संदेश

सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Biography of Raghunandan Bhattacharya |

चित्र
  रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय | Biography of Raghunandan Bhattacharya | नाम: रघुनन्दन  उपनाम: रघुनंदन भट्टाचार्य जन्म्: 16वीं शताब्दी ई.पू,  स्नथान: नवद्वीप पिता: हरिहर,  गुरू: श्रीनाथ आचार्य चूड़ामणि  पेशा: संस्कृत लेखक रघुनन्दन भट्टाचार्य का जीवन परिचय । रघुनन्दन बंगाल क्षेत्र के एक भारतीय  संस्कृत विद्वान थे। रघुनंदन का जन्म लगभग 15वीं से 16वीं शती नवद्वीप में हुआ था। पिता का नाम हरिहर भट्टाचार्य था। बंगाल के प्रख्यात निबन्धकार थे। रघुनन्दन भट्टाचार्य श्रीनाथ आचार्य चूड़ामणि के शिष्य थे। उनके लेखन में 'रायमुकुता '1431 ईसापूर्व का उल्लेख है। और मित्रमिश्र के  'वीरमित्रोदय '17वीं शताब्दी के प्रारंभ द्वारा भी इसका उल्लेख किया गया है। इस प्रकार, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि रघुनंदन 16वीं शताब्दी ईसापूर्व के आसपास रहते थे। रघुनंदन ने नागरिक कानून और अनुष्ठानों पर 28 स्मृति ग्रंथ लिखे। जिन्हें सामूहिक रूप से अस्तविम्सति-तत्व के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी विद्वानों ने रघुनंदन के डाइजेस्ट की तुलना कॉमिन्स डाइजेस्ट से की और उन्हें " कॉमिन्स ऑफ इंडिया" कहा

प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय | Biography of Keshav Sitaram Thackeray |

चित्र
  प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय | Biography of Keshav Sitaram Thackeray |   नाम: केशव सीताराम ठाकरे पूरा नाम: केशव सीताराम पनवेलकर  जन्म: 17 सितंबर,1885 ई. पनवेल, भारत निधन: 20 नवंबर,1973 ई. मुंबई, भारत पत्नी: रमाबाई ठाकरे विद्यालय: कलकत्ता विश्वविद्यालय आंदोलन: संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन व्यवसाय: लेखक, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता रचनाएँ: खरा ब्राह्मण, जुन्या आठवणी, दगलबाज, रंगो बापूजी, संगीत सीताशुद्धी, आदि है। केशव सीताराम ठाकरे का जीवन परिचय । प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे एक सत्यशोधक आंदोलन के चोटी के समाज सुधारक और प्रभावी लेखक थे। इनका जन्म 17 सितंबर 1885 को पनवेल में एक मराठी हिंदू चंद्रसेनिया कायस्थ प्रभु परिवार में हुआ था। उनके पूर्वजों में से एक मराठा शासन के दौरान धोडप किले के किलेदार थे। केशव के पिता सीताराम का जन्म सीताराम रामचन्द्र धोडापकर के रूप में हुआ था, लेकिन बड़े होने के बाद उन्होंने परंपरा के अनुसार "पनवेलकर" उपनाम अपनाया, लेकिन अपने बेटे को स्कूल में प्रवेश दिलाते समय उन्होंने उसे "ठाकरे" उपनाम दिया। केशव ठाकरे की पत्नी रमाबाई ठ

जयानन्द भारती का जीवन परिचय | jayanand bharati ka jivan parichay

चित्र
  जयानन्द भारती का जीवन परिचय | jayanand bharati ka jivan parichay नाम: जयानन्द भारती अन्यनाम: जयानन्द आर्य "पथिक" जन्म: 17 अक्टूबर,1881ई. जन्मस्थान: ग्राम अरकंडाई,पौड़ी  मृत्यु: सितम्बर,1952 ई. पिता: छविलाल, योगदान एवं कार्य: डोला-पालकी आन्दोलन, ऐतिहासिक पौड़ी कांड, आर्य समाज: 1911 में जुड़ें। जयानन्द भारती का जीवन परिचय।  स्वाधीनता संग्रामी, डोला-पालकी और आर्यसमाज आन्दोलन के अग्रणी ‘जयानंद भारती’ का जन्म 17 अक्टूबर,1881 ईस्वी में ग्राम अरकंडाई, पौड़ी जनपद में हुआ था। पिता छविलाल और माता रैबली देवी का परिवार कृषि और पशुपालन के अलावा जागरी के काम से जुड़ा था। जयानन्द भी किशोरावस्था तक इन्हीं पैतृक कार्यों को किया करते थे। बाद में बेहतर रोजगार के लिए नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार और देहरादून में रहने लगे। बचपन से ही अंधविश्वासों के प्रति संशय रखने वाले जयानंद सन् 1911 में आर्य समाज विचारधारा से जुडकर उसके प्रचारक बन गए। जयानन्द भारती भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं सामाजिक चेतना के अग्रदूत थे। उन्होने डोला-पालकी आन्दोलन  चलाया। यह वह आन्दोलन था जिसमें शिल्पकारों के दूल्हे-दु

सर सैयद अहमद खाँ की जीवनी | Syed Ahmad Khan Biography Hindi

चित्र
सर सैयद अहमद खान की जीवनी | Syed Ahmad Khan shorts Biography in Hindi नाम: सर सैयद अहमद ख़ाँ जन्म:17 अक्टूबर 1817 ई. स्थान: दिल्ली,भारत  मृत्यु: 27 मार्च,1898 ई. स्थान: अलीगढ़, उत्तर प्रदेश पिता: मीर मोहम्मद मुत्तकी माता: अजिस-उन-निसा शिक्षा: ईस्ट इंडिया कंपनी कॉलेज,  पुरस्कार: स्टार ऑफ इंडिया पेशा: शिक्षक, राजनीतिज्ञ, लेखक,  युग: 19 वीं सदी,  प्रसिद्धि: ऐंग्लो-मोहमडन ओरिएंटल कॉलेज के संस्थापक स्थापित संगठन: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ आंदोलन, एमएओ कॉलेज, साइंटिफिक सोसायटी ऑफ अलीगढ, प्रमुख विचार: अलीगढ़ आंदोलन, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, दो राष्ट्र सिद्धांत कथन: हिन्दू और मुसलमान भारत माता की दो आँखें हैं। कृतियां: भारतीय विद्रोह के कारण, भारत के वफादार, असबाब-ए-बग़ावत-ए-हिन्द,  स्थापना: मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) सैयद अहमद ख़ान का जीवन परिचय।  सर सैयद अहमद खाँ का जन्म 17 अक्तूबर 1817 में दिल्ली में सैयद घराने में हुआ। इनके पिता का नाम मीर मोहम्मद मुत्तकी  और इनकी माता का नाम अजिस-उन-निसा था। उनके पिता सैयद मुतक्की मुहम्मद शाह अकबर सानी के सल

गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय | Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi |

चित्र
  गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय | Gopal Ganesh Agarkar shorts Biography In Hindi |  नाम: गोपाल गणेश आगरकर जन्म: 14 जुलाई, 1856 ई. स्थान: तेम्भू, सतारा, महाराष्ट्र  मृत्यु: 17 जून,1895 ई. स्थान: पुणे, भारत पिता: गणेशराव आगरकर, माता: सरस्वती अग्रकर पत्नी: यशोदाबाई अगरकर शिक्षा: बी.ए(1878), एम.ए(1880),  विद्यालय: डेक्कन कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट व्यवसाय: समाज सुधारक, शिक्षाविद्, लेखक, संपादक, प्रसिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार 👉डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक। 👉1892 से 1895 तक ये फर्ग्युसन कॉलेज के प्राचार्य रहे गोपाल गणेश आगरकर का जीवन परिचय।  लोकमान्य बालगंगाधर के सहपाठी और सहयोगी गोपाल गणेश आगरकर जी का जन्म 14 जुलाई,1956 ईस्वी को महाराष्ट्र  में सतारा ज़िले के 'तेम्भू' नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम 'गणेशराव आगरकर' तथा माता का नाम 'सरस्वती आगरकर' था। उनकी शादी 'यशोदा' नाम की कन्या के साथ 1877 में हुई थी।उन्होंने पुणे के 'दक्कन कॉलेज' में उच्च शिक्षा कराड में प्राप्त की थी। और बाद में उन्होंने वहां एक अदालत में

कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय | तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक | kandukuri veeresalingam biography in hindi

चित्र
  कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय | तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक | kandukuri veeresalingam biography in hindi नाम: कंदुकूरि वीरेशलिंगम्, जन्म: 16 अप्रैल 1848 ई. स्थान: राजमुंदरी,आन्ध्र प्रदेश निधन: 27 मई,1919 ई. स्थान: चेन्नई, भारत माता: पूर्णम्मा,  पिता: सुब्बारायुडु पत्नि: कंदुकुरी राज्यलक्ष्मी  शिक्षा: मैट्रिक,  पेशा: समाज सुधारक, साहित्यकार पुरस्कार: राव बहादुर,  पुस्तकें: आंध्र कावुला चरित्रमु  👉तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक "कंदुकूरि वीरेशलिंगम्" 👉1880 'राजशेखर चरित्र' तेलुगु में पहला उपन्यास 👉1878 में राजमुंदरी सोशल रिफॉर्म एसोसिएशन की स्थापना की।   कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जीवन परिचय।   तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन के जनक माने जाने वाले कंदुकूरि वीरेशलिंगम् का जन्म 16 अप्रैल 1848 ईस्वी में राजमुंदरी,  मद्रास प्रेसीडेंसी में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में सुब्बारायुडु और पूर्णम्मा के घर हुआ था। जब वह छह महीने के थे तो उन्हें चेचक नामक खतरनाक बीमारी हो गई और जब वह चार साल के हुए तो उनके पिता की मृत्यु हो गई। उन्हें उनके चाचा वेंकटरत्नम ने गोद लिया था। 

गोपाल हरि देशमुख की जीवन परिचय | 19वीं शताब्दी के महान समाज सुधारक लोकहितवादी | Gopal Hari Deshmukh Biography in Hindi

चित्र
  Gopal Hari Deshmukh shorts Biography in Hindi नाम: गोपाल हरि देशमुख अन्यनाम: लोकहितवादी, राव बहादुर जन्म: 18 फरवरी 1823 ई. पुणे मृत्यु: 9 अक्टूबर 1892 ई. स्थान: पुणे, भारत युग: उन्नीसवीं सदी का दर्शन मुख्य रुचियाँ: नैतिकता, धर्म, मानवतावाद गोपाल हरि देशमुख का जीवन परिचय। गोपाल हरि देशमुख का जन्म 18 फ़रवरी  1823 में महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों के एक  चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। और इनकी मृत्यु 9 अक्टूबर 1892 में हुआ था। वह देशमुख विश्वनाथपंत सिधाय के वंशज हैं। जिनके पास कई गांवों का वतन था। 'देशमुख' उपनाम अपनाने और पुणे में बसने से पहले उनके परिवार का नाम 'सिधाये' था। और वे कोंकण के मूल निवासी थे। इनके पिता तीसरे आंग्ल मराठा युद्ध के दौरान बाजीराव द्वितीय के सेनापति, बापू गोखले के कोषाध्यक्ष थे । देशमुख ने पूना इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़ाई की।  देशमुख ने ब्रिटिश राज के तहत सरकार के लिए एक अनुवादक के रूप में अपना करियर शुरू किया । 1867 में सरकार ने उन्हें अहमदाबाद, गुजरात में लघु वाद न्यायाधीश नियुक्त किया । उन्होंने रतलाम राज्य में दीवान के रूप में भी कार्य किया। ज

स्वामी प्रभुपाद संछिप्त परिचय | Swami Prabhupada shorts Biography Hindi

चित्र
  स्वामी प्रभुपाद संछिप्त परिचय | Swami Prabhupada shorts Biography Hindi | अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जीवनी | Biography of A. C. Bhaktivedanta Swami in Hindi Jivani पूरानाम: अभयचरणविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद अन्यनाम: श्रील प्रभुपाद, भक्तिवेदांत स्वामी, स्वामी प्रभुपाद जन्म: 1 सितम्बर,1896 ई. स्थान: कोलकाता, पश्चिम बंगाल मृत्यु: 14 नवम्बर,1977 ई. स्थान: वृन्दावन, उत्तर प्रदेश पिता: गौर मोहन डे माता: रजनी  पत्नी: राधारानी देवी  शैक्षिक योग्यता: स्नातक  विद्यालय: स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय गुरु: श्रील भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी भाषा:अंग्रेजी,बंगाली,संस्कृत, हिंदी समाधि: श्रील प्रभुपाद का समाधि मंदिर, इस्कॉन वृन्दावन प्रसिद्धि: कृष्ण भक्त, कर्मभूमि: भारत व अमेरिका पद: गुरु, सन्यासी, संस्थापकाचार्य धार्मिक कार्यकाल: 1966 से 1977 तक संस्थापक: गौड़ीय मठ, इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन "इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस"(ISKCON ) की स्थापना वर्ष 1966 में वेबसाइट: prabhupada.krishna.com

प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक | विट्ठल रामजी शिन्दे जीवन परिचय | Biography of Vitthal Ramji Shind

चित्र
  प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक | विट्ठल रामजी शिन्दे जीवन परिचय | Biography of Vitthal Ramji Shind नाम: विट्ठल रामजी शिंदे पुरानाम: महर्षी विठ्ठल रामजी शिंदे  जन्म: 23 अप्रैल,1873 ई. स्थान: जामखंडी, कर्नाटक मृत्यु: 2 जनवरी,1944 ई. पिता: रामजी शिंदे,  माता: यमुनाबाई पत्नि: रुक्मिणी शिक्षा: मैट्रिक, बी.ए., एल.एल.बी  विद्यालय: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, फर्ग्यूसन कॉलेज,  व्यवसाय: सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सुधारक पुस्तकें: भारतीय अस्पृष्यतेचा प्रश्न 1898 : प्रार्थना समाज में शामिल हुए। और अनुयायी बन गए। 1905 : अछूतों के बच्चों के लिए एक रात्रि विद्यालय की स्थापना की (मीथगंजपेठ पुणे ) 1906: बंबई में दलित वर्ग मिशन की स्थापना की।  1907: सोमवंशीय मित्र समाज की स्थापना की। 1910 में 'प्रार्थना समाज' को पूरी तरह छोड़ दिया। 1917 : को अखिल भारतीय निराश्रित अस्पृश्यता निवारक संघ की स्थापना की। 1933: "भारतीय अस्पृश्यतेचा प्रश्न" पुस्तक प्रकाशित हुई। विट्ठल रामजी शिंदे का जीवन परिचय।  महर्षि विट्ठल रामजी शिन्दे महाराष्ट्र के सबसे बड़े समाजसुधारकों में से थे। उनका सबसे बड़ा योगदान अस्पृश

Bharat के महान संत | रामानंद का जीवन परिचय, और रचनाएं | Biography of Ramanand |

चित्र
 Bharat के महान संत | रामानंद का जीवन परिचय, और रचनाएं | Biography of Ramanand |  नाम: स्वामी रामानंद जन्म: प्रयागराज पिता: पुण्य सदन माता: सुशीला देवी मृत्यु: वाराणसी, शिक्षा: श्रीमठ काशी गुरु: राघवनंद आराध्यदेव: भगवान राम सम्प्रदाय: रामावत सम्प्रदाय (रामानन्दी सम्प्रदाय) शिष्य: 12 प्रसिद्ध शिष्य (अनंतानंद, भावानंद, नाभा दास, नरहर्यानंद, पीपा, सेन नाई, धन्ना, सुखानंद, कबीर, रैदास, सुरसरी, पदमावती), इत्यादि। रचना: वैष्णवमताब्जा भास्कर, श्रीरामार्चनपद्धति, उपनिषद आनन्दभाष्य, श्रीमद्भगवदगीता आनंदभाष्य, संस्कृत में है।

एनी बेसेन्ट का जीवन परिचय | shorts Biography of Annie Besant | डाॅ.एनी बेसेंट की रचनाएँ |

चित्र
एनी बेसेन्ट का जीवन परिचय | shorts Biography of Annie Besant | डाॅ.एनी बेसेंट की रचनाएँ | नाम: डॉ. एनी बेसेंट (Annie Besant ) जन्म: 1 अक्टूबर 1847 ई. स्थान: क्लैहम, लंदन  मृत्युः 20 सितम्बर1933 ई. स्थान: चेन्नई, भारत माता: एमिली मॉरिस पिता: विलियम वुड पति: रेवेरेंड फ्रैंक बेसेंट बच्चे: अर्थर, माबेल शिक्षाः ब्रिकबेक, लंदन विश्व विद्यालय, भाषा: अंग्रेजी राष्ट्रीयता: ब्रिटिश, आंदोलन: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन,  पार्टी: सोशल डेमोक्रेटिक फेडरेशन, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रसिद्धि: लेखिका, समाज सेविका, स्वतंत्रता सेनानी स्थापित संगठन: भारतीय होम रूल आंदोलन, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय,सेंट्रल हिंदू बॉयज़ स्कूल,सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल उपलब्धि: 1917 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष, पद: कांग्रेस अध्यक्ष,  रचनाएँ: डेथ ऐण्ड आफ़्टर, इन द आउटर कोर्ट, द सेल्फ ऐण्ड इट्स शीथ्स, आदि। पुरस्कार: देशवासियों ने उन्हें माँ वसंत कहकर सम्मानित किया तो महात्मा गांधी ने उन्हें वसंत देवी की उपाधि से विभूषित किया। एनी बेसेन्ट का जीवन परिचय।  भारत की मिट्टी से गहरा लगाव रखने वाली समाजसेवी, लेखि

कालीचरण महाराज का जीवन परिचय |kalicharan maharaj | shorts history biography in hindi

चित्र
  कालीचरण महाराज का जीवन परिचय |kalicharan maharaj | shorts history biography in hindi प्रसिद्ध नाम: कालीचरण माहाराज नाम: अभिजीत धनंजय सराग उपनाम: महाराज जन्म: 1973 ई. स्थान: अकोला, महाराष्ट्र पिता: धनंजय सारग  माता: सुनीता देवी प्रसिद्ध: शिव तांडव धर्म: हिन्दू, जाति: जाट विद्यालय: महाराष्ट्र में एक स्थानीय स्कूल  शिक्षा: आठवीं तक ही पढाई की हैं।  (वेद पुराण, उपनिषद गीता का बहुत अच्छा ज्ञान हैं ) पेशा: धार्मिक उपदेशक, संरक्षक और भारतीय गुरु 

आचार्य बाल गंधाधर जांभेकर परिचय | Biography of Bal Gandhadhar Jambhekar |

चित्र
आचार्य बाल गंधाधर जांभेकर परिचय | Biography of Bal Gandhadhar Jambhekar |  उपनाम: आचार्य, मराठी समाचार पत्र उद्योग के जनक नाम: बाल गंधाधर जांभेकर जन्म्: 6 जनवरी 1812 ई. स्थान: पोंभुर्ले, महाराष्ट्र मृत्यु: 17 मई 1846 ई. स्थान: मुंबई,भारत पिता: गंगाधर शास्त्री भाषा: मराठी, संस्कृत, बंगाली,  गुजराती, कन्नड़, तेलुगु,फ़ारसी, फ्रेंच, आदि पेशा: पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता 👉1812 : बालशास्त्री जम्भेकर का जन्म पोंभुर्ले, कोंकण क्षेत्र, महाराष्ट्र में हुआ था 👉1832: पहला मराठी समाचार पत्र "दर्पण" 6 जनवरी को लॉन्च किया गया था 👉1840: "दर्पण" का अंतिम संस्करण छपा था 👉 1840: पहला मराठी मासिक "दिग्दर्शन " प्रकाशित हुआ था 👉1845: पहला "ज्ञानेश्वरी" छापने वाले व्यक्ति 👉मुंबई एलफ़िस्टन कॉलेज में पहले सहायक प्रोफेसर आचार्य बाल गंधाधर जांभेकर परिचय | Biography of Bal_Gandhadhar_Jambhekar |    बाल गंधाधर जांभेकर का जीवन परिचय।  मराठी पत्रकारिता के जनक" के रूप में जाने जाने वाले बाल गंधाधर जांभेकर जन्म 6 जनवरी 1812 को महाराष्ट्र राज्य के कोंकण क्षेत्र में देव

भारत के महान संत | श्री रामकृष्ण परमहंस छवि का जीवनी | Ramkrishna Paramhans shorts images Biography in Hindi

चित्र
  भारत के महान संत | श्री रामकृष्ण परमहंस छवि का जीवनी | Ramkrishna Paramhans shorts images Biography in Hindi  नाम: गदाधर चट्टोपाध्याय उपनाम: रामकृष्ण परमहंस जन्म: 18 फ़रवरी 1836 ई. स्थान: कामारपुकुर,बंगाल, मृत्यु: 16 अगस्त 1886 ई. स्थान: कोसीपोर,कोलकाता मृत्यु कारण: गले में कैंसर पिता: खुदीराम चट्टोपाध्याय माता: चन्द्रमणिदेवी पत्नी: शादरा धर्म: सनातन,  मंदिर: दक्षिणेश्वर काली मंदिर आदेश: आत्मबोध,  जाति: बंगाली ब्राह्मण संस्थापक: रामकृष्ण ऑर्डर व्यवसाय: महान संत, विचारक,  सम्मान: परमहं शिष्य: स्वामी विवेकानंद, केशवचंद्र सेन,स्वामी ब्रह्मानंद, आदि कथन: ईश्वर को मोक्ष से प्राप्त करना नहीं, बल्कि कर्म को प्राप्त करना संभव है।

महर्षी धोंडो केशव कर्वे की जीवनी | Dhondo Keshav Karve Biography In Hindi | भारत रत्न |

चित्र
महर्षी धोंडो केशव कर्वे की जीवनी | Dhondo Keshav Karve Biography In Hindi | भारत रत्न | नाम: धोंडो केशव कर्वे,  उपनाम: महारानी कर्वे  जन्म: 18अप्रैल,1858 ई. स्थान: रत्नागिरी, महाराष्ट्र  मृत्यु: 9 नवंबर,1962 ई. स्थान: पुणे, भारत माता: लक्ष्मीबाई, पिता: केशव पंत पत्नी: राधाबाई और गोदुबाई  बच्चे: रघुनाथ, भास्कर, दिनकर, शंकर शिक्षा: स्नातक (गणित) विद्यालय: एलफिंस्टन कॉलेज, मुम्बई प्रसिद्धि: समाज सुधारक, शिक्षक शास्त्री पुरस्कार: भारत रत्न (1958), पद्म विभूषण (1955) रचनाएँ: मराठी में आत्मावृत्ता (1928), और अंग्रेजी में लुकिंग बैक (1936 ) धोंडो केशव कर्वे का जीवन परिचय।  महर्षि कर्वे का जन्म 18 अप्रॅल, 1858 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि ज़िले के 'मुरूड़' नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री केशव पंत था। और माता का नाम मॉ लक्ष्मीबाई था। इनकी आरंभिक शिक्षा मुरुड में हुई। पश्चात् सतारा में दो ढाई वर्ष अध्ययन करके मुंबई के राबर्ट मनी स्कूल में दाखिल हुए।1884 ईस्वी में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से गणित विषय लेकर बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। बी.ए. करने के बाद वे एलफिंस्टन स्कूल मे

आचार्य बालकृष्ण की जीवनी | Acharya Balkrishna Biography in Hindi

चित्र
आचार्य बालकृष्ण की जीवनी  Acharya Balkrishna shorts Biography in Hindi नाम: बालकृष्ण सुवेदी उपनाम: आचार्य बालकृष्ण जन्म: 4 अगस्त 1972 ई. स्थान: हरिद्वार, उत्तराखंड पिता: जय बल्लभ माता: सुमित्रा देवी धर्म: हिंदू वैवाहिक स्थिति: अविवाहित,  विद्यालय: कालवा गुरुकुल, हरियाणा,भारत भाषा: संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी पेशा: आयुर्वेदाचार्य, व्यापारी व्यवसाय: पतंजलि आयुर्वेदाचार्य पद: पतंजलि आयुर्वेदाचार्य के एमडी (MD) एवं सीईओ (CEO) शौक: किताबे पढ़ना, लिखना, यात्रा करना

नारी शिक्षा के समर्थक | ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जीवनी | Ishwar Chandra Vidyasagar Biography Hindi 

चित्र
नारी शिक्षा के समर्थक | ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की जीवनी | Ishwar Chandra Vidyasagar Biography Hindi  ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जीवन परिचय।  नाम: ईश्वर चन्द्र विद्यासागर जन्म: 26 सितम्बर 1820 ई.,बिरसिंघा,पश्चिम बंगाल मृत्यु: 29 जुलाई,1891ई., कोलकाता, भारत पिता: ठाकुरदास बंधोपाध्याय,  माता: भगवती देवी पत्नी: दिनमयी देवी,  बच्चे: नारायण चंद्र बंद्योपाध्याय शिक्षा: स्नातक,  विद्यालय: संस्कृत कॉलेज कलकत्ता, और फोर्ट विलियम कॉलेज पेशा: लेखक, सिद्धांतवादी, विद्वान, शिक्षक, समाज सुधारक आंदोलन: बंगाल का पुनर्जागरण प्रसिद्धि: स्वाधीनता सेनानी, शिक्षाशास्त्री और समाज सुधारक ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जीवन परिचय।  ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर 1820 को बंगाल के मेदिनीपुर जिले के बिरसिंघा गाँव में हुआ था। वे एक काफी गरीब से थे। उनके पिता का नाम ठाकुरदास बन्द्योपाध्याय तथा उनकी माता का नाम भगवती देवी था। उनका वास्तविक नाम ईश्वर चन्द्र बन्द्योपाध्याय था। उनकी पत्नी का नाम दिनमयी देवी था। उनके बेटे का नाम नारायण चंद्र बन्द्योपाध्याय है।  ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ने प्रारम्भिक शिक्षा गाँव क

पांडुरंग शास्त्री आठवले | दादाजी | जीवन परिचय | Biography of Pandurangshastri Athavale |

चित्र
 पांडुरंग शास्त्री आठवले | दादाजी | जीवन परिचय | Biography of Pandurangshastri Athavale |  पांडुरंगशास्त्री आठवले का जीवन परिचय।  पांडुरंग वैजनाथ आठवले का जन्म 19 अक्टूबर 1920 को भारत के महाराष्ट्र के रोहा गाँव में चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता वैजनाथ शास्त्री आठवले संस्कृत के अध्यापक थे। और इनकी माता का नाम पार्वती आठवले था। और उनकी पत्नी का नाम निर्मला ताई आठवले है। आठवले जब बारह वर्ष के थे। तब उनके पिता ने युवा लड़के के लिए अध्ययन का एक स्वतंत्र पाठ्यक्रम स्थापित किया। इस प्रकार, आठवले को प्राचीन भारत की  तपोवन प्रणाली के समान ही एक प्रणाली में पढ़ाया गया था। 1942 में, उन्होंने श्रीमद्भगवद गीता पाठशाला, माधवबाग, मुंबई में प्रवचन देना शुरू किया।जो 1926 में उनके पिता द्वारा स्थापित केंद्र था। आठवले ने 14 वर्षों की अवधि तक रॉयल एशियाटिक लाइब्रेरी में लगन से पढ़ाई की। 1954 में, उन्होंने जापान में आयोजित द्वितीय विश्व दार्शनिक सम्मेलन में भाग लिया। वहां आठवले ने वैदिक आदर्शों और भगवद गीता की शिक्षाओं की अवधारणा प्रस्तुत की। पांडुरंगशास्त्री आठवले भारतीय कार्यकर्ता, दार्शन

बाबा रामदेव महाराज जीवन परिचय Baba Ramdev shorts biography in hindi

चित्र
बाबा रामदेव महाराज जीवन परिचय Baba Ramdev shorts biography in hindi नाम: रामकृष्ण यादव उपनाम: बाबा रामदेव,योग गुरु जन्मष: 25 दिसंबर 1965 ई. स्थान: महेंद्रगढ़,हरियाणा, पिता: रामनिवास यादव  माता: गुलाबो देवी, पत्नि: अविवाहित भाई: राम भारत शिक्षा: 8 वी पास, वेद संस्कृत एवं योग विद्यालय: गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार भाषा: हिन्दी,अंग्रेज़ी, पेशा: योग शिक्षक, व्यवसायी संगठन: पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि योगपीठ प्रसिद्धि: योग गुरु, संस्था: पतंजलि पुरस्कार: जनवरी 2007 में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रीयल टेक्नोलोजी, भुवनेश्वर, उड़ीसा ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।,  मार्च 2010 में एमिटी विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस की डिग्री से सम्मानित किया।

पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जीवन परिचय,रचनाएं | Shriram Sharma biography in Hindi |

चित्र
 पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जीवन परिचय,रचनाएं | Shriram Sharma biography in Hindi | नाम: पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य उपनाम: गुरुदेव, युगऋषि, वेदमूर्ति, गुरूजी जन्म: 20 सितम्बर 1911ई. स्थान: आंवलखेड़ा,आगरा,U.p मृत्यु: 2 जून 1990 ई. स्थान: हरिद्वार, उत्तराखंड पिता: पं.श्री रूपकिशोर शर्मा माता: दानकुंवारी देवी पत्नी: भगवती देवी गुरु: श्री सर्वेश्वरानंद जी महाराज शिक्षा: अध्यात्म व वैदिक शिक्षा, व्यवसाय: अध्यात्म विज्ञानी, योगी, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, लेखक प्रमुख संस्था: अखिल विश्व गायत्री परिवार आंदोलन: युग निर्माण योजना प्रसिद्धि: अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक व संरक्षक, साहित्य युग: शुक्ल द्वितीय युग शैली: वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, आत्मकथात्मक,  रचनाएं: गायत्री और यज्ञ, शिकार साहित्य, परिवार निर्माण, प्राणों का सौदा, जंगल के जीव,बाल निर्माण,सतयुग की वापसी, आदि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एक संक्षिप्त परिचय पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य का जीवन परिचय।  श्रीराम शर्मा का जन्म 20 सितम्बर 1911 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के आँवलखेड़ा गांव में हुआ था। और 2 जून 1990 को हरिद्वार मे इनकी

बाबा आमटे का जीवन परिचय | Baba Amte shorts Biography in Hindi | बाबा आम्टे की साहित्यिक रचनाएँ

चित्र
 बाबा आमटे का जीवन परिचय | Baba Amte shorts Biography in Hindi | बाबा आम्टे की साहित्यिक रचनाएँ  पूरानाम: मुरलीधर देवीदास आमटे उपनाम: बाबा आमटे जन्म: 26 दिसंबर 1914 ई. स्थान: महाराष्ट्र, भारत मृत्यु: 9 फरवरी, 2008 ई. स्थान: वड़ोरा, चंद्रपुर पिता: देवीदास आमटे, माता: लक्ष्मीबाई आमटे पत्नी: साधना, बच्चे: प्रकाश आमटे, विकास आमटे शिक्षा: एम.ए., एल.एल.बी. विद्यालय: 'क्रिस्चियन मिशन स्कूल' नागपुर, 'नागपुर विश्वविद्यालय' प्रसिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता रचनाएं : ज्वाला आणि फुले' (कवितासंग्रह), 'उज्ज्वल उदयसाथी' (काव्य) पुरस्कार: पद्मश्री 1971, राष्ट्रीय भूषण 1978, पद्म विभूषण 1986, मैग्सेसे पुरस्कार 1988, आंदोल: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, आनंदवन, भारत जोड़ी, नर्मदा बचाओ आंदोलन सामाजिकसंस्था: आनंदवन, लोकबिरादरी प्रकल्प (कुष्ठरुग्नांची सेवा) बाबा आमटे का जीवन परिचय।  बाबा आमटे का जीवन परिचय।  विख्यात समाजसेवक बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 ईस्वी को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगणघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देवीदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था।

सद्गुरु 'जगदीश वासुदेव' की जीवनी | #Sadhguru Jaggi Vasudev shorts images Biography in Hindi

चित्र
 सद्गुरु 'जगदीश वासुदेव' की जीवनी | #Sadhguru Jaggi Vasudev shorts images Biography in Hindi |  नाम: जगदीश वासुदेव (सद्गुरु) जन्म: 3 सितम्बर 1957 ई. स्थान: मैसूर,कर्नाटक,भारत पिता: डॉ.वासुदेव 'ओप्याल्मोलॉजिस्ट' पत्नी: विजया कुमारी माता: सुशीला वासुदेव बच्चे: राधे जग्गी जाति: यादव, धर्म: हिन्दू  निवास स्थान: तमिलनाडु विवाह तिथि: 1984, महाशिवरात्रि के दिन गुरु: राघवेन्द्र राव जी महाराज शिक्षा: स्‍नातक, विद्यालय: मैसूर विश्‍वविद्यालय पेशा: संत,योगी,लेखक,कवि, वक्ता संगठन/आश्रम : ईशा फाउंडेशन (1992) भाषाएं: हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, तमिल,तेलगु आदि पुरस्कार: पद्म विभूषण 2017, इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार वेबसाइट: isha.sadhguru.org सद्गुरु 'जगदीश वासुदेव' की जीवनी छवि

आचार्य विनोबा भावे ka jeevan parichay | रचनाएं | Biography of Vinoba Bhave in Hindi |

चित्र
 आचार्य विनोबा भावे का जीवन परिचय।  विनोबा भावे एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और भूदान आंदोलन के प्रणेता थे। जिनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था। आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितम्बर 1895 ईस्वी को रायगढ़, ब्रिटिश भारत में हुआ। और इनके पिता जी का नाम विनायक नरहरि शंभू राव और माता जी का नाम रुक्मिणी देवी था। ये चार भाई बहन थे जिनमे विनायक सबसे बड़े थे। इनकी माताजी धार्मिक चीजों से बहुत प्रभावित इसलिए इनको श्रीमद् भागवत गीता बचपन में ही पढ़ने का मौका मिला। 1915 में उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा पास की। पिता ने कहा। ‘फ्रेंच पढ़ो.’ मां बोलीं ‘ब्राह्मण का बेटा संस्कृत न पढ़े, यह कैसे संभव है! विनोबा ने उन दोनों का मन रखा। इंटर में फ्रेंच को चुना। संस्कृत का अध्ययन उन्होंने निजी स्तर पर जारी रखा। 1916 में, महात्मा गांधी द्वारा लिखित एक अखबार के टुकड़े को पढ़ने के बाद। भावे ने इंटरमीडिएट परीक्षा में बैठने के लिए बॉम्बे जाते समय अपने स्कूल और कॉलेज के प्रमाणपत्रों को आग में फेंक दिया। गांधी ने भावे को अहमदाबाद के कोचरब आश्रम में एक व्यक्तिगत बैठक के लिए आने की सलाह दी ।  19

देवराहा बाबा की जीवनी | Devraha Baba ki Biography

चित्र
  देवराहा बाबा की जीवनी | Devraha Baba ki Biography संत: सिद्ध योगी संत नाम: देवरहा बाबा जन्म: 20वीं शताब्दी पूर्वा स्थान: देवरिया,उत्तर प्रदेश मृत्यु: 19 जून 1990 ई. स्थान: वृन्दावन, उत्तर प्रदेश आयु: लगभग 250 साल से लेकर 900 (निश्चित पता नहीं है) गुरु: स्वामी निरंजन देव सरस्वती  कर्मभूमि: मायल बँटवारा मंदिर: ब्रह्मर्षि योगीराज देवराहा बाबा मंच आश्रम, मईल, जयपुर, उत्तर प्रदेश समाज को संदेश: अपने जीवन को शुद्ध व पवित्र बनाओ

जमनालाल बजाज का जीवन परिचय | Biography of Jamna Lal Bajaj in Hindi

चित्र
  जमनालाल बजाज का जीवन परिचय । जमनालाल बजाज का जन्म 4 नवम्बर 1889 ईस्वी को जयपुर रियासत के सीकर में '"काशी का बास" में एक गरीब मारवाड़ी परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम कनीराम और उनकी माता का नाम बिरदीबाई था। वे केवल चौथी कक्षा तक पढ़े थे। इन्हें अंग्रेजी  नहीं आती थी। जमनालाल बजाज वर्धा के एक बड़े सेठ बच्छराज के यहां पांच वर्ष की आयु में गोद लिये गये थे। सेठ वच्छराज सीकर के रहने वाले थे। उनके पूर्वज सवा सौ साल पहले नागपुर में आकर बस गये थे। बाल विवाह के उस दौर में जमनालाल का विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही नौ वर्ष की जानकी से कर दिया गया। केवल 17 वर्ष की उम्र में कारोबार संभालने वाले जमनालाल ने एक बाद एक कई कंपनियों की स्थापना की थी। जो आगे चलकर  बजाज समूह कहलाया। आज यह भारत  के प्रमुख व्यवसायी घरानों में से एक है। जमनालाल बजाज भारत के एक उद्योगपति, मानवशास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे तथा उनके बहुत करीबी व्यक्ति थे। गांधीजी ने उन्हें अपने पुत्र की तरह माना। आज भी उनके संचालित ट्रस्ट समाजसेवा के कामों में जुटा है। असहयोग आंदोलन के

सद्गुरु श्री रितेश्वर जी महाराज की जीवनी | shorts Biography of Sadhguru Shri Riteshwar

चित्र
 सद्गुरु श्री रितेश्वर जी महाराज की जीवनी | shorts Biography of Sadhguru Shri Riteshwar  नाम: सद्गुरु श्री रितेश्वर  जन्म: 5 जनवरी 1973 ई. स्थान: गोरखपुर, उत्तर प्रदेश पिता: श्री युत विजय नारायण माता: श्रीमती मंजू देवी पेशा: आध्यात्मिक नेता, प्रेरक वक्ता, लेखक संगठन : श्री आनंदम धाम ट्रस्ट वृन्दावन पुरस्कार: भारत गौरव पुरस्कार 2021, महाराष्ट्र सरकार द्वारा "सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक नेता"  वेबसाइट: shrianandamdham.com 

स्वामी विवेकानंद | biography in hindi | और रचनाएं | जीवन परिचय | Book of Swami Vivekananda |

चित्र
  स्वामी विवेकानन्द का जीवन परिचय। विवेकानन्द का जन्म नरेन्द्रनाथ दत्त   के रूप में एक बंगाली परिवार में हुआ था। ब्रिटिश भारत की राजधानी  कलकत्ता में 3 गौरमोहन मुखर्जी स्ट्रीट  में उनके पैतृक घर में 12 जनवरी 1863 ईस्वी को मकर संक्रांति उत्सव के दौरान। वह एक पारंपरिक परिवार से थे। और नौ भाई-बहनों में से एक थे। इनके पिता, विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। और माता भुवनेश्वरी देवी, एक धर्मनिष्ठ गृहिणी थीं। नरेंद्र के दादा दुर्गाचरण दत्त एक संस्कृत और फ़ारसी विद्वान थे। जिन्होंने पच्चीस साल की उम्र में अपना परिवार छोड़ दिया और एक भिक्षु बन गए। नरेंद्रनाथ को छोटी उम्र से ही आध्यात्मिकता में रुचि थी और वे शिव, राम,सीता और महावीर हनुमान जैसे देवताओं की छवियों के सामने ध्यान करते थे। 1871 में,आठ साल की उम्र में, नरेंद्रनाथ ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपॉलिटन इंस्टीट्यूशन में दाखिला लिया। जहां वे 1877 में अपने परिवार के रायपुर चले जाने तक स्कूल गए। 1879 में अपने परिवार के कलकत्ता लौटने के बाद, वह एकमात्र छात्र थे प्रेसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम श्रेणी अंक प्राप