एमए, बैचलर ऑफ सिविल लॉ किया । इन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में कानून के व्याख्याता के रूप में भी पढ़ाया। सलमान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1980 के दशक की शुरुआत में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान प्रधान मंत्री कार्यालय में विशेष कर्तव्य अधिका

भारत के विदेश मंत्री छवि | एस.एम. कृष्णा का जीवन परिचय |

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 एस एम कृष्णा का जीवन परिचय। एस. एम. कृष्णा का जन्म 1 मई, 1932 को सोमनाहल्ली ग्राम, मंडया ज़िला (कर्नाटक) में हुआ था। इनका पूरा नाम- सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा है इनके पिता  का नाम एस. सी. मल्लैया है।  एस. एम. कृष्णा ने मैसूर के 'महाराजा कॉलेज' से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद वे 'गवर्नमेण्ट लाँ कॉलेज' से क़ानून की डिग्री प्राप्त करने के लिए बंगलौर गये थे। बाद में उन्होंने संयुक्त राज्य अमरीका के डालाज में स्थित 'सदर्न मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय' में अध्ययन प्राप्त किया और 'फ़ुलब्राइट छात्रवृत्ति' प्राप्त करके 'जाँर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय' में भी अध्ययन किया। 29 अप्रैल सन 1964  को इनका विवाह प्रेमा कृष्णा जी के साथ सम्पन्न हुआ। वे दो पुत्रियों के पिता हैं। अमेरिका में ही एस. एम. कृष्णा की सक्रिय राजनीति में रुचि जगी। वहाँ उन्होंने जॉन एफ़ कैनेडी के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार भी किया था। भारत वापस आने के बाद उन्होंने एक अन्तर्राष्ट्रीय क़ानून के प्रोफ़ेशर के रूप में 'रेणुकाचार्या लाँ कॉलेज', बंगलौर में अध्यापन का कार्य किया। वे कर्

यशवंत सिन्हा का जीवन परिचय।

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  यशवंत सिन्हा का जीवन परिचय। यशवंत सिन्हा का जन्म 6 सितंबर 1937 ईस्वी में बिहार के पटना में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम  बिपिन बिहारी सरन और माता धना देवी नाम था। इनकी पत्नी का नाम नीलिमा सिन्हा है। इन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स (इतिहास) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1958 में  राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने 1962 तक पटना विश्वविद्यालय में इस विषय को पढ़ाया।  सिन्हा 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और अपने सेवा कार्यकाल के दौरान 24 वर्षों से अधिक समय तक महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने 4 वर्षों तक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया। वह 2 वर्षों तक बिहार सरकार के वित्त विभाग में अवर सचिव और उप सचिव रहे जिसके बाद उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में काम किया। बाद में वह 1980 से 1984 तक भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे, उनकी मुख्य जिम्मेदारियाँ सड़क परिवहन, बंदरगाह और शिपिंग थीं।  सिन्हा ने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्ती

भारत के विदेश मंत्री | जसवंत सिंह का जीवन परिचय | biography of jaswant singh

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 जसवंत सिंह का जीवन परिचय।  जसवंत सिंह जसोल का जन्म 3 जनवरी सन् 1938 ईस्वी को गाँव जसोल, बालोतरा, राजस्थान ब्रिटिश भारत में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता जसोल के ठाकुर सरदार सिंह राठौर थे और माता कुंवर बाईसा थीं। वह प्रारंभिक जीवन से ही एक अभिमानी  राजपूत थे। लेकिन उन्होंने ठाकुर  की उपाधि अपने पिता द्वारा नहीं दी थी, लेकिन उन्होंने केवल जसवंत सिंह और उन्हें परंपरा के अनुसार उन्हें बुलाना पसंद किया राजस्थान और उन्होंने अपने नाम के आगे अपने गाँव का नाम 'जसोल' रखा। उनका परिवार राठौर सूर्यवंशी वंश के राजपूत थे और उनके पिता गाँव के "ठाकुर" थे। सन् 1960 के दशक में भारतीय सेना में एक अधिकारी थे। और मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के पूर्व छात्र थे। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से अपनी शिक्षा के बाद। उन्हें वर्ष 1957 में भारतीय सेना में भर्ती किया गया। और निष्ठा के साथ मध्य भारत हार्स यूनिट के कप्तान के पद पर नियुक्त किया गया। और वे 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के भी प्रतिभागी थे और उनकी इकाई के कमांडर थे। और वर्ष 1965 के चीन-भारतीय सीमा विवाद के समय मेजर थ

भारत के विदेश मंत्री | पी. शिवशंकर का जीवन परिचय | Life introduction of P.Shiv Shankar | छवि जीवनी

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  पी.शिव शंकर का जीवन परिचय। पी. शिव शंकर का जन्म 10 अगस्त 1929 को हैदराबाद जिले की ममिदीपल्ली में हुआ था। हैदराबाद वर्तमान मे तेलंगाना की राजधानी है। और उनकी मृत्यु 27 फ़रवरी 2017 को नई दिल्ली में निधन हो गया। इनका पूरा नाम पुंजला शिव शंकर है। इनके पिता का नाम श्री पी बशीया था ।  इन्होंन हिंदू कॉलेज अमृतसर से बी.ए की पढ़ाई की उसके बाद लॉ कॉलेज, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एल.एल.बी किया। इनका विवाह 2 जून 1955 को डॉ (श्रीमती) पी लक्ष्मीबाई से हुआ था। इनके दो बेटे और एक बेटी हैं। पी शिवशंकर ने गरीबों की सेवा की और हमारे देश के कल्याण के लिए काम किया। वह 1974 और 1975 के दौरान आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। वह 1979 में सिकंदराबाद से 6 वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में थे। 1980 में उन्होंने पुनः सिकन्दराबाद निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता। उन्हें 1980 में तीसरे इंदिरा गांधी मंत्रीमंडल में कानून और न्याय मंत्रालय का मंत्री बनाया गया था। शिवशंकर ने सरकार में कई पदों पर कार्य किया था। 1985 में, पी शिवशंकर गुजरात से राज्य सभा के लिए चुने गए और

भारत के विदेश मंत्री | महाराष्ट्र के पहले मुख्यमन्त्री और भारत के पाँचवें उप-प्रधानमन्त्री थे | यशवंतराव चव्हाण का जीवन परिचय

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  यशवंतराव चव्हाण का जीवन परिचय । यशवंतराव चव्हाण इस महान नेता का जन्म 12 मार्च 1913 को भारत के महाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले के देवराष्ट्रे नामक गाँव में एक मराठा किसान परिवार के घर हुआ था। बचपन में उन्होंने अपने पिता को खो दिया और उनका पालन-पोषण उनके चाचा तथा माँ द्वारा किया गया। उनकी माँ ने उन्हें आत्म-निर्भरता और देशभक्ति के बहुमूल्य सबक सिखाए। अपने बचपन से ही वे भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष से प्रभावित थे। प्रतिकूल पारिवारिक स्थिति के बावजूद यशवन्तराव अपनी शिक्षा पूर्ण करने में सफल रहे। और 1938 में बम्बई विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में बीए की पढ़ाई पूरी की। इस अवधि के दौरान वे कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल थे। और कांग्रेस पार्टी तथा जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और केशवराव जेधे जैसे उनके नेताओं के साथ काफी नजदीकी से जुड़े रहे।1940 में, यशवन्तराव सतारा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बने। 1941 में उन्होंने एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1942 में सतारा जिले के फल्टन में वेनूताइ से उनका विवाह हो गया। यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंन

भारत के विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह का जीवन परिचय

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 सरदार स्वर्ण सिंह का जीवन परिचय। सरदार स्वर्ण सिंह एक भारतीय राजनेता थे। वे सबसे अधिक समय तक भारत के केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री रहे। स्वर्ण सिंह पुरेवाल का जन्म 19 अगस्त 1907 ईस्वी को पंजाब के जालंधर जिले के शंकर (गाँव) में हुआ था। इनका जन्म जाट सिख परिवार में हुआ था।  और इनकी मृत्यु 30 अक्टूबर 1994 ईस्वी को नई दिल्ली, में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम चरण कौर था।  इन्होंने अपनी इंटरमीडिएट (हाई स्कूल)  कपूरथला के रणधीर कॉलेज से पूरी की । इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर में प्रवेश लिया। और सम्मान के साथ भौतिकी में डिग्री पूरी की। इसके बाद इन्होंने लायलपुर खालसा कॉलेज में भौतिकी के व्याख्याता के रूप में काम किया। यह नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने लाहौर के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की और 1932 में एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। 1930 के दशक में वह अकाली दल राजनीतिक दल में शामिल हो गए और 1940 के दशक के मध्य तक वह एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने 1940 के दशक की शुरुआत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और अकाली दल के बीच समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 15 अगस्त 1947 को। भारतीय स्वतंत

भारत की पहली महिला विदेश मंत्री | और दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री | सुषमा स्वराज का जीवन परिचय

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  सुषमा स्वराज का जीवन परिचय। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 ईस्वी को अंबाला छावनी  हरियाणा में हुआ था। एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में। हरदेव शर्मा तथा लक्ष्मी देवी के घर हुआ था। उनके पिता हरदेव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सदस्य रहे थे। स्वराज का परिवार मूल रूप से लाहौर के धरमपुरा क्षेत्र का निवासी थे। जो अब  पाकिस्तान में है। अम्बाला छावनी में जन्मी सुषमा स्वराज ने एस॰डी॰ कालेज अम्बाला छावनी से बी॰ए॰ तथा पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री ली। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पहले जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। आपातकाल का पुरजोर विरोध करने के बाद वे सक्रिय राजनीति से जुड़ गयीं। वर्ष 2014 में उन्हें भारत की पहली महिला विदेश मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 13 जुलाई 1975 को उनका विवाह  स्वराज कौशल के साथ हुआ। जो सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। कौशल बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे। और इसके अतिरिक्त वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल  भी रह चुके हैं। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है। बांसुरी, जो लंदन के इन

संत अच्युतानंद कौन थे?संत अच्युतानंद का जीवन परिचय | एवं #रचनाएं |

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 संत अच्युतानंद कौन थे? अच्युतानन्द का जीवन परिचय।  अच्युतानन्द दास 16वीं सदी के कवि, द्रष्टा और उड़ीसा, के वैष्णव संत थे। कहते हैं कि उन्हें भूत, वर्तमान एवं भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त थी। वे महान लेखक थे। वे उन पाँच व्यक्तियों में से थे जिन्होने संस्कृत ग्रन्थों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके पूर्वी भारत में आध्यात्मिक क्रान्ति ला दी। उनका ओड़िया भाषा में रचित ग्रन्थ "शून्यसंहिता" प्रसिद्ध है। रामदास के प्रश्न सुनकर अत्युतनन्द ने जो उपदेश दिया वे ही शून्यसंहिता में हैं। महापुरुष अच्युतानन्द ने 36 संहिता, 78 गीता, 27 हरिबंशादि चरित,12 उपबंश चरित, 100 पुराण या माळिका की रचना की। इनके अतिरिक्त उन्होने अनेक भजन चौपदी भी लिखे हैं। संत अच्युतानंद की रचनाएं साहित्यिक कृतियाँ :- हरिबंश, आगत-भविष्य माळिका, भविष्य माळिका, गुरुभक्ति गीता, गरुड़ गीता, शून्य गीता, ज्ञानोदय कोइलि, शून्य संहिता, ब्रह्म संहिता, बीज संहिता, ज्योति संहिता, छाया संहिता, कल्प टीका,  चन्द्रकल्प टीका,अष्ट गुजरी, बर्ण टीका, परम राहास, राधा रास, शून्य राहास, आदि इनकी रचनाएं हैं। संत अच्युतानंद

एस. जयशंकर का जीवन परिचय

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  एस. जयशंकर का जीवन परिचय। सुब्रह्मण्यम जयशंकर एक भारतीय राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं । एस. जयशंकर का जन्म 9 जनवरी सन् 1957 ईस्वी को नई दिल्ली, भारत में हुआ था। इनके पिता का नाम के. सुब्रह्मणयम और माता का नाम सुलोचना है। यह इतिहासकार संजय सुब्रह्मण्यम और भारत के पूर्व ग्रामीण विकास सचिव सुब्रह्मण्यम विजय कुमार के भाई हैं। इनकी पहली पत्नी शोभा की कैंसर से मौत के बाद एस. जयशंकर ने जापानी मूल की क्योको से शादी की और अभी उनके दो बेटे और एक बेटी है। अब वें भारत के विदेश मंत्री भी है।यह प्रमुख भारतीय सामरिक मामलों के विश्लेषक, टिप्पणीकार और प्रशासनिक अधिकारी हैं। एस. जयशंकर की प्रारंभिक शिक्षा, दिल्ली के श्रीनिवासपुरी स्थित कैंब्रिज स्कूल में हुई। स्कूली पढाई पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफ़न्स कॉलेज से बीए किया। इसके बाद इन्होंने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से राजनीतिशास्त्र में एमए किया। जेएनयू से ही इन्होंने, अंतर्राष्ट्रीय संबंध में एमफिल और पीएचडी भी की। जहां उन्होंने परमाणु कूटनीति में विशेषज्ञता हासिल की। जयशंकर एक बहुभाषी हैं और अंग्रेजी बोलते हैं ,तमिल. और हि

आचार्य चाणक्य 40 नियम | चाणक्य नीति हिंदी में

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  चाणक्य की कूटनीति तथा राजनीति विचार 1 उच्च विचार करने वाले तथा बात सुनने वाले मनुष्य को ही राजा अपना मंत्री बनाए । 2 समस्त प्रकार से गोपनीय विचारों / सलाहों की रक्षा की जानी चाहिए। 3 योजना-रूपी सम्पदा से राज्य की वृद्धि होती हैं। 4 उचित सलाह रूपी नेत्रो से राजा शत्रु की कमजोरियों को देखता है। 5 स्वराष्ट्रनीति व विदेश नीति व्यवस्था का अंग है। 6 जनपद के लिए गांव का त्याग कर देना चाहिए। 7 गांव के लिए परिवार का त्याग कर देना चाहिए। 8 पड़ोसी देश के गुप्तचर पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए। 9 निर्बल राजा बलवाल राजा का आश्रय लें। 10 जिस प्रकार अग्नि का आश्रय लिया जाता है,वैसे ही राजा का भी आश्रय ले। 11 राजा के विपरित आचरण कदापि न करें । 12 इंद्रियों के वशीभूत रहने वाला राजा चतुरंगिनी सेना होने पर भी जल्द ही नष्ट हो जाता है। 13 कठोर सजा देने वाले राजा से प्रजा नफरत करती है। 14 सभा के मध्य जो दूसरे का दोष दिखाता है; वह अपने ही दोषों को प्रकट करता है। 15 राजा के लिए आरोप भरे शब्द नही कहने चाहिए। 16 राजा अपनी वीरता से धनी होते है। 17 राज्य की समृद्धि धन से सम्भव है। 18 इंद्रियों पर विजय हासिल करने से

भगत सिंह का जीवन परिचय एवं रचनाएं

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  भगत सिंह का जीवन परिचय पूरा नाम: बलिदान-ए-आज़म अमर बलिदानी सरदार भगतसिंह,  अन्य नाम: भागां वाला, जन्म: 28 सितंबर,1907 ई. स्थान: बंगा,लायलपुर, पंजाब मृत्यु: 23 मार्च,1931 ई.लाहौर सेंट्रल जेल, स्थान: लाहौर,पंजाब,  मृत्यु का कारण: फांसी (सजा-ए-मौत पिता: सरदार किशन सिंह,  माता: वैद्यवती कौर धर्म: सिख, विद्यालय: डी.ए.वी. स्कूल, नेशनल कॉलेज, लाहौर, शिक्षा: बारहवीं,  व्यवसाय: स्वतंत्रता सेनानी विचारधारा: समाजवाद, राष्ट्रवाद प्रमुख संगठन: 'नौजवान भारत सभा', 'कीर्ति किसान पार्टी' एवं 'हिन्दुस्तान समाजवादी गणतंत्र संघ' रचनाएं: युवक, मैं नास्तिक क्यों हूँ, अछूत समस्या, विद्यार्थी और राजनीति, सत्याग्रह और हड़तालें, बम का दर्शन, भारतीय क्रांति का आदर्श,आदि है। भगत सिंह का जीवन परिचय भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर सन् 1907 ईस्वी को लायलपुर जिले के ग्राम बंगा में हुआ था। जो पाकिस्तान में स्थित एक सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम  विद्यावती कौर था। यह एक किसान परिवार से थे।  भगत सिंह जी का दाखिला दयानंद एंग्लो वैदिक हाई स्कूल में कराया था। बाद

महात्मा गांधी का जीवन परिचय।

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  महात्मा गांधी का जीवन परिचय। भारतीय वकील मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 ईस्वी में पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर  नामक स्थान पर हुआ था। और उनकी मृत्यु 30 जनवरी सन् 1948 ईस्वी में गांधी की उस समय नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 फरवरी वर्ष 1948 में महात्मा गांधी के अस्थि कलश जिन्हें 12 तटों पर विसर्जित किए गए थे। इनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था। और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था। महात्मा गांधी का विवाह 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था। विवाह के दो साल बाद गांधी जी के पिता का निधन हो गया। और पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद उनकी पहली संतान हुई। लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ समय बाद ही उसकी मृत्यु हो गई। गांधी ने 1887 मैट्रिक की परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी से पुरी की और इसके आगे की परीक्षा के लिए भी  भावनगर के शामलदास स्कूल में गए।  सितंबर 1818 ईस्वी को गांधी जी बारिस्टर पढ़ाई के लिए लंदन गए जहां पर उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में दाखिला लिया। गांधीजी शुरू से ही शाकाहारी थे और उन्होंने लंदन में भी अपन

हिंदी के सभी कवियों का शॉर्ट जीवन परिचय इमेज

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  मिश्र बंधु आचार्य शिवपूजन सहाय पांडेय बेचन शर्मा उग्र उपेन्द्र नाथ अश्क सुमित्रानंदन ब्रजभाषा कवि मतिराम दुष्यंत कुमार राम विलास शर्मा  आचार्य किशोरीदास वाजपेयी डॉ. नागेन्द्र नंददुलारे वाजपेयी आचार्य रामचन्द्र शुक्ल वियोगी हरि विद्यानिवास मिश्र शरतचंद्र चट्टोपाध्याय राजेंद्र बाला घोष "बंग महिला" चन्द्रधर शर्मा "गुलेरी"  फणीश्वरनाथ रेणू चंडी प्रसाद भट्ट विश्वंभर नाथ शर्मा रामेश्वर शुक्ल "अंचल" वृंदावन लाल वर्मा मुंशी प्रेमचंद कुमार विकल सुदामा पाण्डेय धूमिल शमशेर बहादुर सिंह नलिन विलोचन शर्मा सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' हरिवंश राय बच्चन गोपाल सिंह "नेपाली" गोपाल शरण सिंह शिव मंगल सिंह "सुमन" बालकृष्ण शर्मा रामधारी सिंह "दिनकर" त्र्यंबक वीर राघवाचार्य वैद्यनाथ मिश्र "नागार्जुन" जनार्दन प्रसाद झा "द्विज" मोहन लाल महतो वियोगी माखन लाल चतुर्वेदी महादेवी वर्मा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जयशंकर प्रसाद सत्य नारायण कविरत्न लाला भगवानदीन बालमुकुन्द गुप्त मैथिलीशरण गुप्त गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही